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सुलेमानी की जगह इस्माइल क़ानी को ईरान ने बनाया नया कमांडर

<figure> <img alt="जनरल इस्माइल क़ानी" src="https://c.files.bbci.co.uk/FED6/production/_110383256_9f951f6d-5027-4b59-b721-3bfb77567739.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी की नियुक्ति का एलान ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता ने किया</figcaption> </figure><p>ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अपने अल क़ुद्स फ़ोर्स के नए कमांडर के नाम का एलान कर दिया है.</p><p>ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की […]

<figure> <img alt="जनरल इस्माइल क़ानी" src="https://c.files.bbci.co.uk/FED6/production/_110383256_9f951f6d-5027-4b59-b721-3bfb77567739.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी की नियुक्ति का एलान ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता ने किया</figcaption> </figure><p>ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अपने अल क़ुद्स फ़ोर्स के नए कमांडर के नाम का एलान कर दिया है.</p><p>ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की जगह लेंगे जिनकी बग़दाद में एक अमरीकी हवाई हमले में मौत हो गई.</p><p>आयतुल्लाह ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर लिखा है, &quot;जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत के बाद, मैं ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी को इस्लामिल रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की क़ुद्स फ़ोर्स का कमांडर नियुक्त करता हूँ.&quot;</p><p>ख़ामेनेई ने जनरल क़ानी को 1980 से 1988 तक चले आठ साल लंबे ईरान-इराक़ युद्ध के सबसे सराहनीय कमांडरों में से एक बताया.</p><p>उन्होंने कहा, मैं क़ुद्स फ़ोर्स के सदस्यों से आग्रह करूँगा कि वो जनरल क़ानी के साथ सहयोग करें और उन्हें शुभकामनाएँ दें.</p><h1>क्या है क़ुद्स फ़ोर्स?</h1><p>ईरान ने 1979 की क्रांति के बाद देश की इस्लामिक व्यवस्था की रक्षा के लिए इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर का गठन किया था.</p><p>उसके बाद से ये ईरान की सबसे प्रमुख सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति बन गई जिसका सीधा संपर्क सर्वोच्च धार्मिक नेता और अन्य वरिष्ठ नेताओं से होता था.</p><p>रिवोल्यूशनरी गार्ड की भी कई शाखाएँ हैं मगर उनमें हाल के वर्षों में सबसे बड़ी टुकड़ी बन गई है क़ुद्स फ़ोर्स जो विदेश में ईरान के हितों के लिए काम करती है.</p><p>ईरान ने भी सीरिया संघर्ष के दौरान अपनी क़ुर्द फ़ोर्स की भूमिका को स्वीकार किया है और कहा है कि उसने वहाँ राष्ट्रपति बशर अल-असद की समर्थक सेनाओं को सलाह दी और हज़ारों शिया मिलिशिया को हथियार मुहैय्या कराए.</p><p>क़ुद्स फ़ोर्स ने इराक़ में भी शिया बहुल अल्पसंख्यक बलों की मदद की जिसने इस्लामिक स्टेट को पछाड़ने में मदद की.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

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