वॉशिंगटन : पाकिस्तान में बनी इमरान खान की नयी सरकार को पहला तगड़ा झटका लगा है. अमेरिकी मिलिटरी ने पाकिस्तान को दी जानेवाली 30 करोड़ डॉलर (2130 करोड़ रुपये से ज्यादा) की मदद रद्द कर दी है. पेंटागन ने अमेरिकी संसद से अनुरोध किया है कि वह कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार करे क्योंकि पाकिस्तान दक्षिण एशिया रणनीति के तहत ठोस कार्रवाई करने में असफल रह रहा है.
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पेंटागन के प्रवक्ता कोन फकनर ने बताया कि दक्षिण एशिया रणनीति के तहत पाकिस्तान की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण 30 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार किया गया है. रक्षा विभाग ने जून/जुलाई, 2018 में इसपर प्राथमिकता से विचार किया क्योंकि 30 सितंबर, 2018 को इस निधि के प्रयोग की अवधि समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही रक्षा विभाग अभी तक कोलिजन सपोर्ट फंड के रूप में पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की राशि पर पुन:विचार कर चुका है.
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इस निधि पर पुन:विचार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने यह प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कड़े कदम उठाये हैं. एक सवाल के जवाब में फकनर ने कहा, यह कोई नया फैसला या नयी घोषणा नहीं है.
यहां चर्चा कर दें कि आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में नाकाम रहने के कारण इस्लामाबाद को अब तक यह मदद रोकी गयी थी. अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे हैं, अब इस फैसले के बाद द्विपक्षीय रिश्ते और कमजोर हो सकते हैं. पाकिस्तान को यह झटका ऐसे वक्त में लगा है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और दूसरे टॉप सैन्य अफसरों को अगले कुछ दिनों में इस्लामाबाद आना है. गौर हो कि भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का जनक है और वहां आतंकियों को पूरा संरक्षण मिलता है.