13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

इंदिरा गांधी की हत्या से जुड़े राजनीतिक परिदृश्यों पर सीआइए ने की थी चर्चा

वाशिंगटन : अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआइए ने इंदिरा गांधी की हत्या से करीब दो वर्ष पहले यह आकलन किया था कि यदि उनका अचानक निधन हो जाता है तो उनके बेटे राजीव गांधी उनके बाद प्रधानमंत्री का कार्यभार संभवत: नहीं संभालेंगे, क्योंकि वह ‘राजनीतिक रूप से अपरिपक्व’ हैं और ‘पार्टी या लोगों को उत्साहित […]

वाशिंगटन : अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआइए ने इंदिरा गांधी की हत्या से करीब दो वर्ष पहले यह आकलन किया था कि यदि उनका अचानक निधन हो जाता है तो उनके बेटे राजीव गांधी उनके बाद प्रधानमंत्री का कार्यभार संभवत: नहीं संभालेंगे, क्योंकि वह ‘राजनीतिक रूप से अपरिपक्व’ हैं और ‘पार्टी या लोगों को उत्साहित करने में असफल रहे हैं’. एजेंसी ने एक खुफिया रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जिसमें यह बात सामने आयी है.

सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआइए) की दिनांक 14 जनवरी 1983 की रिपोर्ट में कहा था कि कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की परिस्थतियों में कमजोर पड़ जायेगी. हालांकि, अक्तूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के बाद की घटनाएं सीआइए के आकलन के अनुरूप नहीं रहीं और इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी उनके उत्तराधिकारी बने जो कुछ ही महीनों बाद अभूतपूर्व जनादेश के साथ पुनर्निर्वाचित हुए. सीआईए ने ‘1980 के दशक के मध्य में भारत: लक्ष्य एवं चुनौतियां ‘ रिपोर्ट की प्रति सूचना की स्वतंत्रता कानून (एफओआइए) के तहत जारी की है. एफओआइए भारत के सूचना का अधिकार कानून के समान है. इस रिपोर्ट से कुछ जानकारी हटा दी गयी है.

30 पृष्ठीय दस्तावेज में 1980 के दशक के मध्य में भारत में संभावनाओं और विभिन्न राजनीतिक परिदृश्यों पर विचार किया गया है. इसमें 1985 में आगामी आम चुनाव में मामूली अंतर से इंदिरा गांधी के पुन: चयन और उनके अचानक निधन की परिस्थिति में होनेवाली घटनाओं पर विचार और उनका आकलन किया गया है. सीआइए ने दिसंबर में सार्वजनिक की गयी रिपोर्ट में कहा था, ‘इंदिरा गांधी की अचानक हत्या होने पर राजीव गांधी उत्तराधिकारी के चयन में शामिल बड़ी हस्तियों में शामिल होंगे. कार्यालय में उनके (राजीव) पदभार संभालने की संभावनाएं अनिश्चित हैं, क्योंकि वे राजनीतिक रूप से अपरिपक्व हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इंदिरा गांधी के कार्यालय में और अधिक समय तक रहने पर राजीव की संभावनाओं में सुधार हो सकता है. यदि राजीव अपनी मां की तरह शानदार राजनीतिक रणनीतिकार बनकर नहीं उभरते या कोई पार्टी संगठन विकसित नहीं करते तो प्रधानमंत्री बनने पर भी सत्ता पर उनकी पकड़ अधिक देर तक नहीं रहेगी.’ इसमें कहा गया है, ‘पार्टी नेता जिन अन्य उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर सकते हैं, उनमें रक्षा मंत्री आर वेंकटरमन, विदेश मंत्री पीवी नरसिम्हा राव, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और उद्योग मंत्री नारायण दत्त तिवारी जैसे कैबिनेट स्तर के नेता शामिल हैं.’

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel