वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष रक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि सिक्किम सेक्शन में चल रहे डोकलाम गतिरोध में भारत ‘एक परिपक्व शक्ति’ की तरह बर्ताव कर रहा है और इससे चीन बदमिजाजी करनेवाले किशोर की तरह दिखायी दे रहा है. भारत और चीन के बीच पिछले 50 दिन से डोकलाम इलाके में गतिरोध चल रहा है. यह गतिरोध तब से शुरू हुआ, जब भारतीय सैनिकों ने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी को इस इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था.
इस मामले को लेकर भारत के व्यवहार की तारीफ करते हुए प्रतिष्ठित नेवल वॉर कॉलेज में रणनीति प्रोफेसर जेम्स आर होम्स ने कहा, ‘अब तक नयी दिल्ली ने सही चीजें की हैं. न तो वह विवाद में पीठ दिखाकर भागा है और न ही उसने बीजिंग की तरह बढ़- चढ़ कर भाषणबाजी से जवाब दिया है. ‘होम्स ने कहा, ‘वह एक परिपक्व शक्ति की तरह बर्ताव कर रहा है और इससे चीन उस किशोर की तरह दिख रहा है, जो बदमिजाजी कर रहा है.’ होम्स ने कहा कि यह बात ‘अजीब’ है कि चीन अपने सबसे बड़े पड़ोसी के साथ सीमाई विवाद जिंदा रखना चाहता है.
होम्स ने कहा, ‘यदि चीन आक्रामक नौवहन रणनीति अपनाना चाहता है तो उसे अपनी जमीनी सीमाओं को इतना सुरक्षित कर लेना चाहिए, ताकि जब उसे अपने पड़ोसियों की ओर से जमीनी आक्रामकता का सामना करना पड़े तो उसे इसकी चिंता न करनी पड़े.’ यूएस नेवल वॉर कॉलेज के प्रोफेसर ने कहा, ‘लागत और लाभ के तार्किक विश्लेषण के आधार पर दूसरे शब्दों में कहा जाये तो हिमालय में भारत के साथ बैर पूरी तरह तार्किक कदम नहीं है.’ जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका इतने समय तक इस मुद्दे पर चुप क्यों रहा, तो उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रशासन के पास इस समय करने को बहुत कुछ है. होम्स ने कहा, ‘यह भी संभव है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और उनके सलाहकार उस हिमालयी विवाद में अमेरिका को शामिल न करना चाहते हों. यदि विवाद बढ़ता है तो वाशिंगटन के नयी दिल्ली के समर्थन में आगे आने की संभावना है.