काठमांडो : शेर बहादुर देउबा मंगलवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री चुने गये. इससे पहले मुख्य विपक्षी पार्टी ने संसद में चल रहे गतिरोध को खत्म करने का फैसला किया था.
70 वर्षीय देउबा प्रधानमंत्री पद के एकमात्र उम्मीदवार थे क्योंकि मुख्य विपक्षी सीपीएन-यूएमएल या किसी अन्य पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. उनके पक्ष में 388 वोट पड़े, जबकि 170 वोट उनके खिलाफ डाले गये. मतदान के दौरान कुल 558 वोट डाले गये.
उन्हें अपना बहुमत साबित करने के लिए 593 सदस्यीय संसद में 297 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. नेपाली कांग्रेस (नेकां) के नेता नेपाल के 40 वें प्रधानमंत्री बने हैं.
वह 1995 से 1997, 2001 से 2002 और 2004 से 2005 के बीच भी देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. गौरतलब है कि माओवादी नेता प्रचंड के नेकां नेता से पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री का पद खाली हो गया था.
चुनाव से पहले, सीपीएन-यूएमएल ने सदन में गतिरोध खत्म करने का फैसला किया. इससे पहले, सत्तारुढ़ पार्टियों ने शेष चार प्रांतों में 28 जून को स्थानीय चुनाव कराने और प्रांतीय एवं संसदीय चुनाव जनवरी 2018 में कराने के लिए सहमति जतायी थी.
बुधवार को देउबा एक छोटा कैबिनेट गठित कर सकते हैं, जिसका कुछ दिनों में विस्तार किया जायेगा. गठबंधन में कुछ मधेसी पार्टियों को भी शामिल किये जाने की भी संभावना है. स्थानीय स्तर के दूसरे दौर का चुनाव कराने की जिम्मेदारी देउबा पर होगी.
भारतीय प्रधानमंत्री ने दी बधाई
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेर बहादुर देउबा से फोन पर बात की और उन्हें नेपाल का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी. मोदी ने ट्विटर पर लिखा, श्री शेर बहादुर देउबा को नेपाल का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर बधाई देने के लिए फोन किया. उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, मैंने श्री देउबा के नेतृत्व में नेपाल में शांति, खुशहाली और प्रगति के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं.