संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा की प्रवक्ता ने कहा है कि पत्रकारों और मीडिया के अन्य सदस्यों के यौन उत्पीड़न और शोषण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. भारत में मी टू आंदोलन के जोर पकड़ने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में प्रवक्ता का यह बयान आया है.
देश में मीडिया, मनोरंजन और पत्रकारिता क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं ने आगे आकर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न एवं शोषण की बात लोगों से साझा की है. इन महिलाओं के पुरुष बॉस और साथ काम करने वाले लोगों ने उनका उत्पीड़न एवं शोषण किया था. इसमें प्रमुख राजनेता और कलाकार भी शामिल हैं.
मारिया की प्रवक्ता मोनिका ग्रेले ने गुरुवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘महासभा की अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण तथा यौन हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. चूंकि हम मीडिया के लोगों के बारे में बात कर रहे हैं, तो काम करने के दौरान पत्रकारों के साथ इस तरह के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’
मी टू अभियान के बाद बड़े पैमाने पर महिलाएं सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न करने वाले का नाम उजागर कर आपबीती बता रही हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रही हैं.
मोनिका ने कहा कि वह किसी विशेष मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं, क्योंकि उन्हें इन मामलों की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि महासभा अध्यक्ष का रुख स्पष्ट है कि यौन उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
प्रवक्ता ने कहा, ‘इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बिल्कुल नहीं, बिल्कुल नहीं. बिल्कुल नहीं से न कम न अधिक. यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है.’