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करतारपुर गलियारा शिलान्यास : इमरान ने कहा, फ्रांस-जर्मनी शांति से रह सकते हैं; तो भारत-पाक क्यों नहीं

करतारपुर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ मजबूत और शिष्ट संबंध चाहता है तथा प्रतिबद्धता के साथ दोनों देश कश्मीर सहित सभी मुद्दों को हल कर सकते हैं. इमरान ने सीमा के दोनों ओर दो पवित्र गुरुद्वारों को जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक गलियारे का […]

करतारपुर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ मजबूत और शिष्ट संबंध चाहता है तथा प्रतिबद्धता के साथ दोनों देश कश्मीर सहित सभी मुद्दों को हल कर सकते हैं. इमरान ने सीमा के दोनों ओर दो पवित्र गुरुद्वारों को जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक गलियारे का शिलान्यास किया.

यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को जोड़ेगा. इस गलियारे से भारतीय सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा रहित यात्रा कर सकेंगे. माना जाता है कि करतारपुर में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने अंतिम सांस ली थी. करतारपुर साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के पार स्थित है और डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है. सिख गुरु ने 1522 में इस गुरुद्वारे की स्थापना की थी. इमरान ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, हम भारत के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, सरकारी अधिकारी, केंद्रीय मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी तथा विदेशी राजनयिक भी शामिल हुए.

इमरान ने कहा, अगर कई युद्ध लड़ चुके फ्रांस और जर्मनी शांति के साथ रह सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान क्यों नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत उन अवसरों को नहीं समझ सकते जो खुदा ने उन्हें दिया है। उन्होंने कहा कि जब कभी वह भारत गए तो उन्हें बताया गया कि राजनेता एकजुट हैं, लेकिन सेना दोनों पक्षों के बीच मित्रता नहीं होने देगी. उन्होंने कहा, मैं आज कह रहा हूं कि हमारे नेता, हमारी सेना और अन्य सभी संस्थान एकमत हैं. हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम एक शिष्ट संबंध चाहते हैं. हमारे सामने सिर्फ एक समस्या है, कश्मीर. अगर आदमी चंद्रमा पर चल सकता है, तो कौन सी समस्याएं हैं, हम जिनका हल नहीं कर सकते? इमरान ने कहा, मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम इस समस्या का हल कर सकते हैं. लेकिन, दृढ़ संकल्प और बड़े सपनों की जरूरत है.

कल्पना कीजिये कि एक बार व्यापार शुरू हो जाता है, हमारा रिश्ते सुधर जाते हैं, तो दोनों देशों को कितना फायदा हो सकता है. उन्होंने एक बार फिर कहा कि यदि मित्रता के लिए भारत एक कदम आगे बढ़ायेगा तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ेगा. इमरान ने कहा कि दोनों तरफ से गलतियां हुई हैं, लेकिन दोनों पक्षों को अतीत में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि अगले वर्ष गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती पर करतारपुर साहिब की सुविधाएं और बेहतर होंगी. भारत ने करीब 20 साल पहले पाकिस्तान को इस गलियारे का प्रस्ताव दिया था. पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी समारोह में भाग लिया और कहा कि काफी खून-खराब हो चुका है और गलियारा क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए एक बड़ा अवसर होगा. इस कार्यक्रम को हरसिमरत कौर ने भी संबोधित किया और कहा कि अगर बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो भारत और पाकिस्तान के बीच घृणा और अविश्वास भी समाप्त हो सकता है. भावुक हरसिमरत कौर ने कहा कि इस गलियारे से दोनों देशों में खुशी और शांति आयेगी.

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