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वानिकी के क्षेत्र में रोजगार के हैं अवसर

वानिकी में क्वालीफाइड छात्रों के पास फॉरेस्ट, कंजर्वेशन के अलावा अन्य कई अवसर हैं. लेकिन इन अवसरों की प्रकृति पंरपरागत वानिकी से कुछ हटकर है. तेजी से बदलती परिस्थितियों के बीच बहुत संभव है कि आने वाला कल इन्हीं जॉब्स का हो. टिंबर प्लांटेशन में कार्यरत कॉरपोरेट हाउस, एनजीओ, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, लैंडस्केप […]

वानिकी में क्वालीफाइड छात्रों के पास फॉरेस्ट, कंजर्वेशन के अलावा अन्य कई अवसर हैं. लेकिन इन अवसरों की प्रकृति पंरपरागत वानिकी से कुछ हटकर है. तेजी से बदलती परिस्थितियों के बीच बहुत संभव है कि आने वाला कल इन्हीं जॉब्स का हो. टिंबर प्लांटेशन में कार्यरत कॉरपोरेट हाउस, एनजीओ, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, लैंडस्केप मैनेजमेंट, जू क्यूरेटिंग, कंसल्टेंसी फ‌र्म्स इसके कुछ उदाहरण हैं.

प्रोफेशनल्स की हैविशेष दरकार

जंगल हमारे लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं. ये जैव तंत्र व अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ लोगों का जीवनस्तर उठाने में भी मदद करते हैं. लोगों को भी अब लगने लगा है कि यदि वन न रहे तो धरती पर जीवन खतरे में पड़ सकता है. इसके साथ ही वनों को सुरक्षित रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी चुनौती बन कर लोगों के सामने खड़ी हो गई है. केन्द्र व प्रदेश सरकारें भी वनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त फंड मुहैया करा रही हैं.

वनों के प्रबंधन एवं उनकी देखभाल के लिए फॉरेस्ट्री (वानिकी) प्रोफेशनल्स की विशेष दरकार होती है. इनके ऊपर देश की प्राकृतिक धरोहर एवं संपदा को बचाने की जिम्मेदारी है. इसके लिए उन्हें वन्य जीवों की रक्षा संबंधी चुनौतियों से भी दो-चार होना पड़ता है. आमतौर पर फॉरेस्ट्री एक ऐसा विज्ञान है, जिसके अंतर्गत जंगलों के विकास एवं उनकी देखभाल की रूपरेखा तय की जाती है. वनों की सुरक्षा और उन्हें विकसित करने के उद्देश्य से अब इसे एक स्थापित करियर का रूप दे दिया गया है.

बारहवीं के बाद अवसर

फॉरेस्ट्री में करियर बनाने के लिए न्यूनतम डिग्री 10+2 (साइंस विषयों सहित) होना जरूरी है, तभी बीएससी में दाखिला मिल सकता है. बीएससी के पश्चात एमएससी में आसानी से प्रवेश मिल सकता है. कई ऐसे संस्थान हैं, जो पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराते हैं. मास्टर के पश्चात छात्र चाहें तो एमफिल अथवा पीएचडी में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

कुछ प्रमुख कोर्स

बीएससी इन फॉरेस्ट्री (तीन वर्षीय)

एमएससी इन फॉरेस्ट्री (दो वर्षीय)

बीएससी इन वाइल्ड लाइफ (तीन वर्षीय)

एमएससी इन वाइल्ड लाइफ (दो वर्षीय)

एमएससी इन वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी (दो वर्षीय)

पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट (एक-दो वर्षीय)

एमफिल इन फॉरेस्ट्री (एक वर्षीय)

पीएचडी इन फॉरेस्ट्री (तीन वर्षीय)

कई तरह के गुण आवश्यक

यह ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें प्रोफेशनल को अपने अंदर कई तरह के गुणों का समावेश करना पड़ता है. शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ उसमें प्रकृति से प्रेम करने की आदत व वैज्ञानिक विचारधारा का होना जरूरी है. इसके अलावा उसमें धर्य, साहस, पब्लिक रिलेशन स्किल्स, निर्णय लेने की क्षमता, लंबी अवधि तक कार्य करने की क्षमता, कृषि एवं भूगोल के क्षेत्र में रुचि होनी जरूरी है.

सैलरी : आमतौर पर इसमें फ्रेशर्स के रूप में प्रोफेशनल्स को 10-15 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. दो-तीन साल के अनुभव के बाद सेलरी 30-35 हजार प्रतिमाह के करीब पहुंच जाती है. आजकल इस क्षेत्र में संबंधित प्रोफेशनल्स के लिए एनजीओ अच्छा पैकेज ऑफर कर रहे हैं.

प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान

डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा

वेबसाइट- www.dbrau.ac.in

फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीटय़ूट, देहरादून

इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल

वेबसाइट- www.iifm.ac.in

बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची

वेबसाइट- www.bauranchi.org

कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियिरग एंड टेक्नोलॉजी, हिसार

कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री, केरल

वेबसाइट- www.forestry.kau.edu

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