<figure> <img alt="सुप्रीम कोर्ट" src="https://c.files.bbci.co.uk/0BAA/production/_108268920_1815cb4b-d4c7-4582-8c13-6ba05d5dfd1c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश के ख़िलाफ़ नेशनल कांफ़्रेंस के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. </p><p>नेशनल कांफ़्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने पांच अगस्त को जारी किए गए राष्ट्रपति के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. </p><p>इस आदेश के अनुसार, अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को ख़त्म कर दिया गया है.</p><p>संसद सदस्य लोन और मसूदी ने जम्मू एवं कश्मीर (पुनर्गठन) एक्ट, 2019 को चुनौती देते हुए इसे ‘असंवैधानिक, अमान्य और अप्रभावी’ घोषित करने की मांग की है.</p><p>याचिका में मांग की गई है कि राष्ट्रपति के आदेश को ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक घोषित किया जाए.</p><p>जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के संबंध में पिछले पांच दिनों में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल यह चौथी याचिका है.</p><p>नेशनल कांफ़्रेंस के नेताओं की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वे संसद के सदस्य हैं और भारत के नागरिक होने के नाते राष्ट्रपति के आदेशों से आहत हुए हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49305716?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’पूरा कश्मीर ही जेल में तब्दील हो गया है, एक खुली जेल'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49296433?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पांच दिन कर्फ़्यू के बाद अब जम्मू और कश्मीर के क्या हैं हालात</a></li> </ul><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/A7EA/production/_108268924_cf105a6b-5ab8-4508-b047-f7c8df190cbd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>याचिका में क्या कहा गया है?</h1><p>याचिका में कहा गया है, "राष्ट्रपति के आदेश में अनुच्छेद 370 को ही बदलने के लिए अनुच्छेद 370(1)(डी) का इस्तेमाल किया गया है और इस तरह इसने जम्मू कश्मीर राज्य और भारत के बीच संघीय रिश्ते को बदल दिया है. राष्ट्रपति का आदेश उस दौरान जारी किया गया है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है. इस तरह ये सरकार की ओर से संघीय चरित्र को बदलने की कोशिश है."</p><p>दलील दी गई है कि ‘राष्ट्रपति के आदेश में अस्थाई हालात का बहाना लिया गया है, जिसका मतलब हुआ कि एक चुनी हुई सरकार आने से पहले राज्य के लोगों के साथ बिना सलाह मशविरा किए या बिना चुने हुए प्रतिनिधियों के ही, जम्मू कश्मीर के दर्ज़े को हमेशा के लिए बदल दिया जाए.’ </p><p>याचिका में कहा गया है कि ‘शामिल होने के समय जम्मू कश्मीर के लोगों को जिस आज़ादी और लोकतांत्रिक अधिकार की गारंटी दी गई थी, ये उसे रातों रात ख़त्म कर देने जैसा है.’ </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49278179?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर यूएन मानवाधिकार उच्चायोग ने जताई चिंता</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49227821?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर के हालात पर क्या है इस छात्रा का दर्द</a></li> </ul><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/CEFA/production/_108268925_ee4dd7d4-1495-40f8-8262-46f4b5ef10e6.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>हालात</strong><strong> पर चिंता</strong></p><p>इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एक वकील की इसी संबंध में दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.</p><p>अदालत में एक और याचिका दायर की गई है जिसमें कर्फ़्यू और फ़ोन लाइन, इंटरनेट, न्यूज़ चैनल समेत अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग की गई थी. </p><p>शुक्रवार को भी एक कश्मीरी वकील ने राष्ट्रपति के आदेश के ख़िलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और राज्य में मानवाधिकार उल्लंघन को रोकने के निर्देश दिए जाने की मांग की थी. </p><p>बीते सोमवार से ही जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व कर्फ़्यू के हालात हैं, संचार और सूचनाओं का पूरी तरह ब्लैक आउट कर दिया गया है. </p><p>पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कूटनीतिक संबंध सीमित करने और व्यापारिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया है जबकि अंततराष्ट्रीय स्तर पर सधी हुई प्रतिक्रिया आई है.</p><p>संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार उच्चायोग के प्रवक्ता रुपर्ट कॉवेल ने ‘गहरी चिंता’ जताई है और कहा है कि इससे ‘मानवाधिकार की स्थिति और बिगड़ेगी.'</p><p>शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र श्रीनगर समेत अन्य इलाकों में कर्फ़्यू में थोड़ी ढील दी गई थी और इस दौरान कुछ विरोध प्रदर्शनों की भी ख़बरें आई हैं. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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नेशनल कांफ़्रेंस ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई
<figure> <img alt="सुप्रीम कोर्ट" src="https://c.files.bbci.co.uk/0BAA/production/_108268920_1815cb4b-d4c7-4582-8c13-6ba05d5dfd1c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश के ख़िलाफ़ नेशनल कांफ़्रेंस के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. </p><p>नेशनल कांफ़्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने पांच अगस्त को जारी किए गए राष्ट्रपति के आदेश को सुप्रीम […]
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