बीजिंग : चीन ने ताइवान को युद्धक टैंकों और विमान भेदी मिसाइलों समेत 2.2 अरब डॉलर के हथियारों की प्रस्तावित बिक्री संबंधी समझौते को तत्काल रद्द किये जाने की अमेरिका से मंगलवार को मांग की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियारों की बिक्री (एक चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन करता है) चीन के आंतरिक मामलों में व्यापक रूप से हस्तक्षेप करता है और चीन की संप्रभुता तथा सुरक्षा हितों को कमजोर करता है. गेंग ने कहा कि चीन पहले ही कूटनीतिक माध्यमों से इस कदम के लिए घोर असंतोष और कड़ा विरोध व्यक्त करते हुए औपचारिक शिकायतें दर्ज करा चुका है. उन्होंने कहा, चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि वह चीन-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए तुरंत ताइवान को हथियारों की प्रस्तावित बिक्री को रद्द करे और उसके साथ सैन्य संबंध भी खत्म करे.
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) के अनुसार, इस सौदे में 108 एम1ए2टी एब्राम टैंक, 250 स्टिंगर पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल और संबंधित उपकरण शामिल हैं. इस बीच ताइवान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ताइवान चीन के महत्वाकांक्षी प्रसार की सीमा में खड़ा है और बीजिंग से भारी खतरों और दबाव का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, एम1ए2 टैंक और विभिन्न मिसाइलों की यह बिक्री हमारी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने में बहुत सहायता करेगी. ताइवानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल यांग हेई-मिंग ने पत्रकारों से कहा, एम1ए2 टैंक काफी विश्वसनीय हैं और हमारे युद्धाभ्यास के कारण हमारी जमीनी रक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बन जायेंगे. उन्होंने कहा, हमारे पुराने टैंकों के स्थान पर एम1ए2 टैंकों के आने से हमारी रक्षा क्षमता तेजी से और प्रभावी ढंग से बढ़ेगी.