<p>भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इसके तहत भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित दरबार साहेब के दर्शन करने जा सकते हैं.</p><p>भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने ज़ीरो पॉइंट पर मिलकर ये समझौता किया और 10 नवंबर से ये कॉरिडोर खुलेगा. </p><p>ये कॉरिडोर पंजाब स्थित डेरा साहेब नानक को करतारपुर स्थित दरबार साहेब से जोड़ेगा. दोनों देशों के लोग को इस यात्रा के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी. माना जाता है कि गुरुनानक देव ने यहां अपने जीवन के 18 साल बिताए हैं. </p><p>इनमें भारतीय पासपोर्ट धारकों एवं ओसीआई (भारतीय विदेशी नागरिकता) कार्ड धारकों के लिए वीज़ा मुक्त यात्रा, भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए रावी नदी के डूबे क्षेत्र पर पुल निर्माण और रोज़ाना कम से कम पाँच हज़ार श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाज़त शामिल है.</p><p>भारत के कई और प्रस्तावों पर ‘पाकिस्तान ने सैद्धांतिक रूप से सहमति’ दे दी है.</p><figure> <img alt="करतारपुर कॉरिडोर" src="https://c.files.bbci.co.uk/17DC7/production/_109353779_96ff1d3d-a301-40ed-9fd5-c14ebeae144f.jpg" height="351" width="624" /> <footer>EPA</footer> </figure><p><strong>इस समझौते में क्या है</strong></p> <ul> <li>कोई भी भारतीय किसी भी धर्म या मज़हब को मानने वाला हो. उसे इस यात्रा के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी.</li> <li>यात्रियों के लिए पासपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवेल ऑथराइजेशन (ईटीए) की ज़रूरत होगी.</li> <li>पूर्व घोषित दिनों के अलावा ये कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा. </li> <li>भारतीय विदेश मंत्रालय यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की लिस्ट 10 दिन पहले पाकिस्तान को देगा.</li> <li>हर श्रद्धालु को 20 डॉलर यानि क़रीब 1400 रुपये देने होंगे. </li> <li>एक दिन में पाँच हज़ार लोग इस कॉरिडोर के ज़रिए दर्शन के लिए जा सकेंगे. </li> <li>तत्काल अस्थाई पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है और आने वाले वक्त में एक स्थाई ब्रिज बनाया जाएगा. </li> <li>श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये पोर्टल गुरुवार से शुरु हो चुका है. आवेदकों के मेल और मैसेज के ज़रिए चार दिन पहले उनके आवेदन के कंफ़र्मेशन की जानकारी दी जाएगी. </li> </ul><p><strong>क्यों अहम है ये जगह?</strong></p><p>सोमवार को होने वाले कार्यक्रम को भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के लिए अहम माना जा रहा है.</p><p>करतारपुर साहिब पाकिस्तान में आता है लेकिन इसकी भारत से दूरी महज़ साढ़े चार किलोमीटर है.</p><p>अब तक कुछ श्रद्धालु दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते रहे हैं. ये काम बीएसएफ़ की निगरानी में होता है.</p><p>श्रद्धालु यहां आकर दूरबीन से सीमा पार मौजूद करतापुर साहिब के दर्शन करते हैं.</p><p>मान्यताओं के मुताबिक़, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक 1522 में करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आख़िरी 18 साल यहीं गुज़ारे थे.</p><p>माना जाता है कि करतारपुर में जिस जगह गुरु नानक देव की मौत हुई थी वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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करतारपुर पर भारत-पाक के बीच हुआ समझौता, 10 नवंबर से शुरू होगा कॉरिडोर
<p>भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इसके तहत भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित दरबार साहेब के दर्शन करने जा सकते हैं.</p><p>भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने ज़ीरो पॉइंट पर मिलकर ये समझौता किया और 10 नवंबर से ये कॉरिडोर खुलेगा. </p><p>ये कॉरिडोर पंजाब स्थित डेरा साहेब नानक […]
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