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गोपालस्वामी आयंगर: वो जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाया

<figure> <img alt="गोपालस्वामी आयंगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/C46D/production/_108258205_ba17dcc9-73d5-48ae-9eb6-03171b832fb9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>GOVERNMENT OF INDIA</footer> </figure><p>जब भारत आज़ाद हुआ तब कश्मीर पर डोगरा राजवंश का शासन था. उस समय, डोगरा राजवंश के राजा हरि सिंह कश्मीर के राजा थे. तब वहां ब्रिटेन के दबाव में प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती थी.</p><p>आज़ादी के पहले दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले […]

<figure> <img alt="गोपालस्वामी आयंगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/C46D/production/_108258205_ba17dcc9-73d5-48ae-9eb6-03171b832fb9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>GOVERNMENT OF INDIA</footer> </figure><p>जब भारत आज़ाद हुआ तब कश्मीर पर डोगरा राजवंश का शासन था. उस समय, डोगरा राजवंश के राजा हरि सिंह कश्मीर के राजा थे. तब वहां ब्रिटेन के दबाव में प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती थी.</p><p>आज़ादी के पहले दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले एन गोपालस्वामी आयंगर जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री थे. ये आयंगर ही थे जिन्होंने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने का काम किया था.</p><p>1927 में कलकत्ता के आईसीएस अधिकारी सर अल्बियन बनर्जी कश्मीर के पहले प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए थे. उनका राज 1929 तक चला. उस दौरान, कश्मीर में नियुक्त प्रधानमंत्री की भूमिकाएं और शक्तियां एक दीवान के बराबर होती थी, यानी उनके पास बहुत अधिक शक्तियां नहीं थीं. साथ ही प्रधानमंत्री कई प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे.</p><figure> <img alt="नेहरू, पटेल" src="https://c.files.bbci.co.uk/4FD4/production/_108263402_914da59c-6c45-4ac8-9bd2-a9bde2f2f0aa.jpg" height="351" width="624" /> <footer>HULTON ARCHIVES</footer> </figure><p>इसी वजह से सर अल्बियन बनर्जी ने यह कहते हुए कि &quot;यहां की सरकार को कश्मीर के लोगों की ज़रूरतों और उनके संघर्षों की चिंता नहीं है&quot;, अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.</p><p>उनके बाद साल 1937 में एन गोपालस्वामी आयंगर को कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. जो इस पद पर 1943 तक बने रहे.</p><p>उसके बाद वे काउंसिल ऑफ़ स्टेट्स के लिए चुन लिए गए. 1946 में आयंगर भारत की संविधान सभा के सदस्य बने. बाद में 29 अगस्त 1947 को वे बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान का ड्राफ्ट बना रही छह सदस्यीय समिति के सदस्य रहे.</p><figure> <img alt="गोपालस्वामी आयंगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/EB7D/production/_108258206_7592a7d7-13da-4004-9d20-ac38ef4c0327.jpg" height="404" width="304" /> <footer>CONSTITUTIONOFINDIA.NET</footer> </figure><h3>गोपालस्वामी आयंगर का परिचय</h3><p>गोपालस्वामी आयंगर का जन्म दक्षिण भारत में मद्रास प्रेसिडेंसी के तंजावुर ज़िले में 31 मार्च 1882 को हुआ था. उन्होंने वेस्टले स्कूल और कॉलेज (प्रेसिडेंसी कॉलेज और मद्रास लॉ कॉलेज) दोनों में पढ़ाई की थी.</p><p>उनकी पत्नी का नाम कोमलम था. उनके बेटे जी पार्थसारथी एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया.</p><p>1904 में, थोड़े समय के लिए, उन्होंने चेन्नई के पचयप्पा कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में भी काम किया.</p><p>1905 में मद्रास सिविल सर्विस जॉइन की. साल 1919 तक वे डिप्टी कलेक्टर रहे फिर 1920 से ज़िला कलेक्टर के रूप में काम किया.</p><p>1932 में उन्हें लोक सेवा विभाग के सचिव के पद पर पदोन्नति मिली. बाद में 1937 में वे राजस्व बोर्ड के सदस्य बने.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/1128D/production/_108258207_f2274c66-47df-47bf-8c90-e743433daac7.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>कश्मीर के प्रधानमंत्री</h3><p>साल 1937 में ही आयंगर को जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बना दिया गया. तब जम्मू-कश्मीर के अपने प्रधानमंत्री और सदर-ए-रियासत होते थे. सदर-ए-रियासत की भूमिका राज्यपाल के समकक्ष होती थी..</p><p>लेकिन प्रधानमंत्री की शक्तियां और ज़िम्मेदारियां समय के अनुसार बदलती रहती थीं. गोपालस्वामी आयंगर के कार्यकाल के दौरान उनके पास सीमित शक्तियां थीं.