इन दिनों कुकिंग बुक्स, मैग्जीन्स, विज्ञापन एजेंसियों, फिल्म प्रोडक्शन हाउसेज, पब्लिशिंग हाउसेज, होटल, रेस्तरां, डिजाइन हाउसेज के अलावा फूड संबंधी रिएलिटी शोज में फूड स्टाइलिस्ट की खासी डिमांड देखी जा रही है. इसके अलावा, फ्रीलांसर के तौर पर भी इस करियर की शुरुआत की जा सकती है. ऐसे में कहा जा सकता है यह क्षेत्र युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है. अगर आपका काम अच्छा होगा, तो कमाई भी निश्चित रूप से बेहतर हो सकती है.
थोड़े से टैलेंट और सूझबूझ से इस क्षेत्र में अपार अवसर तलाशे जा सकते हैं. यूं भी फूड एंड बेवरेज रिटेल इंडस्ट्री के व्यापार में पिछले दो सालों में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसलिए यहां सुनहरे भविष्य की पूरी संभावनाएं हैं. ज्यादातर युवा इसे केवल कुकिंग तक सीमित समझते हैं लेकिन यह इससे कहीं ज्यादा बढ़कर है.
अक्सर टीवी विज्ञापनों, रेस्तराओं और कुलिनरी मैग्जीन्स में ऐसे फूड आइटम्स या डिशेज को देखा होगा, जिन्हें लेने के लिए मन मचल गया होगा. यह प्रेजेंटेशन का कमाल है, जिसे फूड स्टाइलिंग कहते हैं. इसमें फूड स्टाइलिस्ट्स फोटोग्राफर्स के साथ मिलकर खूबसूरत इमेज क्रिएट करते हैं. सिनेमा अथवा धारावाहिकों में भी आप इस कैरियर की शानदार झलक देख सकते हैं.
यूं होता है काम
एक फूड स्टाइलिस्ट खाने की वस्तुओं को कुछ इस तरह सजाता है कि आपका मन तुरंत उन्हें टेस्ट करने या खरीदने को होने लगता है. इस काम में काफी मेहनत और क्रियाशीलता की
आवश्यकता होती है. फूड स्टाइलिस्ट के ऊपर खाने की सामग्री और सजावटी सामान की खरीददारी से लेकर खाना तैयार करने, उसका फोटो शूट कराने आदि की जिम्मेदारी होती है. शूट से पहले कॉन्सेप्ट क्रिएट करना, जरूरी क्रॉकरी, ग्लासवेयर, कटलरी, फूल, कैंडल, रिबन आदि इकट्टा करने का काम भी स्टाइलिस्ट का ही होता है. वह व्यंजनों को इस तरह पेश करता है कि वे फ्रेश और टेस्टी नजर आने लगते हैं.
यह एक ऐसी फील्ड है, जिसमें किसी औपचारिक योग्यता की जरूरत नहीं है लेकिन आपके पास फूड संबंधी ज्ञान के साथ-साथ क्रिएटिव क्रॉफ्टवर्क और विजुअलाइजेशन पावर होगा, किसी भी डिश को इनोवेटिव स्टाइल से पेश करना जानते होंगे, तो अच्छा रहेगा. अगर फोटोग्राफी आती है, तो यह सोने पे सुहागा रहेगा. क्योंकि खाना देखने में भले ही कैसा क्यों न लगे, एक फोटोग्राफर ही उसकी खूबसूरती को बेहतर ढंग से सामने ला सकता है.
चुनौतियां भी हैं यहां
फूड स्टाइलिस्ट का जॉब काफी चुनौती भरा होता है क्योंकि कुछ समय के बाद स्टाइल किया गया भोजन खराब होने लगता है. ऐसे में सही को-ऑर्डिनेशन होना बहुत जरूरी है. कई बार अंतिम क्षणों में क्लाइंट की डिमांड बदल सकती है. इसलिए स्टाइलिस्ट को कभी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए. जो विपरीत हालात में भी रिजल्ट देते हैं, उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
बुक पब्लिशर्स, मैग्जींस एंड एडवरटाइजिंग एजेंसीज, किचन मार्केट, न्यू मार्केट्स एंड रिटेल स्टोर,न्यू रेस्टोरेंटस, फूड चेन, सुपर मार्केट एवं रिटेल स्टोर्स, फूड पैकेजिंग इंडस्ट्रीज, टेलिविजन हाउसेज और फिल्म प्रोडक्शन हाउसेज आदि में इस कॅरियर को लेकर अपार संभावनाएं हैं. साथ ही फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में भी पैसे कमाए जा सकते हैं.
प्रमुख संस्थान
मुंबई इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग, न्यूट्रिशन कॉलेज
कुलिनरी एकाडमी, सिडाडे डि गोवा
फूड क्रॉफ्ट इंस्टीट्यूट, पुणे
नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, नोएडा•
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, न्यू दिल्ली
एलबीआईएचएम, दिल्ली
एपीजी शिमला यूनिविर्सिटी, शिमला, डीपीएम आई , नई दिल्ली