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FIFA WC: 24 साल बाद जर्मनी को खिताब

अनुज कुमार सिन्हा जर्मनी ने अर्जेटीना को 1-0 से हरा कर फुटबाल वर्ल्ड कप पर 24 साल बाद कब्जा कर लिया. जर्मनी का यह चौथा खिताब है. ठीक 24 साल पहले (1990 में) इटली में हुए वर्ल्ड कप में जर्मनी ने इसी अर्जेटीना की टीम को हरा कर खिताब जीता था. पहली बार जर्मनी ने […]

अनुज कुमार सिन्हा

जर्मनी ने अर्जेटीना को 1-0 से हरा कर फुटबाल वर्ल्ड कप पर 24 साल बाद कब्जा कर लिया. जर्मनी का यह चौथा खिताब है. ठीक 24 साल पहले (1990 में) इटली में हुए वर्ल्ड कप में जर्मनी ने इसी अर्जेटीना की टीम को हरा कर खिताब जीता था. पहली बार जर्मनी ने 1954 में हंगरी को हरा कर फीफा वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. दूसरी बार 1974 में जर्मनी ने हालैंड को हरा कर वर्ल्ड कप जीता था. जर्मनी के अनुभवी खिलाड़ियों के आगे आज अर्जेटीना के खिलाड़ियों की नहीं चली.
देखें तस्‍वीरें…

इस वर्ल्ड कप में फाइनल से पहले बहुत ज्यादा उलटफेर हुआ. गत चैंपियन स्पेन की टीम को जिस तरीके से पहले ही मैच में नीदरलैंड (गत वर्ल्ड कप की उपविजेता) ने रौंदा, उससे स्पेन की टीम उबर नहीं सकी और पहले राउंड में ही बाहर हो गयी. दुनिया इस बार फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रोनाल्डो (पुर्तगाल) का जादू भी बहुत नहीं देख सकी क्योंकि ग्रुप मैच में ही पुर्तगाल को बाहर होना पड़ा. इटली और इंग्लैंड की मजबूत टीम भी उलटफेर के कारण बाहर हो गयी थी. इन कारणों से कप के प्रबल दावेदारों में ब्राजील,जर्मनी , अर्जेटीना,नीदरलैंड ही बचे थे. अंतत: किस्मत ने जर्मनी का साथ दिया.

जर्मनी ने जब सेमीफाइनल में मेजबान ब्राजील को 7-1 से रौंद दिया था, उसी दिन यह लग गया था कि जर्मनी को रोकना अर्जेटीना के बस में नहीं है. ब्राजील का बाधा पार करने के बाद जर्मनी को रोकनेवाला कोई था नहीं. नीदरलैंड को कड़े संघर्ष के बाद पेनाल्टी शूटआउट से हरा कर अर्जेटीना की टीम फाइनल में पहुंची थी. जर्मनी के खिलाड़ियों को इसका मनोवैज्ञानिक लाभ मिला. फाइनल के पहले वर्ल्ड कप में छह बार जर्मनी और अज्रेंटीना का मुकाबला हुआ था और छह में चार बार जर्मनी की जीत हुई थी. एक बार मैच ड्रा रहा था. सिर्फ 1986 में जर्मनी को अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा था जब अर्जेटीना की टीम चैंपियन हुई थी. उन दिनों माराडोना पूरे फार्म में थे.

इस बार जब वर्ल्ड कप के मैच आरंभ हुए और जर्मनी ने अपना मैच खेलना शुरु किया तो ऐसा नहीं लगा कि जर्मनी की टीम चैंपियन हो सकती है. इसके अधिकांश प्रमुख खिलाड़ियों की उम्र अधिक है. लेकिन ये हैं अनुभवी. इसलिए छोटे-छोटे और सटीक पास इनका प्रमुख हथियार बना. जर्मनी की सबसे बड़ी ताकत इसकी डिफेंस रही. विपक्षी खिलाड़ियों के लिए जर्मनी की किलेबंदी को तोड़ना आसान नहीं रहा.16 जून को जब जर्मनी ने अपना अभियान शुरु किया तो उसका मुकाबला पुर्तगाल की टीम से था. जर्मनी आसानी से 4-0 से जीता. इस मैच में जर्मनी के स्टार खिलाड़ी और 2010 के वर्ल्ड कप के गोल्डेन बूट विजेता थामस मूलर ने तीन गोल किये थे. शुरुआत तो शानदार थी, लेकिन इसके बाद के मैचों में जर्मनी को जीत के लिए पसीने बहाने पड़े. ग्रुप मैच में जर्मनी और घ़ाना का मैच 2-2 से बराबरी पर रहा था. जर्मनी की टीम तो घाना के खिलाफ हारते-हारते बची थी. जर्मनी की टीम पर इतना दबाव हो गया था कि उसे अपने स्टार खिलाड़ी क्लोसे को अंतिम क्षण में उतारना पड़ा था, जिसने गोल कर स्कोर को बराबर पर ला दिया था. घाना के मैच के बाद जर्मनी पर दबाव बढ़ गया था. अमेरिका को भी वह मामूली अंतर यानी 1-0 से ही हरा सका. अल्जीरिया के खिलाफ जर्मनी ने 2-1 से मैच जीता. अगला मुकाबला था फ्रांस के साथ. कड़ा मुकाबला हुआ. अंतत: फ्रांस को 1-0 से हरा कर जर्मनी की टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी.

सेमीफाइनल में जर्मनी का मुकाबला ब्राजील से था. मेजबान टीम. स्टेडियम में जोरदार समर्थन. लेकिन नेमार के नहीं खेलने से ब्राजील की टीम अतिरिक्त दबाव में थी. रोचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन जर्मनी ने ब्राजील के खिलाफ जो खेल खेला, उसने न सिर्फ वर्ल्ड कप जीतने का ब्राजील का सपना तोड़ा बल्कि बुरी तरह हराने का रिकार्ड बना दिया. कोई सपने में नहीं सोच सकता कि जर्मनी की टीम ब्राजील को 7-1 गोल से हरा सकती है. इसके पहले जर्मनी ने 1954 में तुर्की को 7-2 से, उसी साल आस्ट्रिया को 6-1 से हराया था. ब्राजील को हराने के बाद जर्मन खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा हुआ था. इसका फायदा उसे फाइनल में मिला.

ऐसे भी जर्मन की टीम ने इस बार संतुलित खेल खेला. टीम धीरे-धीरे लय में आयी. तगड़े डिफेंस का कमाल यह रहा कि फाइनल के पहले जर्मनी के खिलाफ सिर्फ चार गोल हुए जबकि जर्मनी के खिलाड़ियों ने 17 गोल दागे. फाइनल के पहले के छह मैचों में से पांच में जीत (सिर्फ घाना के साथ मैच ड्रा) जर्मनी की टीम की ताकत का अहसास कराता है. इस वर्ल्ड कप में जर्मनी की ओर से क्लोज और मूलर ने शानदार खेल दिखाया. क्लोज तो वर्ल्ड कप के इतिहास में सर्वाधिक गोल करनेवाले खिलाड़ी बन गये हैं.

जर्मनी का वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन रहा है. 1930 में उरुग्वे में जब पहला वर्ल्ड कप शुरु हुआ तो जर्मनी ने अपना नाम वापस ले लिया था. 1934 में उसे तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था.लेकिन उसके बाद 1938 के वर्ल्ड कप में जर्मनी को पहले ही राउंड में बाहर होना पड़ा था. वर्ल्ड वार के कारण 1942 और 1946 का वर्ल्ड कप नहीं हो सका. लेकिन .युद्ध की समाप्ति के ेबाद 1950 में जब वर्ल्ड कप शुरू हुआ तो जर्मनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

इस प्रतिबंध से जर्मनी की टीम हतोत्साहित नहीं हुई और 1954 में स्वीटजरलैंड में हुए अगले वर्ल्ड कप में उसने हंगरी को 3-2 से हरा कर पहली बार वर्ल्ड कप जीता. इस वर्ल्ड कप (1954) में भी जर्मनी का सामना अर्जेटीना से हुआ था. ग्रुप एक में जर्मनी ने उस बार अर्जेटीना को 3-1 से हराया था. अगले खिताब के लिए जर्मनी को 20 साल का इंतजार करना पड़ा. उसने 1974 में हालैंड को हरा कर वर्ल्ड कप पर दूसरी बार कब्जा किया. ऐसी बात नहीं है कि इन 20 सालों में उसे मौका नहीं मिला. 1966 के वर्ल्ड कप में मेजबान इंग्लैंड ने उसे 4-2 से हरा दिया था. जर्मनी को रनर अप से ही संतोष करना पड़ा था. किस्मत ने जर्मनी का साथ 1982 और 1986 में भी नहीं दिया था. दोनों वर्ल्ड कप में जर्मनी की टीम खिताब के करीब पहुंच कर फाइनल में हार गयी थी. 1982 में इटली ने जर्मनी को 3-1 से हरा दिया था जबकि 1986 में जर्मनी का सपना तोड़ा था अर्जेटीना ने. मैक्सिको में आयोजित 1986 के वर्ल्ड कप में अर्जेटीना ने जर्मनी को कड़े मुकाबले में 3-2 से हरा दिया था.

1982 और 1986 में लगातार दो बार चैंपियन बनने से चूकने के बाद जर्मनी के खिलाड़ियों ने तय कर लिया था कि उसे हर हाल में कप पर कब्जा करना है. 1990 के वर्ल्ड कप में जर्मनी ने अर्जेटीना को हरा कर न सिर्फ कप पर तीसरी बार कब्जा किया बल्कि 1986 में अर्जेटीना के हाथों हुई हार का बदला भी ले लिया. इसके बाद 2002 में जर्मनी की टीम खिताब के करीब पहुंच गयी थी लेकिन फाइनल में ब्राजील ने उसे हरा कर कप पर कब्जा कर लिया था. 2006 के वर्ल्ड कप में इटली ने उसे सेमीफाइनल में 2-0 से हरा कर बाहर कर दिया था जबकि 2010 के सेमीफाइनल में उसे स्पेन ने हरा दिया था. 24 साल से कप के लिए भूखी जर्मनी की टीम ने अंतत: इस बार अर्जेटीना को हरा कर खिताब पर कब्जा कर लिया.

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