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पाक आतंकवादियों को पनाह दे, यह बर्दाश्त नहीं, भारत से रणनीतिक साझेदारी जरूरी : अमेरिका

वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हेली ने कहा है कि वाशिंगटन ये बर्दाश्त नहीं करेगा कि पाक आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराये. साथ ही, उन्होंने आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंद -प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए भारत के साथ गठजोड़ किये जाने का भी समर्थन किया […]

वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हेली ने कहा है कि वाशिंगटन ये बर्दाश्त नहीं करेगा कि पाक आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराये. साथ ही, उन्होंने आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंद -प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए भारत के साथ गठजोड़ किये जाने का भी समर्थन किया है. हेली ने भारतीय-अमेरिकी मैत्री परिष्द के 20वें सालाना विधायी सम्मेलन के मुख्य भाषण में न्यू याॅर्क में हुए आतंकी हमले की भी सख्त निंदा की, जिसमें आठ लोग मारे गये हैं.

हेलीने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हाल ही में एक नयी रणनीति पर काम शुरू किया है. हेली ने कहा कि उस रणनीति की एक मुख्य बात भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी का विकास करना है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और समूचे दक्षिण एशिया में अमेरिका का हित आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह को नष्ट करने में है जिसने अमेरिका के लिए खतरा पैदा किया. साथ ही परमाणु हथियारों को आतंकवादियों के हाथों से दूर भी रखना है.

हेली ने कहा कि अमेरिका इन लक्ष्यों पर आगे बढ़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय शक्ति के सारे तत्वों, आर्थिक कूटनीति और सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करेगा. साथ ही हम भारत के साथ अपनी आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी पर गौर करेंगे ताकि हमें मदद मिल सके. हम उम्मीद करते हैं कि भारत अफगानिस्तान में और अधिक कार्य करेगा, खासतौर पर आर्थिक और विकास सहयोग में. उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ भी अपने संबंधों को अलग तरह से देख रहा है. कई मामलों में पाकिस्तान अमेरिका का साझेदार रहा है, लेकिन हम अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनानेवाले आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह देनेवाली इसकी सरकार या किसी अन्य सरकार को बर्दाश्त नहीं कर सकते. हम अतीत की तुलना में कहीं अधिक सख्त तरीके से पाकिस्तान को यह संदेश दे रहे हैं.

हेली ने कहा कि अमेरिका बदलाव की उम्मीद करता है. उन्होंने भारत-अमेरिका संबंध की अहमियत को न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति कायम रखने के संदर्भ में भी देख रहा है. उन्होंने कहा कि जून में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक सफल रही थी. उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से एक परमाणु शक्ति है. इसमें किसी को दो राय नहीं होना चाहिए. ऐसा क्यों है? क्योंकि भारत एक ऐसा लोकतंत्र है जिससे किसी को खतरा नहीं है. हमारा लक्ष्य भारत और अमेरिका के बीच एक नयी रणनीतिक साझेदारी बनाना है, जो हमारे दोनों राष्ट्रों की सुरक्षा एवं समृद्धि को फायदा पहुंचाये.

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