लंदन : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि डोकलाम के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध कोई ‘अलग मुद्दा’ नहीं था, बल्कि एक ‘घटनाक्रम का हिस्सा’ था और यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सावधान रहकर पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते, तो भारत इसे रोक सकता था.
अपने यूरोप दौरे पर राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार, भाजपा और आरएसएस पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरएसएस की तुलना अरब देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, दूसरा कोई संगठन भारत की संस्थाओं पर कब्जा या हमला करने की कोशिश नहीं करता. राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस भारत की प्रकृति को बदलने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि अभी हम एक नयी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं. राहुल ने कहा, आरएसएस का उद्देश्य है कि देश में एक ही विचार का शासन हो.
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने राहुल को अपरिपक्व बताते हुए माफी मांगने को कहा. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी के अंदर केवल संघ, भाजपा और पीएम मोदी के लिए घृणा भरी हुई है. पात्रा ने कहा कि आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से तुलना के लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत तभी तरक्की करता है जब सत्ता का विकेंद्रीकरण होता है. पिछले चार साल से सिर्फ सत्ता का केंद्रीकरण किया जा रहा है. बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने भारत में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. राहुल ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करना मुश्किल है, क्योंकि वहां किसी भी संस्था के पास पर्याप्त अधिकार नहीं हैं. इसलिए हमें तब तक इंतजार करना पड़ेगा जब तक वे कोई एकजुट संरचना न बना लें.
राहुलने कहा, वह डोकलाम को एक कार्यक्रम (इवेंट) की तरह देखते हैं.’ डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है. यह एक घटनाक्रम का हिस्सा था, यह एक प्रक्रिया थी.’ उन्होंने दावा किया कि ‘सच्चाई यह है कि चीनी आज भी डोकलाम में मौजूद हैं.’ विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने पिछले महीने राज्यसभा को बताया था कि डोकलाम में चीन के साथ टकराव की जगह और इसके आसपास कोई नयी घटना नहीं हुई है और इलाके में यथास्थिति बनी हुई है. डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध पिछले साल 16 जून को तब आरंभ हुआ था जब भारतीय पक्ष ने इलाके में चीनी सेना की ओर से किये जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था.
इससे पूर्व, कांग्रेस अध्यक्ष ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और दोनों देशों के हितों से जुड़े मुद्दों, ब्रिटिश वीजा नीति एवं आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की. कांग्रेस की ओर से जारी बयान के अनुसार, लंदन में गांधी ने लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर, वेलेरी वाज, हाउस ऑफ कॉमन में विपक्ष के नेता सर कीथ स्टारमर, सांसद गैरेथ थॉमस, स्टीफेन पाउंड, प्रीत गिल, लंदन के उप मेयर राजेश अग्रवाल तथा कई दूसरे पदाधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष आनंद शर्मा, ओवरसीज इंडियन कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा मौजूद थे. कांग्रेस के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान दोनों प्रतिनिधिमंडल ने द्विपक्षीय हितों, क्षेत्रीय और वैश्चिक घटनाक्रमों को लेकर बातचीत की.