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मांझी के भविष्य पर फैसला आज, ललन-शाही को किया बरखास्त

पटना : पार्टी से बगावत के एक दिन बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शरद-नीतीश कैंप पर हमला करते हुए पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही की बरखास्तगी की सिफारिश राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से कर दी. शुक्रवार को जमुई, खगड़िया और सहरसा से लौटने के बाद देर रात दोनों […]

पटना : पार्टी से बगावत के एक दिन बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शरद-नीतीश कैंप पर हमला करते हुए पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही की बरखास्तगी की सिफारिश राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से कर दी. शुक्रवार को जमुई, खगड़िया और सहरसा से लौटने के बाद देर रात दोनों मंत्रियों की बरखास्तगी की चिट्ठी राजभवन को भेज दी गयी.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के निशाने पर नीतीश समर्थक माने जानेवाले चार और मंत्री हैं, जिनके बारे में शनिवार को सिफारिशी पत्र भेजे जाने की संभावना है. इधर, मुख्यमंत्री के पर कतरने को तैयार जदयू के अध्यक्ष शरद यादव ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि शनिवार की विधायक दल बैठक के बाद जीतन राम मांझी अल्पमत में हो जायेंगे. लिहाजा उनकी किसी भी अनुशंसा और आदेश को तरजीह नहीं दिया जाये.
सूत्र बताते हैं कि शरद यादव के इस पत्र को शनिवार को राजभवन भेजा जायेगा. इधर, बरखास्तगी की अनुसंशा के बाद समाज कल्याण विभाग की मंत्री लेसी सिंह के आवास पर नीतीश समर्थक मंत्रियों का जुटान हुआ. लेसी सिंह के घर भोज में जुटे मंत्री देर रात नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचे, जहां ललन सिंह ने कहा कि मैं सीएम मांझी के आदेश को नहीं मानता. इस बीच जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि शनिवार की बैठक के बाद मांझी संवैधानिक तौर पर मुख्यमंत्री पद के पात्र नहीं रह जायेंगे. इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीति आयोग की बैठक में उन्हें किस हैसियत से अपने साथ बैठायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विधायक दल की बैठक के बाद यदि कोई पेच लगायी गयी, तो सभी समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में नीतीश धरना देंगे.
इससे पहले मांझी ने खगड़िया में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की बैठक को नकारते हुए उसके समानांतर 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलाने का एलान किया. पटना पहुंचने पर सीएम सचिवालय से इस आशय का पत्र भी जारी किया गया. सूत्रों के मुताबिक, 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक को लेकर मांझी समर्थक मंत्री और जदयू के विधायकों से संपर्क साधने में जुट गये हैं. इधर, जदयू ने भी मांझी के खिलाफ निर्णायक फैसले के संकेत दिये हैं. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि शनिवार को ही तय हो जायेगा कि विधायक दल क हां खड़ा है.
शुक्रवार को जिस समय पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आवास पर दलित, महादलित और आदिवासी प्रकोष्ठों की बैठक कर रहे थे, वहीं एक सरकारी कार्यक्रम में खगड़िया और सहरसा पहुंचे मांझी उन्हें ललकारते दिखे. मांझी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि महाभारत के भीष्म की तरह वह भी चुप्पी साधे हुए हैं.
मांझी के साथ उनके चार समर्थक मंत्रियों ने पटना में जदयू और शरद यादव व नीतीश कुमार को तानाशाह करार दिया. मांझी जब सहरसा से पटना लौटे, तो हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र और जदयू के निलंबित विधायक राजीव रंजन भी पहुंचे. मांझी समर्थकों ने राजधानी में भी उग्र रूप दिखाया. दोपहर बाद जदयू के प्रदेश कार्यालय में तोड़फोड़ की.
दूसरी ओर शरद यादव के कहने पर शनिवार को विधायक दल की बैठक की तैयारी शुरू हो गयी. जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि सभी विधायकों को दोपहर बाद तीन बजे बैठक स्थल पर पहुंचने को कहा गया है. मांझी की तरह उनके चार मंत्रियों ने भी शरद और नीतीश कुमार के खिलाफ मोरचा खोल दिया. ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल और पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने खुल कर सात फरवरी को निर्धारित विधायक दल की बैठक की आलोचना की और उसे असंवैधानिक करार दिया.
दूसरी ओर भाजपा ने कहा है कि वह अपने सभी विकल्प खोल कर रखी है. मुंगेर में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा ताजा राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए है. इस बीच पटना में विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकि शोर यादव के सरकारी आवास पर भाजपा नेताओं की बैठक हुई. बैठक में मांझी सरकार के भविष्य को लेकर मंथन चल रहा है.
