15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीर का नाम लेकर आर्थिक मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं इमरान ख़ान?: नज़रिया

<figure> <img alt="इमरान ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/D7D2/production/_108505255_gettyimages-1161621687.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत प्रशासित कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर सोमवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया.</p><p>अपने संबोधन में इमरान ख़ान ने कहा कि भारत ने यह फ़ैसला लेकर ऐतिहासिक ग़लती की है. इसकी वजह से कश्मीर के […]

<figure> <img alt="इमरान ख़ान" src="https://c.files.bbci.co.uk/D7D2/production/_108505255_gettyimages-1161621687.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत प्रशासित कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर सोमवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया.</p><p>अपने संबोधन में इमरान ख़ान ने कहा कि भारत ने यह फ़ैसला लेकर ऐतिहासिक ग़लती की है. इसकी वजह से कश्मीर के लोगों को आज़ादी का एक बड़ा मौक़ा मिल गया है.</p><p>भारत के इस क़दम से कश्मीर अब एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. इमरान ने अपने संबोधन में भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को अपने निशाने पर न लेकर पार्टी की मातृसंस्था राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोला.</p><p>इमरान ख़ान ने कहा कि भारत आरएसएस की विचारधारा के कारण कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है जो भारत को हिंदुओं का देश बनाना चाहता है.</p><p>पाकिस्तान आरएसएस को एक कट्टर हिंदूवादी संगठन मानता है और दुनिया को बताना चाहता है कि यह मुसलमानों के ख़िलाफ़ है.</p><p>मेरे ख्याल से इमरान ख़ान को भारत में एक विलेन चाहिए, जिस पर वो सारा दोष मढ़ सकें कि नरेंद्र मोदी की सरकार भारत प्रशासित कश्मीर में अमन-शांति नहीं चाहती है.</p><p>वो भारत के लोकसभा चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी की जीत की उम्मीद भी जता चुके थे और कहा था कि अगर वो फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो रिश्ते बेहतर होंगे.</p><p>इसलिए वो नरेंद्र मोदी की पार्टी का ज़िक्र न करते हुए, आरएसएस का ज़िक्र करते हैं. वो ऐसा कर पाकिस्तान में राजनीतिक फ़ायदा लेना चाहते हैं और शायद यह समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से दुनिया मान जाए कि आरएसएस एक कट्टरपंथी संगठन है. </p><p><a href="https://twitter.com/PTIOfficialVHR/status/1165988986285961218">https://twitter.com/PTIOfficialVHR/status/1165988986285961218</a></p><h1>ध्यान भटकाने की कोशिश?</h1><p>पाकिस्तान गंभीर आर्थिक परिस्थितियों से गुज़र रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि इमरान ख़ान पाकिस्तानियों का ध्यान उस तरफ़ से हटा कर कश्मीर के मुद्दे की तरफ़ लगाना चाहते हैं ताकि सरकार की जो आलोचना हो रही है, वो कम हो.</p><p>लेकिन मैं समझता हूं कि ध्यान भटकाने से भटकने वाला नहीं है. आर्थिक मुद्दा अपनी जगह है क्योंकि पाकिस्तानी इस समस्या से हर दिन दो-चार हो रहे हैं.</p><p>मुझे लगता है कि वो पाकिस्तानियों को कोई आस देना चाह रहे हैं और बताना चाह रहे हैं कि वो कश्मीर का मुद्दा आसानी से छोड़ने वाले नहीं हैं.</p><p>उन्होंने देश के लोगों से अपील की है कि वे हफ़्ते में आधे घंटे का वक़्त कश्मीर के मुद्दे के लिए निकालें और अपने घरों और दफ़्तरों से बाहर निकल कर भारत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं.</p><p>वो इसे एक राजनीतिक अभियान बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कश्मीर के मुद्दे पर अब तक आम पाकिस्तानी घर से बहुत ज़्यादा की संख्या में निकले नहीं थे और अब तक जो प्रतिक्रियाएं आ रही थीं, वो धार्मिक संगठनों की तरफ़ से आ रही थीं.</p><p>कोई बहुत बड़ा प्रदर्शन इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान में नहीं हुआ है.