वुहान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के वुहान शहर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता करने के बाद शनिवार को स्वदेश रवाना हो गये. मोदी शी के साथ अभूतपूर्व अनौपचारिक वार्ता के लिए गुरूवार को चीन पहुंचे थे. मोदी ने शी के साथ बिना अनुवादकों की सहायता के सीधे बातचीत की. इसे पिछले साल डोकलाम में 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद विश्वास बहाल करने और संबंध सुधारने के भारत और चीन के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है.
दोनों नेताओं ने भारत – चीन संबंध को ‘‘ मजबूत ” करने पर विचार विमर्श किया और संचार को मजबूत करने तथा विश्वास और समझ बनाने में अपनी – अपनी सेनाओं का कूटनीतिक तौर पर मार्गदर्शन करने का फैसला किया. उन्होंने आतंकवाद को साझा खतरा बताया और आतंकवाद विरोध पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जतायी. मोदी ने शी के साथ अगली अनौपचारिक शिखर वार्ता अगले साल भारत में आयोजित करने की पेशकश दी जिसपर चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक जवाब दिया.
दोनों नेताओं ने वर्ष 2014 में अनौपचारिक बैठकों की शुरुआत की थी जब मोदी ने गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी. तब से लेकर अब तक उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों में एक-दूसरे से मुलाकात की. वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद यह मोदी की चीन की चौथी यात्रा है. उन्हें 9-10 जून को किंग्दाओ शहर में एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए फिर चीन आना है. चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयोउ और भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई तथा अन्य अधिकारियों ने मोदी को विदा किया.