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हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में बनाएं अपना करियर, भारत के इन संस्थानों में ले सकते हैं दाखिला

नयी दिल्ली: हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री कोई नया नाम तो नहीं है, मगर टूरिज्म इंडस्ट्री के चलते इस उद्योग को काफी बढ़ावा मिला है और इसी के साथ यहां काम करने वाले लोगों की मांग भी बढ़ी है. आज कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ी है. पहले सामाजिक स्तर पर इससे संबंधित […]

नयी दिल्ली: हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री कोई नया नाम तो नहीं है, मगर टूरिज्म इंडस्ट्री के चलते इस उद्योग को काफी बढ़ावा मिला है और इसी के साथ यहां काम करने वाले लोगों की मांग भी बढ़ी है. आज कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ी है. पहले सामाजिक स्तर पर इससे संबंधित करियर को अच्छी निगाहों से नहीं देखा जाता था लेकिन वर्तमान में ये ट्रेंडिंंग जॉब बन गया है.

रोजगार की दृष्टि से यह क्षेत्र काफी बड़ा है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले इस विशाल क्षेत्र में होटल, खानपान और ट्रैवल/टूरिज्म आदि शामिल हैं. एकमडेशन के तहत होटल, मोटल, बेड-ब्रेकफास्ट और अन्य लॉजिंग बिजनेस को रखा गया है. फूड एंड बेवरेज के तहत रेस्टोरेंट, फास्ट फूड चेन आदि को शामिल किया जाता है और ट्रैवल/ टूरिज्म के तहत एयरलाइन्स, ट्रेन और क्रूजशिप को रखा गया है.

इसमें आने वाले अन्य प्रमुख काम हैं फ्रंट ऑफिस, सुरक्षा एवं बचाव, अकाउंट्स, कंप्यूटर ऑपरेशन, हाउसकीपिंग, रख-रखाव, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सेल्स व मार्केटिंग, स्टोर कीपिंग आदि. इसके अलावा रेस्तरां मैनेजर, कुक, बार टेंडर, गार्डनर, मैनेजर (ऑपरेशन्स), मैनेजर (सेल्स), एयर होस्टेस/केबिन क्रू आदि को भी काम मिलता है.

होटल और रिजॉर्ट स्टाफ- चाहे आप होटल के मैनेजर हों या अन्य सहायक स्टाफ, अतिथि के आने और उसके वापस जाने तक आपको बेहतरीन सेवा देनी होती है. यहां पर होटल मैनेजर के अलावा फ्रंट डेस्क क्लर्क/ रिसेप्शनिस्ट, रिजॉर्ट मैनेजर, हाउसकीपर, होटल अकाउंटेंट आदि स्टाफ की भी बेहद जरूरत होती है. .

एयरलाइंस/क्रूज सर्विस- इसके तहत दो प्रमुख क्षेत्र हैं. एयरलाइन ट्रैवल और लग्जरी क्रूज सेवा. चाहे आप ऑपरेशन मैनेजमेंट से जुड़े हों या कंपनी के नेतृत्व में से एक हों, या लॉजिस्टिक्स या रिजर्वेशन से जुड़े हों, आपको अपने यात्रियों को सहज और सुरक्षित महसूस कराना होता है. इसमें फ्लाइट अटेंडेंट, एयर होस्टेस, क्रूज स्टाफ, शिप कैप्टन, ट्रैवल सिक्योरिटी, लगेज पोर्टर, हैंडीकैप्ड ट्रैवलर एड आदि का काम प्रमुख होता है..

फूड और बेवरेज सेवा- हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में ग्रेजुएट युवा के लिए रेस्तरां में तो अवसर होते ही है, बार, कैफेटेरिया आदि में भी उनके लिए काम होता है. पूरी साफ-सफाई के साथ आकर्षक तरीके से पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना ऐसे स्टाफ की जिम्मेदारी होती है. इस क्षेत्र में तमाम तनावों को नजरअंदाज करते हुए विनम्र और व्यवस्थित रहना होता है. इस क्षेत्र में अनेक मौके हैं, जिनमें किचन स्टाफ, शेफ, वेटर, क्लब और रेस्तरां मैनेजर आदि प्रमुख हैं.

एंटरटेनमेंट मैनेजर- हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में मनोरंजन और उससे जुड़े लोगों की भी अलग भूमिका होती है. बहुत सारे पर्यटकों को मनोरंजक गतिविधियों की जरूरत होती है. किसी को एडवेंचर की जरूरत होती है तो किसी का मनोरंजन एम्यूजमेंट पार्क में होता है. इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़ते हैं.

इवेंट प्लानर- टूरिज्म व हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले युवाओं के सामने इवेंट प्लानर का भी विकल्प है. ये इवेंट की प्लानिंग से लेकर इवेंट के सफलतापूर्वक संचालन में शामिल होते हैं. इस क्षेत्र में प्रमुख करियर हैं वेडिंग कोऑर्डिनेटर, कॉन्सेप्ट/फेस्टिवल ऑर्गनाइजर, पार्टी प्लानर, कॉन्फ्रेंस होस्ट आदि.

यहां से होती है इसकी पढ़ाई- ओबेरॉय, ताज, आईटीसी, आईटीडीसी जैसी बड़ी होटल चेन्स में इन-हाउस ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है. भारत सरकार ने दिल्ली, ग्वालियर, बेंगलुरू, गोवा, गुजरात, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और देश के दूसरे मुख्य शहरों में होटल मैनेजमेंट के कई इंस्टीट्यूट स्थापित किए हैं.

यहां तक कि कई प्राइवेट मैनेजमेंट संस्थानों में भी होटल मैनेजमेंट की क्लासेज होती हैं. द स्किल डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया भी छात्रों को इससे संबंधित जरूरी स्किल्स की ट्रेनिंग देता है.

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