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कम्युनिस्ट देश में चुनाव : क्यूबा में खत्म होगा कास्त्रो का दौर?

फिदेल कास्त्रो के ‘क्यूबा’ में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पिछले करीब साठ साल से कम्युनिस्ट शासित क्यूबा पर फिदेल कास्त्रो और उनके परिवार का शासन रहा है. इस समय उनके भाई राउल कास्त्रो राष्ट्रपति हैं. सेहत खराब होने पर फिदेल कास्त्रो ने अपने जीते जी राउल के हाथ में क्यूबा की […]

फिदेल कास्त्रो के ‘क्यूबा’ में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. पिछले करीब साठ साल से कम्युनिस्ट शासित क्यूबा पर फिदेल कास्त्रो और उनके परिवार का शासन रहा है. इस समय उनके भाई राउल कास्त्रो राष्ट्रपति हैं.
सेहत खराब होने पर फिदेल कास्त्रो ने अपने जीते जी राउल के हाथ में क्यूबा की कमान सौंप दी थी. लेकिन, इस समय क्यूबा में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया चल रही है. माना जा रहा है कि इसके बाद क्यूबा की सत्ता पर कास्त्रो की पकड़ कमजोर पड़ेगी.
यह प्रक्रिया पांच माह से अधिक समय तक चलेगी. पहले चरण में सितंबर में क्यूबा के लोग छोटे-छोटे समूहों में मिलेंगे और अपने म्यूनिसिपल प्रतिनिधि को नामित करेंगे. सत्ता के विकेंद्रीकरण की शुरुआत यहीं से होगी.
इसके बाद दूसरे चरण में, प्रांतीय एसेंबली के चुनाव में खड़ा होने लायक उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा. इसी तरह तीसरे चरण में राष्ट्रीय असेंबली के उम्मीदवारों का चयन होगा. माना जा रहा है कि फरवरी तक राष्ट्रीय असेंबली ही राष्ट्रपति और ताकतवर काउंसिल ऑफ स्टेट का चुनाव करेगी. राउल कास्त्रो कह चुके हैं कि वह तब तक राष्ट्रपति पद छोड़ देंगे. लेकिन, वह कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे. इसलिए, कुछ लोगों का मानना है पद छोड़ने के बाद भी राउल के पास नये राष्ट्रपति के बराबर ही शक्ति रहेगी. कई लोग मान रहे हैं कि राउल की ताकत बढ़ जायेगी.
क्यूबा में 22 अक्तूबर को सिटी काउंसिल का चुनाव होना है. इस चुनाव में उम्मीदवार को चुनने के लिए पहली बार चार सितंबर को चार सौ लोग जुटे थे.
जहां पर मिटिंग हो रही थी, वहां पर फिदेल कास्त्रो की तस्वीर के साथ क्यूबा का झंडा भी था. इस मीटिंग में शामिल क्यूबा की सरकारी रियल स्टेट कंपनी में काम करने वाले इविसि ग्रेसिया ने कहा – हम यहां अपनी क्रांति की रक्षा करने और अपने सामाजिक उत्थान को बचाने के लिए जुटे हैं.
दौड़ में डियाज केनल
माना जा रहा है कि 57 साल के मिगुएल डियाज केनल क्यूबा के नये राष्ट्रपति होंगे. वह क्यूबा के पहले उपराष्ट्रपति हैं और हमेशा लो-प्रोफाइल रहते हैं. क्यूबा के लोगों को उनके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं हैं.
पिछले दिनों उनका एक वीडियाे वायरल हुआ था, जिसमें वह कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में वह म्यूनिसिपल चुनाव में इंडिपेंडेंट मीडिया और स्वतंत्र उम्मीदवारों को रोकने की योजना बना रहे थे. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने ही यह वीडियो वायरल करवाया था. इस वीडियो के माध्यम से वह संदेश देना चाहती है कि नये राष्ट्रपति सुधारों की प्रक्रिया को तेज करने वाले नहीं हैं.
सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी चुनाव में भाग लेगी : इस चुनाव में सत्ताधरी कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा किसी दूसरी पार्टी को हिस्सा लेने की इजाजत नहीं है. कोई निर्दलीय भी इसमें हिस्सा नहीं ले सकता है. यही वजह है कि लोकतंत्र के समर्थक इस चुनाव की आलोचना कर रहे हैं.
आलोचकों की नजर में यह चुनाव सिर्फ दिखने के लिए हो रहा है. वहीं क्यूबा के अधिकारियों की मानें तो इस तरह की आलोचना वही लोग कर रहे हैं, जिन्हें विदेश से पैसा मिल रहा है. वह हमारी सोशलिस्ट सिस्टम को ध्वस्त कर क्यूबा में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था और अमेरिकी प्रभुत्व की स्थापना करना चाहते हैं. क्यूबा नेे1959 में ही इस तरह की व्यवस्था को खत्म कर दिया था.
Prabhat Khabar Digital Desk
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