</p><p>लगता है कि इमरान ख़ान भारत के ख़िलाफ़ ये सारा माहौल इसलिए बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि संयुक्त राष्ट्र जाने से पहले एक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके.</p><p>उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सवा अरब मुसलमान संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहे हैं कि वो कश्मीर की मदद करते हैं कि नहीं.</p><p>कश्मीरी लोग मुश्किल में हैं और हमें उनके साथ खड़ा रहना है. मैं ख़ुद कश्मीर का राजदूत बनकर सारी दुनिया के सामने उनकी बात उठाउँगा. 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में सारी दुनिया के सामने कश्मीर की स्थिति बताऊंगा.</p><p><a href="https://twitter.com/PTIofficial/status/1166000736389521408">https://twitter.com/PTIofficial/status/1166000736389521408</a></p><h1>किस हद तक जाएगा पाकिस्तान?</h1><p>इमरान ख़ान ने यह भी कहा कि अगर ये मसला जंग की ओर गया तो याद रखें कि दोनों मुल्क परमाणु शक्ति संपन्न मुल्क हैं और पाकिस्तान किसी भी हद तक जाएगा.</p><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस बयान को लोग युद्ध से जोड़ कर देख रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता है कि पाकिस्तान युद्ध की स्थिति तक जाएगा.</p><p>पहले से पाकिस्तान की तरफ़ से इशारे मिल रहे हैं कि वो लड़ने के मूड में नहीं है और इसकी बड़ी वजह ये है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ख़स्ताहाल है और यह युद्ध की स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकती है.</p><p>इमरान ख़ान को ये डर ज़रूर है कि कहीं भारत, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को उससे लेने की कोशिश न करे.</p><p>वो बार-बार दुनिया को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान को भारत से ख़तरा है. दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और अगर भारत ने एक दफ़ा फिर पाकिस्तान पर हमला किया तो बात क़ाबू से निकल सकती है.</p><figure> <img alt="पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/89B2/production/_108505253_gettyimages-1164162325.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>अलग-थलग पाकिस्तान</h1><p>संयुक्त अरब अमीरात के बाद बहरीन ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया है. यक़ीनन पाकिस्तान इस्लामी देशों में अकेला पड़ गया है. वो यह मान रहा है कि इस्लामी देश भी उनके साथ खड़े नहीं हैं, बाक़ी देशों की बात तो छोड़ दें.</p><p>वो समझते हैं कि भारत एक बहुत बड़ा बाज़ार है और हर देश का अपना आर्थिक हित है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित करने की टाइमिंग बहुत ख़ास है.</p><p>पाकिस्तानियों का इससे दिल दुखा है लेकिन उसे अपना स्टैंड भी क्लियर करना है. वो इससे दूसरे देशों को अपने पक्ष में लाना चाहता है. इस सूरते-हाल में फ़िलहाल भारत का हाथ भारी दिखाई दे रहा है.</p><p>इमरान ख़ान इसे राजनीतिक रूप से आगे ले जाने की सोच रहे हैं. लेकिन बाक़ी विकल्प भी हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना के प्रवक्ता भी कह रहे हैं कि वे कश्मीर के मुद्दे पर आख़िरी हद तक जाएंगे लेकिन आख़िरी हद है क्या, उसे स्पष्ट नहीं किया गया है.</p><p>क्या पाकिस्तान सरकार चरमपंथ को फिर से बढ़ावा देगी? क्या इसके लिए कोई योजना है?</p><p>पाकिस्तान पर एफ़एटीएफ़ सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों का दबाव भी है. अब देखना होगा कि पाकिस्तान कौन सा विकल्प चुनता है.</p><p>यह एक लंबी लड़ाई है. मुझे नहीं लगता है कि हफ्ता-दस दिन में इसका आख़िरी स्वरूप दिखेगा. अब सबकी नज़र इस पर होगी कि वो संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे पर क्या बोलते हैं? </p><p><strong>(बीबीसी संवाददाता अभिमन्यु कुमार साहा से बातचीत पर आधारित</strong><strong>)</strong></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें