मुंबई/काठमांडू : बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह मोबाइल गेम ‘पबजी’ की सामग्री की पड़ताल करे और अगर उसे कुछ आपत्तिजनक लगता है तो वह आवश्यक नियामकीय निर्देशों को जारी करे. वहीं, मल्टीप्लेयर इंटरनेट गेम को अदालत के आदेश के बाद नेपाल में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि अगर उन्हें ऐसा करना उचित लगता है तो वह गेम सेवाप्रदाता को उसे ब्लॉक करने के निर्देश दें. अदालत ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई पर दिये. याचिका में विद्यालयों में बच्चों के पबजी गेम खेलने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता के वकील तनवीर निजाम ने कहा कि अदालत सभी विद्यालयों को यह निर्देश दे कि वे अपने परिसर में इस गेम पर प्रतिबंध लगायें. अदालत ने पाया कि विद्यालयों ने पहले ही बच्चों के मोबाइल फोन या वीडियो गेम उपकरण लाने पर रोक लगा रखी है.
अदालत ने कहा, आप यह कैसे कह सकते हैं कि स्कूलों को गेम पर प्रतिबंध लगाना चाहिए? स्कूल कहेंगे कि हमने पहले ही इसे अनुमति नहीं दी है. अगर मां-बाप ही अपने बच्चों को मोबाइल फोन देकर ऐसा गेम खेलने देते हैं तो इसमें स्कूल क्या करेंगे? याचिका में आरोप लगाया गया था कि बच्चे और बालिग दोनों को इसकी लत पड़ रही है और यह हिंसा, उत्तेजना और साइबर-धौंस को बढ़ावा दे रहा है.
वहीं,दूसरी ओर इस मल्टीप्लेयर इंटरनेट गेम को अदालत के आदेश के बाद नेपाल में प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसमें कहा गया कि इसका युवकों और बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था. मीडिया में आयी खबरों में यह जानकारी दी गयी. काठमांडू पोस्ट की बृहस्पतिवार की खबर में कहा गया है कि नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (द नेपाल टेलीकम्युनिकेशन अथारिटी) ने सभी इंटरनेट और मोबाइल सेवा प्रदाताओं को पबजी के नाम से चर्चित ‘प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड’ को बृहस्पतिवार को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये.
पुलिस के अनुसार, प्रतिबंध के बाद अब यदि कोई गेम खेलता पाया जायेगा तो उसे गिरफ्तार किया जायेगा. रिपोर्ट में बताया गया कि काठमांडू जिला अदालत ने महानगरीय अपराध शाखा द्वारा दायर याचिका जिसमें बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव का उल्लेख किया गया था, के बाद पबजी को प्रतिबंधित करने की अनुमति प्रदान की. अदालत की अनुमति के बाद अपराध शाखा ने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) को पत्र लिखकर गेम पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया. एनटीए के कार्यकारी चेयरमैन पुरुषोत्तम खनाल के हवाले से कहा गया, अपराध शाखा के पत्र के आधार पर हमने सभी इंटरनेट और मोबाइल सेवा प्रदाताओं को गेम पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है.

