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एक आशियाना ऐसा भी : झारखंड में है या ओड़िशा में, नहीं पता
30 साल से किरीबुरू के मुर्गापाड़ा क्षेत्र में है एक परिवार का आशियाना किरीबुरू : झारखंड-ओड़िशा सीमा पर एक घर ऐसा है, जिसके गृह स्वामी को आज तक पता नहीं कि वह झारखंड में है या ओड़िशा में या दोनों सीमाओं के बीच. जिस जमीन पर दोनों राज्यों का अधिकार नहीं है एवं वह स्वतंत्र […]
30 साल से किरीबुरू के मुर्गापाड़ा क्षेत्र में है एक परिवार का आशियाना
किरीबुरू : झारखंड-ओड़िशा सीमा पर एक घर ऐसा है, जिसके गृह स्वामी को आज तक पता नहीं कि वह झारखंड में है या ओड़िशा में या दोनों सीमाओं के बीच. जिस जमीन पर दोनों राज्यों का अधिकार नहीं है एवं वह स्वतंत्र है.
किरीबुरू थाना क्षेत्र का करुवा हाटिंग (मुर्गापाड़ा क्षेत्र) जो ओड़िशा सीमा से सटा है. जहां 30 वर्ष पूर्व स्व. सागरनाथ करुवा ने अपना घर बनाया था.
आज उस घर में उसके बड़े पुत्र पूरे परिवार के साथ रहते हैं. जिनका नाम विप्रो करुवा है. यह क्षेत्र सेल का लीज क्षेत्र है. जहां किरीबुरू व बोलानी खदान अर्थात झारखंड व ओड़िशा सरकार ने लीज पर दे रखा है. बोलानी खदान (ओड़िशा) व किरीबुरू खदान (झारखंड) ने अपने-अपने क्षेत्र को बाड़ से घेर दिया है.
साथ ही दोनों के बीच लगभग 15 फीट की जगह बची है. जिसमें यह घर है, लेकिन घर मालिक को पता नहीं कि उसका घर झारखंड में है या ओड़िशा में. स्वयं विप्रो करुवा ने बताया कि जब बोलानी खदान प्रबंधन ने अपना सीमांकन किया तो उसको घर तोड़ने या हटाने को नहीं कहा गया.
किरीबुरू प्रबंधन ने भी ऐसा ही कहा. लेकिन मैं झारखंड में हूं या ओड़िशा में यह हमें भी पता नहीं है. जो भी हो मेरा घर सुरक्षित रहना चाहिए क्योंकि मैं भारत में हूं.
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