लाहौर : पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने अपने संपादकीय में सोमवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन को जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी चिह्नित करने के रास्ते में रोड़ा नहीं अटकाना चाहिए.
अखबार ने संपादकीय में पाकिस्तान में आतंकी समूहों पर सख्त कार्रवाई करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से इस्लामाबाद को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आदर-सम्मान दोबारा प्राप्त होगा.
‘डॉन’ (Dawn) ने संपादकीय में कहा है कि कोई भी ‘अच्छा’ या ‘बुरा’ आतंकी समूह नहीं होता है और ये समूह या तो देश में तबाही लाते हैं या तबाही लाते रहे हैं.
संपादकीय में कहा गया है, लेकिन उम्मीद है कि अब यह नजरिया खत्म हो चुका है क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने वादा किया है कि किसी भी समूह को आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी.
संपादकीय में कहा गया है, उनको अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए. यही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिये पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आदर-सम्मान हासिल कर सकता है और इसी तरह से भारत के पाकिस्तान को अलग-थलग करने के प्रचार का मुकाबला कर सकता है.
डॉन ने संपादकीय में कहा है, ज्यादातर आतंकी समूहों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है लेकिन यह सुनिश्चित किये जाने की जरूरत है कि ये सभी फिर से पुनर्जीवित न हो पाएं.
अगर दुनिया मसूद अजहर को काली सूची में डालना चाहती है तो पाकिस्तान को इस पर हिचकिचाना नहीं चाहिए और न ही चीन को ऐसा करना चाहिए. चीन ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चौथी बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह रोक दी थी.
इस कदम को भारत ने निराशाजनक बताया था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी और इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.