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लखवी ने पाकिस्तान सरकार से रिहाई की अपील की

इस्लामाबाद : 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं में शामिल जकिउर रहमान लखवी ने आज पाकिस्तान सरकार को एक अर्जी देकर लोक व्यवस्था से संबंधित आदेश के तहत उसकी हिरासत समाप्त करने की मांग की, जो 26-11 के एक मामले में उसे जमानत दिये जाने के तत्काल बाद लगाया गया था. लखवी के वकील […]

इस्लामाबाद : 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं में शामिल जकिउर रहमान लखवी ने आज पाकिस्तान सरकार को एक अर्जी देकर लोक व्यवस्था से संबंधित आदेश के तहत उसकी हिरासत समाप्त करने की मांग की, जो 26-11 के एक मामले में उसे जमानत दिये जाने के तत्काल बाद लगाया गया था.

लखवी के वकील रजा रिजवान अब्बासी ने कहा, ‘हमने लोक व्यवस्था बनाये रखने से जुडे आदेश के तहत जकिउर रहमान लखवी की हिरासत के विरुद्ध याचिका दाखिल की है.’ अब्बासी ने कहा, ‘हमने विभिन्न कानूनों का संदर्भ देते हुए सरकार से लखवी की हिरासत समाप्त करने का अनुरोध किया है.अगर सरकार हमारे अनुरोध को नहीं मानती तो हम उच्च न्यायालय में लखवी की अवैध हिरासत को चुनौती देंगे.’

इस्लामाबाद आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने 18 दिसंबर को लखवी के खिलाफ सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए उसे जमानत दे दी थी लेकिन उसकी जेल से रिहाई से पहले सरकार ने उसे लोक व्यवस्था बनाये रखने से जुडे आदेश के तहत अडियाला जेल में तीन महीने के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया था.इस मामले में मुकदमा चल रहा है. हालांकि लखवी की हिरासत की अवधि को लेकर विरोधाभासी खबरें आ रहीं हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने खबरों के मुताबिक कहा है कि लखवी को मुकदमा समाप्त होने तक हिरासत में रखा गया है वहीं अभियोजन प्रमुख चौधरी अजहर के अनुसार लखवी को तीन महीनों के लिए हिरासत में रखा गया है. लखवी के वकील अब्बासी ने कहा कि लखवी की हिरासत एक महीने के लिए है जिसे आगे बढाया जा सकता है.

इस बीच सरकार कल अदालतों के अंतिम कार्य दिवस में लखवी की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल नहीं कर सकी. सरकार ने कहा कि न्यायाधीश ने आदेश की प्रति जारी नहीं की है. अदालतों का दो सप्ताह का शीतकालीन अवकाश शुरू हो गया है. सरकार निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने में समस्या का सामना कर सकती है क्योंकि अदालतों की आठ जनवरी तक छुट्टी है.

छुट्टियों में अदालतें केवल अत्यावश्यक मामलों पर विचार करती हैं. 54 वर्षीय लखवी को जमानत देने के फैसले की भारत ने तीखी आलोचना की थी. पेशावर में तालिबान द्वारा 150 लोगों को निर्मम तरीके से मारे जाने के महज दो दिन बाद लखवी को जमानत दिये जाने के वक्त पर कई लोग हैरान थे.

लखवी के साथ अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम कथित तौर पर 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में किये गये आतंकवादी हमलों की साजिश और उन्हें अंजाम देने में शामिल थे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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