इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ‘ के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए विपक्षी पार्टियों की एक साथ आने की कोशिश नाकाम रही और आखिरकार दो विपक्षी धड़ों ने अपने अलग-अलग उम्मीदवार मैदान में उतारने का निर्णय लिया है.
समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार ‘पाकिस्तान पीपल्स पार्टी’ (पीपीपी) के ऐतजाज अहसन और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ‘पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ‘ (पीटीआई) के डॉक्टर आरीफ अल्वी को चार सितंबर को होनेवाले चुनावों में टक्कर देंगे. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को घोषणा की थी कि चार सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव होंगे. राष्ट्रपति ममनून हुसैन का कार्यकाल इसके पांच दिन बाद खत्म हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी पार्टियों के एक साथ आने की कोशिश के नाकाम रहने से पीटीआई के उम्मीदवार अल्वी को एक तरह से सीधा फायदा मिलेगा. अहसन समय सीमा से कई घंटे पहले नामांकन दाखिल कर चुके हैं.
जेयूआई-एफ के प्रवक्ता ने दावा किया कि फजल विपक्ष के एक मात्र उम्मीदवार होंगे और विपक्ष में पीपीपी शामिल नहीं है. रिपोर्ट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि जेयूआई-एफ के प्रमुख पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए), अवामी नेशनल पार्टी, पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी और नेशनल पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर जल्द नामंकन भरेंगे. खबर के मुताबिक, उधर पीपीपी ने अहसन का नामांकन वापस होने की बात से इनकार किया है और पीएमएल-एन के साथ उसके एक सहमति पर पहुंचने के प्रयास नाकाम रहे. बहरहाल, पीएमएल-एन के कार्यवाहक महासचिव जनरल अहसन इकबाल अब भी विपक्ष को एक साथ लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने पीपीपी के नरम पड़ने की उम्मीद भी जाहिर की है.
पीटीआई के अल्वी ने पार्टी प्रमुख इमरान खान के 18 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही नामांकन भर दिया था. पाकिस्तान के राष्ट्रपति का चयन सांसदों और चार प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है. उम्मीदवारों की अंतिम सूची 30 अगस्त को जारी की जायेगी. मतदान चार सितंबर को संसद और प्रांतीय विधानसभाओं में होगा.