सीएम ने की संयम बरतने की अपील
जदयू कार्यालय में हंगामा व मारपीट की घटना पर सीएम मांझी ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कार्यकर्ताओं से धैर्य व संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता हिंसा से बचे और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी भावनाओं को प्रकट करें. इधर,जदयू विधायक मंजीत सिंह, अभिराम शर्मा, अशोक कुमार सिंह, महासचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य ने सप्तमूर्ति के पास धरना दिया. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शनिवार को दिल्ली जायेंगे. रविवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीति आयोग के संबंध में बैठक में भाग लेंगे.
20तक इंतजार नहीं करना होगा. शनिवार को बैठक में सीएम मांझी के भविष्य पर फैसला हो जायेगा. पार्टी के प्रति जिसके मन में मोह नहीं रह जाता, जिसे कम समय में बहुत कुछ मिल जाता है, मांझी ही ऐसा कर रहे हैं. पार्टी के विकास में उनका कोई कंट्रीब्यूशन नहीं है. कुछ लोग जदयू को अस्त-व्यस्त करने में लगे हैं. ऐसा चार-पांच दिन रहेगा और फिर सब शांत हो जायेगा.
वशिष्ठ ना सिंह, जदयू प्रदेश अध्यक्ष
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर उत्पन्न विवाद पूरी तरह से जदयू का अंदरूनी मामला है. मुङो विश्वास है कि शनिवार को बुलाया गयी जदयू विधायक दल की बैठक में इस संबंध में उचित निर्णय लिया जायेगा. जदयू विधायक दल की बैठक में जो भी निर्णय होगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे. सदन में राजद के 24 विधायक हैं. हम भाजपा को मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देंगे.
लालू प्रसाद , राजद अध्यक्ष
हम मांझी की बात नहीं मानते
मंत्री पद से बरखास्तगी की अनुशंसा के बाद नीतीश कुमार के आवास पर जाते वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही व पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह.
मांझी को भी न्योता, 80 विधायक पटना आये : श्रवण
संसदीय कार्य मंत्री सह जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने बताया कि शनिवार की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को आमंत्रण पत्र भेज दिया गया है. आमंत्रण पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने रिसिव भी कर लिया है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार की देर रात तक 80 से अधिक विधायक पटना पहुंच चुके हैं.
भभुआ के विधायक डॉ प्रमोद कुमार सिंह गोवा, जबकि रुन्नीसैदपुर की विधायक गुड्डी देवी ने त्रिवेंद्रम की यात्रा रद्द कर पटना पहुंच चुके हैं. शनिवार की सुबह तक सभी विधायक पटना पहुंच जायेंगे. उन्होंने बताया कि इसके अलावा 110 विधायकों और 41 विधान परिषद सदस्यों को भी आमंत्रण पत्र भेज दिया गया है. विधायक दल की बैठक में उन आठ जदयू के बागी विधायकों को नहीं आमंत्रित किया गया है, जिनकी सदस्यता विधानसभा कोर्ट ने निरस्त कर दी है.
श्री कुमार ने बताया कि चार बजे विधानसभा की एनेक्सी में विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह करेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव विषय वस्तु से अवगत करायेंगे. बैठक करीब डेढ़ से दो घंटे तक चलेगी. बैठक में विधायक व विधान परिषद के सदस्य मांझी सरकार के नौ माह के कार्यकाल की समीक्षा की जायेगी. समीक्षा के दौरान विधायकों और विधान परिषद सदस्यों द्वारा सरकार के संबंध में जो बातें उभर कर आयेंगी, उसके आधार पर पार्टी नेतृत्व निर्णय करेगा.
यदि मांझी को इस्तीफा देने को मजबूर किया जाता है, तो उन्हें विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए. नीतीश कुमार महादलित मुख्यमंत्री को अपमानित कर रहे हैं. भाजपा के लिए सारे विकल्प खुले हैं. परिस्थिति के अनुसार हम निर्णय लेंगे. नीतीश सत्ता से दूर नहीं रह सकते. वह मांझी को सीएम बना कर जिस नैतिकता की दुहाई दे रहे थे, वह तार-तार हो गया है.
सुशील कुमार मोदी, भाजपा
सीएम मांझी पार्टी की नैया डुबो रहे हैं. नीतीश कुमार ही अब इसे पार लगायेंगे.वह ही दलित और महादलितों के सबसे बड़े नेता हैं. उनके अलावा कोई दूसरा नहीं है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास असीमित अधिकार होते हैं. वह कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत होते हैं. शनिवार को विधानमंडल दल की बैठक होगी. इसमें तय किया जायेगा कि किसे नेता चुनना है.
केसी त्यागी, जदयू महासचिव

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