काबुल :अफगान और अमेरिकी बलों की नाक के नीचे काबुल में आईएसआईएस सक्रिय है. विश्लेषकों का कहना है कि अफगानिस्तान में जेहादी बने मध्य वर्ग के लोगों ने देश के अशांत पूर्वी इलाके से लेकर काबुल तक इस्लामिक स्टेट समूह के विस्तार में मदद की है. इससे काबुल देश के सबसे खतरनाक इलाकों में से एक बन गया है. आईएस ने पिछले 18 महीनों के दौरान काबुल के अलग-अलग इलाकों में करीब 20 हमलों का दावा किया है. इसमें छात्रों, प्रोफेसरों और दुकानदारों की भी भागीदारी थी जिन्होंने अफगान और अमेरिकी सुरक्षाबलों से बचते हुये इस बेहद सुरक्षित शहर में नरसंहार किया.
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अमेरिकी बलों के नाक के नीचे आईएसआईएस सक्रिय
काबुल :अफगान और अमेरिकी बलों की नाक के नीचे काबुल में आईएसआईएस सक्रिय है. विश्लेषकों का कहना है कि अफगानिस्तान में जेहादी बने मध्य वर्ग के लोगों ने देश के अशांत पूर्वी इलाके से लेकर काबुल तक इस्लामिक स्टेट समूह के विस्तार में मदद की है. इससे काबुल देश के सबसे खतरनाक इलाकों में से […]
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यह काबुल के नागरिकों और सुरक्षाबलों के लिये एक चेतावनी वाली स्थिति है जो पहले ही तालिबान से संघर्ष कर रहे हैं. यह स्थिति अफगानिस्तान में अमेरिकी आतंकवाद रोधी मिशन के लिये भी चुनौतीपूर्ण स्थिति है. वाशिंगटन के विल्सन सेंटर के विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने कहा, यह सिर्फ एक समूह नहीं है जिसका पूर्वी अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में गढ है- यह बडी संख्या में हताहत कर रहा है, राष्ट्रीय राजधानी में स्पष्ट रुप से असर दिखाने वाले हमलों को अंजाम दे रहा है और मेरा मानना है कि यह कुछ ऐसा है जिसके लिये चिंतित होना चाहिये.
Prabhat Khabar Digital Desk
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