तेहरान : अमेरिका और ईरान के बीच पिछले कई महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है, जो अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद और बढ़ गयी है.भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा है कि अमेरिका के साथ तनाव कम करने की दिशा में भारत के किसी भी शांति कदम का ईरान स्वागत करेगा.
आइए आपको बताते हैं कैसे शुरू हुई तनाव की कहानी…
आठ, अप्रैल 2019 : वाशिंगटन ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर को ‘‘आतंकवादी’ समूह घोषित किया. उसका कुर्द बल भी काली सूची में है.
पांच, मई 2019 : व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सलाहकार जॉन बोल्टन ने पश्चिम एशिया में अपने एक विमान वाहक और एक बमवर्षक बल की तैनाती की घोषणा की.
आठ, मई 2019 : अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय 2015 समझौते से बाहर होने, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने और प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के एक साल बाद तेहरान ने परमाणु कार्यक्रम वापस शुरू करने की धमकी दी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के इस्पात और खनन क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाए.
12 मई 2019 : खाड़ी में रहस्यमय हमले में तीन तेल टैंकर सहित चार नौकाएं क्षतिग्रस्त हुईं. अमेरिका ने ईरान पर इसका आरोप लगाया.
25 मई 2019 : अमेरिका ने कहा कि ईरान से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए वह 1500 अतिरिक्त सैनिकों को पश्चिम एशिया में तैनात करेगा.
13 जून 2019 : दो टैंकरों (नॉर्वेजियन और जापान के) पर ओमान की खाड़ी में हमला. वाशिंगटन, लंदन और रियाद ने ईरान पर आरोप लगाया, जिसने संलिप्तता से इनकार किया.
20 जून 2019 : ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि उसने होर्मुज के जलडमरूमध्य के पास ईरानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे अमेरिकी ड्रोन को गिराया. ट्रंप ने जवाबी हमले का आदेश दिया, लेकिन आखिरी क्षण में उसे खारिज कर दिया.
24 जून 2019: ट्रंप ने ईरान के शीर्ष नेता आयतुल्लाह अली खमनेई और वरिष्ठ ईरानी सैन्य नेताओं पर कड़े वित्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.
18 जुलाई 2019 : ट्रंप ने कहा कि होर्मुज के जलडमरूमध्य में खतरनाक तरीके से उनकी नौकाओं के पास आए ईरानी ड्रोन को अमेरिकी सेना ने मार गिराया.
14 सितम्बर 2019 : यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा किये गये हवाई हमलों में सऊदी के दो प्रमुख तेल प्रतिष्ठानों में आग लग गयी. तेहरान ने अमेरिका और अन्य ताकतों पर संलिप्तता का आरोप लगाया, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया.
20 सितम्बर 2019: ट्रंप ने ईरान के केन्द्रीय बैंक को नुकसान पहुंचाने वाले ‘‘ किसी देश पर लगाये गये सबसे बड़े प्रतिबंधों’ की घोषणा की.
सात नवम्बर 2019 : तेहरान अपने भूमिगत फोर्डा संयंत्र में यूरेनियम संवर्धन का काम शुरू कर, 2015 परमाणु समझौते का चौथी बार उल्लंघन किया.
29 दिसम्बर 2019 : अमेरिका ने इराक में ईरान समर्थित एक समूह पर हवाई हमले किए, कम से कम 25 लड़ाके मारे गये. ये 27 दिसम्बर को इराक में अमेरिकी हितों पर किये रॉकेट हमलों का जवाब था.
31 दिसम्बर 2019 : हमले से नाराज ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास परिसर में हमला बोल दिया. ट्रंप ने ईरान को इसकी ‘‘ बड़ी कीमत चुकाने’ की धमकी दी.
तीन जनवरी 2020 : अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गयी. पेंटागन ने कहा कि बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसके आदेश दिए थे.
सात जनवरी 2020 : रिवोल्यूशनरी गार्ड के अगुवा हुसैन सलामी ने कहा ईरान इसका ‘‘बदला लेगा’.
आठ जनवरी 2020 : ईरान ने इराक स्थित ऐसे कम से कम दो सैन्य अड्डों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं. ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किये हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इसके साथ ही अमेरिकी हवाई हमले में मारे गये कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है.