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झारखंड: तीन तलाक़ क़ानून बनने के बाद थाने पहुंची महिला

<figure> <img alt="फोन पर ट्रिपल तलाक, थाने पहुंच गईं सुबैदा ख़ातून" src="https://c.files.bbci.co.uk/16CDE/production/_108160439_f0164d4c-652a-487e-8e21-15cd06ef478c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>’मेरे शौहर ने मुझे फ़ोन किया और कहा कि तुम आज के आज घर पहुंचो. हम नहीं जा सके. मेरे मायके में कोई पहुंचाने वाला नहीं था. तब वो ग़ुस्से में बोले कि जाओ हम तुमको तलाक़ देते […]

<figure> <img alt="फोन पर ट्रिपल तलाक, थाने पहुंच गईं सुबैदा ख़ातून" src="https://c.files.bbci.co.uk/16CDE/production/_108160439_f0164d4c-652a-487e-8e21-15cd06ef478c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>’मेरे शौहर ने मुझे फ़ोन किया और कहा कि तुम आज के आज घर पहुंचो. हम नहीं जा सके. मेरे मायके में कोई पहुंचाने वाला नहीं था. तब वो ग़ुस्से में बोले कि जाओ हम तुमको तलाक़ देते हैं. उन्होंने फ़ोन पर तीन बार तलाक़-तलाक़-तलाक़ बोला और फिर फ़ोन काट दिया. वह तारीख़ आठ जून थी. तबसे हम उनसे अलग रह रहे हैं.&quot; </p><p>&quot;इसके बाद 29 जुलाई को सुलह के वास्ते हम अपने ससुराल गए. लेकिन, मेरे शौहर और उनके घरवालों ने मेरे बच्चों को मुझसे छीन लिया. तब हम इस तलाक़ के ख़िलाफ़ 31 जुलाई बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कराने विष्णुगढ़ थाना गए. पुलिस को सारी बात बतायी. वहां एफ़आईआर कराने के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से मेरे बच्चे मुझे मिले. हम बच्चों को लेकर मायके चले आए. अब मेरी ज़िदगी बदरंग हो चुकी है.&quot; </p><p>यह कहते हुए सुबैदा ख़ातून कभी रोती हैं, तो कभी लड़ने का हौसला भी दिखाती हैं. </p><p>वह इन दिनों हज़ारीबाग ज़िले के कीर्तिडीह स्थित अपने मायके में रह रही हैं. यह विष्णुगढ़ थानाक्षेत्र का एक गांव है. </p><p>पांच साल पहले उनका निकाह इसी थाने के नवादा निवासी दिलनवाज़ अंसारी से हुआ था. सुबैदा ख़ातून के तीन बच्चे हैं. </p><p>इनमें से सबसे छोटी बच्ची महज़ दो महीने की है. सबसे बड़ी बेटी की उम्र भी सिर्फ़ तीन साल है. वह ख़ुद भी तीस साल से कम उम्र की हैं.</p><figure> <img alt="फोन पर ट्रिपल तलाक, थाने पहुंच गईं सुबैदा ख़ातून" src="https://c.files.bbci.co.uk/11EBE/production/_108160437_f8bca2ab-716f-4333-b5b5-6a9673a08c75.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>क़ानून बनने के बाद पहला मामला</h1><p>ट्रिपल तलाक़ निषेध से संबंधित विधेयक ‘मुस्लिम वूमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मेरिज) एक्ट-2019’ पास होने के बाद वह झारखंड की ऐसी पहली महिला हैं, जिन्होंने अपने पति पर एक बार में (ट्रिपल) तलाक़ देने का आरोप लगाया है. </p><p>हालांकि, पुलिस ने यह मामला दहेज प्रताड़ना और मारपीट की धाराओं में दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि सुबैदा ने अपने बयान में मारपीट और दहेज प्रताड़ना की बातें भी कही थीं. इसलिए हमने उन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है, क्योंकि अभी उस क़ानून से संबंधित नोटिफ़िकेशन नहीं आया है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49170816?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तीन तलाक़ बिल: ऐतिहासिक फ़ैसला या ज़ुल्म का क़ानून?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49173565?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">उन्नाव: ’35 बार शिकायत की, कोई कार्रवाई नहीं हुई'</a></li> </ul><figure> <img alt="फोन पर ट्रिपल तलाक, थाने पहुंच गईं सुबैदा ख़ातून" src="https://c.files.bbci.co.uk/D09E/production/_108160435_d87fa704-57fb-4b30-8dcb-2d119808622b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>क्या यह </strong><strong>तीन</strong><strong> तलाक़ है</strong></p><p>विष्णुगढ़ के एसडीपीओ (अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी) सहदेव साव ने मीडिया से कहा कि पुलिस इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है कि इसमें तीन तलाक़ की रोकथाम से संबंधित नया क़ानून लागू होता है या नहीं. </p><p>अगर केस की परिस्थितियां वैसी बनीं, तो पुलिस उन धाराओं को भी जोड़ सकती है.</p><p>वहीं विष्णुगढ़ के थाना प्रभारी (ओसी) गणेश कुमार सिंह ने बीबीसी को बताया कि सुबैदा ख़ातून और उनके पति के बीच पहले से विवाद चला आ रहा रहा है. </p><p>कुछ महीने पहले भी उनका मामला थाने तक आया था, तब बॉन्ड भरवाकर उन्हें एक साथ रहने की हिदायत दी गई थी. </p><p>अब सुबैदा ने यह आरोप लगाया है कि उनके शौहर, सास-ससुर और दूसरे ससुराल वाले दहेज के लिए उनसे मारपीट करते थे. उन लोगों ने सुबैदा को घर से भी निकाल दिया था. इसलिए हमने रिपोर्ट दर्ज कर ली है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49113303?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तीन तलाक़ बिल पास </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49040075?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">गुज़ारा भत्ते में पति देगा सूट, चावल और दाल </a></li> </ul><h1>सुबैदा ख़ातून के शौहर की पीड़ा</h1><p>सुबैदा के शौहर दिलनवाज़ अंसारी तलाक़ देने की बात से इनकार करते हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसी कोई बात हुई ही नहीं है. अगर हुई होती, तो वह मुझसे बात कैसे करती.</p><p>उन्होंने बीबीसी से कहा, &quot;तलाक़ देने का मुझ पर लगाया गया आरोप फ़िज़ूल है. हमारी क़ौम में तलाक़ के बाद पति-पत्नी का कोई रिश्ता नहीं रह जाता है. दोनों के बीच बातचीत भी नहीं होती है. तलाक़ को हमारे समाज से मान्यता दिलायी जाती है. इस मामले में न मेरे गांव के और न ससुराल के गांव की अंजुमन कमेटी ने कोई मान्यता दी है. न मैंने तलाक़ दिया है. मैं तो उस दिन महाराष्ट्र में था.&quot; </p><p>बकौल दिलनवाज़, &quot;मेरी पत्नी ट्रिपल तलाक़ क़ानून की आड़ में हमें प्रताड़ित कर रही है. वह चाहती है कि मैं घर से बंटवारा कर अलग हो जाऊं. बताइए, क्या यह संभव है.&quot; </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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