संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना जरूरी है. आतंकवाद किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उस सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ. हमने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिये हैं. इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है. साथ-साथ आक्रोश की भी है.
उन्होंने कहा कि भारत हजारों वर्ष पुरानी महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवन परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. जनभागीदारी से जनकल्याण हमारा प्राण तत्व है. 2020 तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का इंतजाम कर लेंगे, हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान भारत में संपन्न हुआ. उन्होंने कहा कि सिर्फ 5 वर्ष में 10 करोड़ से ज्यादा शौचायल तैयार कर दुनिया के एक विकासशील देश ने अपने लोगों को देने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि इस साल दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लोगों ने सबसे ज्यादा वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा बड़ा जनादेश दिया. यह अवसर इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस वर्ष पूरा विश्व महत्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है. सत्य और अहिंसा का उनका संदेश आज भी विश्व के प्रासंगिक है.
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना मेरे लिए गौरव का अवसर है. उन्होंने कहा कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, तो इस वक्त हम अपने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने का बड़ा अभियान चला रहे हैं. अगले 5 साल में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं. इसके साथ ही, भारत के दूर-दराज के इलाकों में सवा लाख किमी की सड़कें हम बनाने जा रहे हैं.