बीजिंग : चीन ने शुक्रवार को अपने सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान का यह कहते हुए बचाव किया है कि इस्लामाबाद ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अपना ‘सर्वश्रेष्ठ’ प्रदर्शन किया है और कुछ देशों को इसके लिए पाकिस्तान को ‘पूरा श्रेय’ देना चाहिए. यह बयान ब्रिक्स की उस घोषणा को चीन का समर्थन देने के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें पाकिस्तान से सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का पहली बार नाम लिया गया था. चीन और पाकिस्तान ने साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नयी अफगानिस्तान नीति पर भी करारा प्रहार किया.
दोनों देशों ने तालिबान के साथ नये सिरे से बातचीत करने का आह्वान किया, ताकि 16 साल से चले आ रहे संघर्ष का दौर खत्म होसके. चीन का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति का इस्लामाबाद पर आतंकियों को आश्रय देने के आरोप के बाद आया है. चीन के विदेश मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान की जनता और सरकार ने आतंकवाद से लड़ने के लिए बड़ी कुर्बानी दी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के साथ एक संयुक्त प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, पाकिस्तान चीन का अच्छा भाई और दोस्त है. कोई भी पाकिस्तान को चीन से बेहतर नहीं जानता और समझता है. आसिफ चीन के दौरे पर उस वक्त गये हैं जब चीन ने हाल में श्यामन में खत्म हुए ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर एक कड़े प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है.
प्रस्ताव में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा पर चिंता जतायी गयी है. अपने दौरे से पहले पहली बार आसिफ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर शर्मसार होने से बचने के लिए आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का साफ मानना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा अहम प्राथमिकता है और समस्या का शांतिपूर्वक समाधान होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारा साफ मानना है कि अफगानिस्तान समस्या का समाधान सैन्य कार्रवाई नहीं है. इस समस्या के समाधान के लिए आपसी बातचीत जरूरी है.’ मालूमहो पाकिस्तान लगातार आतंक पर लचीला रवैया अपनाने के आरोपों से इनकार करता रहा है. इस्लामाबाद अमेरिका पर पाकिस्तान में मारे गये हजारों लोगों की अनदेखी करने का आरोप लगाता रहा है.