बीजिंग : डोकलाम में पीछे हटने के बाद चीन भारत के खिलाफ लगातार रक्षात्मक स्थिति में है. एक ओर जहां चीन तिब्बत में कैलाश और मानसरोवर आ रहे भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए सिक्किम में नाथुला को फिर से खोलने के लिए भारत से संवाद जारी रखने को तैयार है. वहीं अब पहली बार माना है […]
बीजिंग : डोकलाम में पीछे हटने के बाद चीन भारत के खिलाफ लगातार रक्षात्मक स्थिति में है. एक ओर जहां चीन तिब्बत में कैलाश और मानसरोवर आ रहे भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए सिक्किम में नाथुला को फिर से खोलने के लिए भारत से संवाद जारी रखने को तैयार है. वहीं अब पहली बार माना है कि भारत से युद्ध करना व्यावहारिक नहीं होगा. डोकलाम विवाद के शांतिपूर्ण हल के बाद चीन वैसे लोगों से नाराज है जो भारत के खिलाफ सैन्यकार्रवाई चाहते थे.
चीन ने वैसे लोगों को करारा जवाब दिया है और उन्हें लताड़ लगाते हुए कहा कि भारत चीन का प्रतिद्वंदी हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर प्रतिद्वंदी के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की जाए. चीन के एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि डोकलाम विवाद का हल उसी प्रकार से निकला है, जैसा निकलना चाहिए था.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मेजर जनरल ने कहा कि चीन में जो लोग भारत विरोध की बात करते हैं उन्हें चीन की रणनीतिक समझ की साफ जानकारी नहीं है. लियांग ने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के पड़ोसी होने के साथ-साथ विरोधी भी हैं, लेकिन सभी विरोधियों को ताकत के बल पर काबू नहीं किया जा सकता है.
* डोकलाम विवाद को लेकर भारत ने चीन पर इस तरह बनाया दबाव
पूरे विवाद को खत्म करने के लिए सरकार ने कई तरह के रणनीतिक दवाब बनाना शुरू कर दिया था. चीनी सरकार से बात करने के लिए भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन पहुंचे. भारत ने चीन के 93 प्रोडक्ट पर एंटी डंपिंग ड्यूटी भी लगाई. सरकार ने चीन पर वाणिज्यिक दवाब बनाना शुरू किया. चीन समेत कई देशों की मोबाइल निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी करके पूछा कि उनके मोबाइल से लोगों की निजी जानकारी तो चोरी नहीं हो रही है. भारत में आम जनता के बीच भी डोकलाम विवाद को लेकर चीनी समान बहिष्कार का माहौल बन रहा था.