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डोकलाम पर चीन की धमकी पर भारत ने कहा-कूटनीति से हासिल करेंगे लक्ष्य

बीजिंग/नयीदिल्ली : चीन ने कहा कि उसने सिक्किम में भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध पर ‘अत्यंत सद्भावना’ दिखायी है, लेकिन साथ ही कहा कि उसके ‘संयम’ की भी ‘सीमा’ है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू रूप से बढ़ने के लिए भारत-चीन सीमा पर […]

बीजिंग/नयीदिल्ली : चीन ने कहा कि उसने सिक्किम में भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध पर ‘अत्यंत सद्भावना’ दिखायी है, लेकिन साथ ही कहा कि उसके ‘संयम’ की भी ‘सीमा’ है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू रूप से बढ़ने के लिए भारत-चीन सीमा पर शांति बनाये रखना एक महत्वपूर्ण शर्त है. इसके एक दिन बाद गुरुवारकी देर रात चीन के रक्षा मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया आयी है. वहीं, भारत ने शुक्रवार को कहा कि डोकलाम गतिरोध का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए वह चीन के साथ कूटनीतिक संपर्क बनाये हुए है और भूटान के साथ समन्वय स्थापित किये हुए है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने डोकलाम इलाके में एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि किसी भी तरह की बातचीत के लिए दोनों पक्षों को अपनी सेनाओं को वापस बुलाना चाहिए. सीमा पर गतिरोध 16 जून को तब शुरू हुआ था जब चीनी सेना ने भूटान-चीन-भारत सीमा के पास एक सड़क बनानी शुरू की जिस पर भारत ने कहा कि यह इलाके में यथास्थिति बदलने के लिए चीन की एकतरफा कार्रवाई है.

भारत ने इस पर चिंता जतायी कि सड़क निर्माण से चीन को पूर्वोत्तर राज्यों से भारत की पहुंच खत्म करने में मदद मिलेगी. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुआकियांग ने एक बयान में भारत से सीमा क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए उचित तरीके से स्थिति का समाधान निकालने के लिए कहा. चीन की सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ की खबर के मुताबिक रेन ने कहा, ‘जब से यह घटना हुई है, चीन ने अत्यंत सद्भावना दिखायी है और इस घटना को सुलझाने के लिए कूटनीतिक माध्यमों से भारत के साथ बातचीत की है. चीन की सशस्त्र सेनाओं ने भी द्विपक्षीय संबंधों तथा क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को ध्यान में रखते हुए अत्यंत संयम बरता है. हालांकि, सद्भावना के अपने सिद्धांत होते हैं और संयम की अपनी सीमा होती है.

‘प्रवक्ता ने अनुरोध किया कि भारत ‘मामले में देरी करने के अपने भ्रम को छोड़ दे क्योंकि किसी भी देश को चीन की सेनाओं के विश्वास और शांति की रक्षा करने की क्षमता और उनके संकल्प तथा राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकासात्मक हितों की रक्षा की इच्छा को कम नहीं आंकना चाहिए.’ रेन ने कहा कि चीन की सशस्त्र सेनाएं देश की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा हितों की दृढसंकल्पित होकर रक्षा करेंगी. उनका यह बयान भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात के बाद आया है. डोभाल ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के इतर यह मुलाकात की थी.

वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा कि डोकलाम गतिरोध का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए वह चीन के साथ कूटनीतिक संपर्क बनाये हुए है और भूटान के साथ समन्वय स्थापित किये हुए है. डोकलाम से भारत द्वारा अपने जवानों की संख्या 400 से घटाकर 40 किये जाने के चीन के दावे पर बागले ने इस सीधा जवाब देने से इनकार करते हुए इसे अभियान संबंधी मामला करार दिया. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद शांति एवं सौहार्द के लक्ष्य को हासिल करना है तथा इसे कूटनीति के जरिये हासिल किया जायेगा. बागले ने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर भूटान के साथ भारत समन्वय और विचार-विमर्श जारी रखे हुए है.

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