<p><a href="https://indianexpress.com/express-plus/subscription-plan/">इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने ख़बर दी है</a> कि असम में एक लाख गोरखा राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) से बाहर हो गए हैं. </p><p>गोरखा समुदाय ने नेपाल सरकार के समक्ष इसे लेकर अपनी चिंताएं ज़ाहिर की हैं. </p><p>हालांकि, नेपाल और भारत के बीच इसे लेकर कोई औपचारिक या आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है. </p><p>अख़बार नेपाल सरकार में सूत्र के हवाले से लिखता है कि भारत के वरिष्ठ मंत्रियों अमित शाह और राजनाथ सिंह के बयानों से नेपाल आश्वस्त है कि नेपाली मूल के लोगों को कोई समस्या नहीं होगी. </p><p>सूत्र ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये ”भारत और उसके लोगों का मसला है”. सूत्र ने कहा कि संबंधित नेपाली भाषी लोग भारत के लिए "स्थानीय" हैं, क्योंकि वो उस क्षेत्र के मूल निवासी हैं, जो बहुत पहले नेपाल का हिस्सा नहीं रहा. </p><p>सूत्र ने कहा कि नेपाली भाषी असम में बस गए हैं. अगर कोई समस्या है, तो हम बात कर सकते हैं और हल कर सकते हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51088788?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सीएए-एनआरसी: मुसलमान धार्मिक पहचान को लेकर दुविधा में?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51249950?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नागरिकता संशोधन क़ानून के कथित विरोध में आत्मदाह</a></li> </ul><h1>निर्भया मामले में एक दोषी की कोर्ट में अर्जी </h1><p><a href="https://epaper.livehindustan.com/">हिंदुस्तान अख़बार की ख़बर</a> के मुताबिक निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका ख़ारिज किए जाने की न्यायिक समीक्षा का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. </p><p>इस मामले में चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. इसके बाद मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिक दायर की थी जिसे उन्होंने 17 जनवरी को ख़ारिज कर दिया था. </p><p>अब दोषी ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति के इस फ़ैसले की न्यायिक समीक्षा का आग्रह किया है. </p><p>साल 2012 में हुए निर्भया मामले को करीब सात साल हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पहले फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी लेकिन राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लंबित होने के कारण फांसी की तारीख को 1 फरवरी कर दिया गया है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51210202?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली चुनाव: क्या चाहती हैं ये दलित और मुसलमान औरतें?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51202744?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली में क्या केजरीवाल का मुक़ाबला केजरीवाल से ही है?</a></li> </ul><h1>बीजेपी नेता ‘आप’ में शामिल </h1><p><a href="http://epaper.navbharattimes.com/paper/10-13@13-26@01@2020-1001.html">नवभारत टाइम्स में खबर </a>दी गई है कि दिल्ली चुनाव से कुछ ही दिन पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. </p><p>दिल्ली में हरिनगर सीट से चार बार विधायक रह चुके हरशरण सिंह बल्ली बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. </p><p>हरशरण सिंह के ‘आप’ में शामलि होने के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. उन्होंने हरशरण सिंह का पार्टी में स्वागत किया. </p><p>आम आदमी पार्टी से जुड़ते हुए उन्होंने कहा, ”मैं उस राजनीति का हिस्सा बनने जा रहा हूं जो विकास, ईमानदारी और अपने काम के आधार पर वोट मांगती है. मेरी विधानसभा सीट से कई लोग आए हैं और वो सभी आप में शामलि होंगे.”</p><p>हरिनगर सीट से बीजेपी ने इस बार तेजेंद्रपाल बग्गा को टिकट दिया है. इस सीट से आम आदमी पार्टी ने राजकुमारी ढिल्लों को और कांग्रेस ने सुरेंदर सेठी को उम्मीदवार बनाया है. </p><p>राजधानी दिल्ली में आठ फरवरी को वोट डाले जाएंगे. इस बार आम आदमी पार्टी, बेजीपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुक़ाबला है. </p><figure> <img alt="तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव" src="https://c.files.bbci.co.uk/10F12/production/_110649396_027f70e2-f801-40e6-8bae-59bc10550bd1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव</figcaption> </figure><p><strong>तेलंगाना </strong><strong>ला</strong><strong> सकता है सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव </strong></p><p><a href="https://epaper.jansatta.com/2526491/Jansatta/26-January-2020#page/12/3">जनसत्ता अख़बार के अनुसार</a> तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को कहा कि अगर ज़रूरत हुई तो उनकी पार्टी विधानसभा में नए नागरिकता क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित कर सकती है. </p><p>चंद्रशेखर राव ने कहा कि वह पहले ही दूसरे राज्यों के अपने कई समकक्षों से बात कर चुके हैं. वह सीएए का विरोध करने के लिए क्षेत्रीय दलों और मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुला सकते हैं क्योंकि इससे देश के भविष्य पर असर पड़ सकता है. </p><p>उन्होंने का टीआरएस अपनी प्रकृति से धर्मनिरपेक्ष है इसलिए इसने सीएए का विरोध किया था. </p><p>तेलंगाना राष्ट्र समिति ने पिछले महीने संसद में नागरिकता क़ानून में संशोधन के ख़िलाफ़ मतदान किया था. </p><p>इसके अलावा राजस्थान विधानसभा में शनिवार को सीएए के साथ ही एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया गया है. </p><p>इससे पहले केरल और पंजाब सीएए के ख़िलाफ़ संकल्प पास कर चुके हैं. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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एनआरसी में बाहर हुए गोरखा, नेपाल ने कहा कि वो अमित शाह के बयानों से आश्वस्त: प्रेस रिव्यू
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