</p><figure> <img alt="जम्मू-कश्मीर, Jammu and Kashmir, Kashmir, कश्मीर, 370" src="https://c.files.bbci.co.uk/17F6/production/_108243160_a24d5888-f9c0-4e97-8eeb-eba57902f73f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>अनुच्छेद 370 में भूमिका</h3><p>अपने कार्यकाल के बाद भी उन्होंने कश्मीर के लिए काम करना जारी रखा. जब कश्मीर का भारत में विलय हुआ तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कश्मीर मसले को देख रहे थे. </p><p>हालांकि वो सीधे तौर पर खुद इससे नहीं जुड़े थे, उन्होंने कश्मीर मामलों की ज़िम्मेदारी आयंगर को ही सौंपी थी. जो उस समय बिना पोर्टफ़ोलियो वाले मंत्री थे.</p><figure> <img alt="नेहरू, पटेल, गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/28C4/production/_108263401_f8be4760-8d24-4167-99e6-333defe8dabb.jpg" height="415" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार किए जाने के बाद गोपालस्वामी आयंगर के ऊपर उस मसौदे को संसद में पारित कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई.</p><p>जब सरदार पटेल ने इस पर सवाल उठाया तो नेहरू ने जवाब दिया, &quot;गोपालस्वामी आयंगर को विशेष रूप से कश्मीर मसले पर मदद करने के लिए कहा गया है क्योंकि वे कश्मीर पर बहुत गहरा ज्ञान रखते हैं और उनके पास वहां का अनुभव है. नेहरू ने कहा कि अयांगर को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए.&quot;</p><figure> <img alt="नेहरू, पटेल" src="https://c.files.bbci.co.uk/EC14/production/_108263406_04711618-0190-4a7a-a5dc-1f85786e8e2b.jpg" height="619" width="976" /> <footer>HULTON ARCHIVES/PHOTO DIVISION</footer> </figure><p>नेहरू ने कहा, &quot;मुझे यह नहीं समझ आता कि इसमें आपका (गृह) मंत्रालय कहां आता है, सिवाए इसके कि आपके मंत्रालय को इस बारे में सूचित किया जाए. यह सब मेरे निर्देश पर किया गया है और मैं अपने उन कामों को रोकने पर विचार नहीं करता जिसे मैं अपनी ज़िम्मेदारी मानता हूं. आयंगर मेरे सहकर्मी हैं.&quot;</p><p>आयंगर पर कुछ ऐसा ही था नेहरू का भरोसा.</p><figure> <img alt="संयुक्त राष्ट्र संघ" src="https://c.files.bbci.co.uk/01B4/production/_108263400_7583bc72-0c9f-4c15-8de7-95691c8b330f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>इसके बाद, आयंगर ने कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि भारतीय सेना राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए वहां गई है और एक बार घाटी में शांति स्थापित हो जाए तो वहां जनमत संग्रह कराया जाएगा.</p><p>गोपालस्वामी आयंगर और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ज़फ़रुल्लाह ख़ान के बीच कश्मीर मुद्दे पर जुबानी जंग चली. गोपालस्वामी ने तर्क दिया कि &quot;कबायली अपने आप भारत में नहीं घुसे, उनके हाथों में जो हथियार थे वो पाकिस्तानी सेना के थे.&quot;</p><p>बाद में गोपालस्वामी भारत के रेल और परिवहन मंत्री भी बने.</p><p>71 साल की आयु में फ़रवरी 1953 में चेन्नई में गोपालस्वामी आयंगर का निधन हो गया.</p><p>गोपालस्वामी के निधन के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने भारतीय संसद में उनके बारे में कहा, &quot;गोपालस्वामी 5-6 वर्षों तक जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री रहे. वे बहुत कठिन दिन थे. उन वर्षों में उस क्षेत्र में हम युद्ध लड़ रहे थे.&quot;</p><h3>ये भी पढ़ें:</h3> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49265006?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जम्मू-कश्मीर पर चीन के बयान को हल्के में न ले भारत- नज़रिया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/live/india-49246581?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">लोकसभा में भी पास हुआ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49237628?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अब जम्मू कश्मीर में ज़मीन ख़रीदना कितना आसान </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49220346?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जम्मू-कश्मीर में क्या है ताज़ा हाल तस्वीरों में देखिए</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49237990?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अनुच्छेद 370: क्या कश्मीर में अब बढ़ सकता है तनाव </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44663023?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पाकिस्तान को देने को राज़ी थे सरदार पटेल?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a 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