इस्लामाबाद : आने वाले 25 जुलाई को पाकिस्तान में आम चुनाव होने जा रहा है. यहां के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बिजली, पानी, सड़क, आतंकवाद, या गरीबी…बिल्कुल नहीं है. यहां के चुनावी मुद्दे को सुनकर आप चौंक जाएंगे. ‘जी हां’ कश्मीर भी इस बार चुनाव लड़ रही किसी भी पार्टी के घोषणा-पत्र में प्रभावी उपस्थिति नहीं दर्ज करा पाया है. दरअसल, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी पड़ोसी मुल्क में हो रहे आम चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बने हुए हैं. पाकिस्तान का स्वभाव ही रहा है कि वह भारत विरोधी बयान हमेशा देता आया है यही कारण है कि बड़ी-छोटी पार्टी पानी पी-पीकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोस रही है.
पाकिस्तान आम चुनाव : प्रत्याशियों को भायी ‘जीप’, 65 ने मांगा यही चुनाव चिह्न
सभी नेताओं को पीएम मोदी से शिकायत है. कोई कह रहा है कि मोदी की सधी हुई विदेश नीति ने पाकिस्तान को वैश्विकमंच पर अलग-थलग कर दिया. तो वहीं किसी की शिकायत है कि एक अकेला मोदी देखो भारत को कहां पहुंचा रहा है और हमारे यहां लोग अपनी जेबें भरने में बिजी हैं. वैसे तो पाकिस्तानी चुनाव में भारत विरोध हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार नजर आ रहा है जब भारत विरोध से ज्यादा पाकिस्तान में मोदी विरोध के नाम पर नेता वोट मांगते दिख रहे हैं.
हाफिज सईद जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख है जिसके संगठन को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है. मुंबई पर आतंकी हमला कराकर इस आतंकी ने 164 लोगों की जान ली थी. यदि आपको याद हो तो हाफिज पर अप्रैल, 2012 में अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है. पाकिस्तान चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग पार्टी बनाकर यह आतंकी अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुका है. यह आतंकी खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहा है लेकिन अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां और सभाएं कर रहा है. पाकिस्तानी जनता को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहा है. वो पाकिस्तानी जनता को बता रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर में नदियों पर बांध बनाकर पाकिस्तान का पानी रोकने का प्रयास कर रही है.
पाकिस्तान चुनाव : हाफिज सईद के गुर्गे और कट्टरपंथी उम्मीदवार लोकतंत्र के लिए खतरा
आतंकी पाकिस्तानी अवाम से अपील करता नजर आ रहा है कि उन लोगों को वोट दो, जो पाकिस्तानी नदियों पर भारत को बांध बनाने से रोक सकें.