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अब सीनेट में होगा महाभियोग का फैसला, क्या राष्ट्रपति पद से हटेंगे ट्रंप
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी आश्चर्यजनक फैसले और टिप्पणी के कारण अक्सर चर्चा में रहनेवाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार उन पर आरोप साबित हो चुके हैं और वे महाभियोग के घेरे में हैं. अमेरिकी संसद के निचले सदन ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की […]
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी
आश्चर्यजनक फैसले और टिप्पणी के कारण अक्सर चर्चा में रहनेवाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार उन पर आरोप साबित हो चुके हैं और वे महाभियोग के घेरे में हैं. अमेरिकी संसद के निचले सदन ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मंजूरी दे दी है.
अगले कुछ दिनों में ऊपरी सदन सीनेट में उनके भाग्य का फैसला होगा. सीनेट में अगर महाभियोग सफल रहा, तो क्या ट्रंप को इस्तीफा देना पड़ेगा या उनके पास बचाव के और भी रास्ते हैं? उन पर आरोप और अमेरिकी संसदीय कार्यवाही, जांच और महाभियोग प्रक्रिया जैसे कुछ सवालों के जवाब के साथ प्रस्तुत है इन दिनों पेज.
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग को मंजूरी दे दी है. अब इस प्रस्ताव को जनवरी महीने में ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जायेगा. सीनेट में अगर दो तिहाई मतदान ट्रंप के खिलाफ होता है, तो ट्रंप को राष्ट्रपति पद छोड़ना होगा. फिलहाल, ऊपरी सदन में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है. लिहाजा ट्रंप के राष्ट्रपति पद छोड़ने की गुंजाइश काफी कम है.
क्यों लाया गया महाभियोग प्रस्ताव
अमेरिका के इतिहास में ट्रंप तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी मिली है. चूंकि अमेरिकी संसद के निचले सदन में डेमोक्रेट का बहुमत है. इसलिए 197 के मुकाबले 230 मतों से महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी. अब आगे का फैसला ऊपरी सदन में होगा. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के अांतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर डेमोक्रेटिक पार्टी के 2020 में संभावित उम्मीदार जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करने का दबाव डाला. जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन यूक्रेन की एक कंपनी में बड़े पद पर कार्यरत हैं.
ट्रंप पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ फोन वार्ता में यूक्रेन की ऊर्जा कंपनी बुरिज्मा में काम कर चुके जो बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ जांच-पड़ताल के लिए कहा.
न्यायिक समिति ने तय किये दो मुख्य आरोप
महाभियोग प्रक्रिया के तहत ट्रंप की यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ हुई टेलीफोन वार्ता की जांच हुई. इसके बाद डेमोक्रेटिक की अध्यक्षता वाली न्यायिक समिति ने उनके खिलाफ आरोप तय किये हैं. न्यायिक समिति के चेयरमैन और डेमोक्रेट नेता जेरी नाडलेर के अनुसार, ट्रंप पर मुख्य रूप से दो आरोप तय किये गये हैं.
पहला कि ट्रंप ने अपने पद का दुरुपयोग किया और संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचायी. उन्होंने यूक्रेन से हस्तक्षेप करने के लिए दबाव डाल कर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है. उन्होंने पद के लिए ली गयी शपथ को तोड़ा है.
दूसरा कि उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को दी जानेवाली आर्थिक मदद रोक दिया था. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि अगर यूक्रेन उनके अनुसार जांच करता है, तो अमेरिका उसे 40 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद देगा. हालांकि, ट्रंप ने अपने ऊपर लगे दोनों आरोपों को सिरे से नकार दिया है.
महाभियोग में आगे की प्रक्रिया
अमेरिकी संविधान के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सीनेट में जांच के लिए नामित पीठासीन अधिकारी होते हैं. जांच की योजना तैयार करने से पहले सीनेट में मतदान कराया जायेगा. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स रोजाना की कार्यवाही की निगरानी करेंगे. नियमों के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी के 100 सांसद जांच नियमों में बदलाव कर सकते हैं.
क्या न्याय सिद्धांतों का पालन करता है महाभियोग
अगर ट्रंप निचले सदन के अनुसार महाभियोग के अंतर्गत आरोपित हैं, लेकिन वे सीनेट से बच जाते हैं, तो क्या वास्तविक लक्ष्य हासिल हो पायेगा या न्याय साबित हो पायेगा? पूरी महाभियोग प्रक्रिया में ‘न्याय’ महत्वपूर्ण नहीं है.
वर्ष 1787 में लिखे गये अमेरिकी संविधान में सहमति से महाभियोग और हटाने की प्रक्रिया को राजनीतिक प्रक्रिया करार दिया गया था. प्रस्ताव लाने से लेकर राष्ट्रपति को हटाने तक राजनेता ही मुख्य भूमिका में होते हैं. निरंकुशता पर रोक लगाने के उद्देश्य से अमेरिकी संविधान निर्माताओं ने महाभियोग प्रक्रिया पर विचार किया था. यह प्रक्रिया राष्ट्रपति की जवाबदेही तय करती है.
क्या होता है महाभियोग
अमेरिकी संविधान निर्माताओं को डर था कि कोई राष्ट्रपति अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर सकता है. ऐसे में उसे पदच्युत करने का प्रावधान और नियम को संविधान में जोड़ने का फैसला किया गया. संविधान नियमों के तहत राजद्रोह, रिश्वत, दुराचार और अन्य बड़े अपराध साबित होने की स्थिति में राष्ट्रपति को एक तय प्रक्रिया के तहत हटाया जा सकता है.
कांग्रेस में रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड ने कहा था कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव द्वारा तय किया जानेवाला महाभियोग एक ऐतिहासिक घटनाक्रम है. हालांकि, सीधे महाभियोग प्रक्रिया द्वारा अब तक किसी राष्ट्रपति को हटाया नहीं गया है. रिचर्ड निक्सन ने हटाने से पहले इस्तीफा दे दिया था. दो अन्य राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन और बिल क्लिंटन पर हाउस द्वारा महाभियोग पारित किया गया था, लेकिन सीनेट द्वारा वे दोषी साबित नहीं हुए.
कांग्रेस में राजनीतिक दलों की स्थिति
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में डेमोक्रेट का दबदबा है. वर्तमान में हाउस में 431 सदस्य हैं, जिसमें 233 डेमोक्रेट सदस्य हैं. यही वजह है कि ट्रंप को हाउस में झटका लगा है.
इससे पहले 1998 में रिपब्लिकन बहुमत में थे और डेमोक्रेट क्लिंटन के खिलाफ मतदान किया था. वर्तमान में सीनेट में 53 रिपब्लिकन और 45 डेमोक्रेट सदस्य हैं. दो निर्दलीय हैं, जो अमूमन डेमोक्रेट के पक्ष में होते हैं. राष्ट्रपति पर दोषसिद्धि और उन्हें हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. ऐसे में इस बात की नगण्य संभावना है कि रिपब्लिकन अपने नेता के खिलाफ जायेंगे. ट्रंप को हटाने के लिए 100 सीनेटर को मतदान करना होगा और इसमें सभी डेमोक्रेट व दो निर्दलीय सीनेटर के अलावा कम-से-कम 20 रिपब्लिकन को पार्टी लाइन के खिलाफ जाना होगा.
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