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JNU: ‘अगला नंबर आपका भी हो सकता है’ – सोशल मीडिया

<figure> <img alt="JNU" src="https://c.files.bbci.co.uk/12AFC/production/_110404567_hi058956018.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>रविवार शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों पर नक़ाब पहने हिंसक तत्वों के हमले के बाद सोशल मीडिया पर जेएनयू के पक्ष और विरोध में कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. </p><p>इन हैशटैग में #JNUAttack, #ResignAmitShah, #ShutDownJNU, Delhi Police, University, और #LeftAttacksJNU शामिल हैं. ये […]

<figure> <img alt="JNU" src="https://c.files.bbci.co.uk/12AFC/production/_110404567_hi058956018.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>रविवार शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों पर नक़ाब पहने हिंसक तत्वों के हमले के बाद सोशल मीडिया पर जेएनयू के पक्ष और विरोध में कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. </p><p>इन हैशटैग में #JNUAttack, #ResignAmitShah, #ShutDownJNU, Delhi Police, University, और #LeftAttacksJNU शामिल हैं. ये सभी हैशटैग टॉप 10 ट्वीट्स में शामिल हैं. </p><p>इस हिंसा पर फ़िल्म इंडस्ट्री से लेकर नौकरशाहों, पत्रकारों और आम लोगों ने अपनी राय दी है. </p><p>इस मामले को लेकर जारी बातचीत में एक प्रमुख बात जो केंद्र में है वो ये कि नकाब पहनकर आए हमलावर कौन थे और किस पक्ष से थे. </p><p>दक्षिणपंथी ट्विटर यूज़र इसे वामपंथियों की ओर से की गई हिंसा बता रहे हैं. वहीं, वामपंथी ट्विटर यूज़र इसे एबीवीपी की ओर से की गई हिंसा बता रहे हैं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51000515?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">JNU में नकाबपोशों का हमला, विरोध में दिल्ली-मुंबई में प्रदर्शन</a></p><figure> <img alt="जेएनयू" src="https://c.files.bbci.co.uk/2D6E/production/_110403611_eb6a14c0-fc6f-4c75-b53b-c46fa2327a6a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><h3>बॉलीवुड का रुख कैसा है?</h3><p>फ़िल्म निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, &quot;हिंदूवादी आतंकवाद अब पूरी तरह सामने आ गया है #JNUSU.&quot; </p><p>अभिनेत्री श्रुति सेठ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, &quot;विकास की कीमत काफ़ी महंगी है. और इस कीमत को शांति और समरसता से चुकाना होगा.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/SethShruti/status/1214052941654446080">https://twitter.com/SethShruti/status/1214052941654446080</a></p><p>अभिनेत्री तापसी पन्नू ने लिखा है, &quot;कम शब्दों में कहें तो जो लोग भी ये सब देखकर भी नज़रअंदाज कर रहे हैं तो अगला नंबर उनका हो सकता है.&quot;</p><p>ये सब कुछ बताता है, वो सभी लोग जो इस सब से इनकार करते हैं, या आप तब तक इंतज़ार कर सकते हैं जब तक कि ये आग आपके घर नहीं पहुंचती है&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/taapsee/status/1214038783072452608">https://twitter.com/taapsee/status/1214038783072452608</a></p><p><a href="https://twitter.com/sushant_says/status/1214012793449369600">https://twitter.com/sushant_says/status/1214012793449369600</a></p><h3>लेफ़्ट बनाम राइट</h3><p>उड़ीसा के आईजी अरुण बोथरा ने ट्विटर पर लिखा है कि लेफ़्ट और राइट में संघर्ष चल रहा है. </p><p>उन्होंने लिखा है, &quot;कैंपस में, मीडिया में और तमाम दूसरी जगहों पर ये संघर्ष जारी है. जो सीधे चलना चाहते हैं, वे भी इससे पीड़ित हैं. और यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर सभी तरफ़ जख़्मी हैं.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/arunbothra/status/1214041635283066881">https://twitter.com/arunbothra/status/1214041635283066881</a></p><p>जेएनयूएसयू की छात्र नेता शेहला राशिद ने ट्वीट किया है, &quot;कल्पना करिए कि अगर ये लोग नई दिल्ली में, समृद्ध संस्कृति और बौद्धिक पूंजी वाली एक बेहतरीन यूनिवर्सिटी में जिस पर हमेशा मीडिया की निगाह रहती है, वहां ये सब कर सकते हैं तो कश्मीर में ये लोग, जहां मीडिया पर प्रतिबंध है, इंटरनेट नहीं है, प्रीपेड फ़ोन नहीं है, और सैन्य बलों को कानूनी छूट मिली हुई है, क्या करते हैं.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/swanandkirkire/status/1213895664012148736">https://twitter.com/swanandkirkire/status/1213895664012148736</a></p><p>कवि और लेखक स्वानंद किरकिरे लिखते हैं, &quot;अगर किसी स्टूडेंट का सर फोड़ देने जितनी क्रूरता तुम्हारे अंदर है वो भी सिर्फ इसलिए की वो तुम्हारी तरह नहीं सोचता या उस हिंसा को सही साबित करने के लिए तुम नये नये तर्क ढूंढ़ रहे हो तो मैं तुम्हारे लिये प्रार्थना करूँगा, तुम्हे सन्मति मिले&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/swanandkirkire/status/1213895664012148736">https://twitter.com/swanandkirkire/status/1213895664012148736</a></p><p>जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, &quot;कितनी बेशर्म सरकार है, पहले फ़ीस बढ़ाती है, विद्यार्थी विरोध करें तो पुलिस से पिटवाती है और छात्र तब भी ना झुके, तो अपने गुंडे भेजकर हमला करवाती है. जब से सत्ता में आए हैं, तब से देश के हर कोने में देश के विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ इन्होने जंग छेड़ रखी है&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/kanhaiyakumar/status/1213861565176242178">https://twitter.com/kanhaiyakumar/status/1213861565176242178</a></p><p>ट्विटर यूज़र रोशन राय ने लिखा है, &quot;डियर अक्षय कुमार, चूंकि आप एबीवीपी का समर्थन करते हैं, कृपया बताएं कि क्या आप उनकी ओर से आतंकवाद के इस कृत्य का समर्थन करते हैं या नहीं. ये देश जो सिर्फ़ आपका नहीं, हमारा है, इस मुद्दे पर आपकी राय जानना चाहता है.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/TheRoshanRai/status/1213837443494887424">https://twitter.com/TheRoshanRai/status/1213837443494887424</a></p><p>वरिष्ठ पत्रकार ओम थन्वी ने लिखा है, &quot;पहले जामिया. फिर एएमयू. अब जेएनयू. जो ‘संस्कारी’ भारत-माता-जय के साथ गोली-मारो-सालों-को के गैंग को संरक्षण दे रहे हैं, उन्हें नहीं मालूम कि वे अपने साथ क्या कर रहे हैं. वे एक हिंसक, भीरु और ओछे भारत को तामीर कर रहे हैं. पर वे इसमें सफल नहीं होंगे. संसार में कोई आततायी नहीं हुआ&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/omthanvi/status/1214070064405606400">https://twitter.com/omthanvi/status/1214070064405606400</a></p><p>वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जेएनयू में हुई हिंसा पर कहा है, &quot;वामपंथी छात्रों ने जेएनयू का नाम ख़राब कर दिया है. उन्होंने विश्वविद्यालय को गुंडागर्दी के अड्डे में बदल दिया है.&quot;</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51003179?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">JNU हिंसा: जब एक-एक कर एम्स में पहुंचने लगे घायल छात्र</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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