Jharkhand News VIDEO: कांग्रेस का आदिवासी, दलित, पिछड़ा प्रेम एक छलावा है. उन्हें गांव के गरीबों और दलितों से कोई लेना-देना नहीं है. देश सन् 1947 में आजाद हुआ. लेकिन, गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत वर्ष 2000 में तब हुई, जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बनी. इसके पहले किसी सरकार ने गरीबों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के बारे में नहीं सोचा. ये बातें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अमर बाउरी ने प्रभात खबर संवाद में कहीं. झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि आजादी के बाद मुखिया से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक कांग्रेस पार्टी के थे. लेकिन, किसी ने यह नहीं सोचा कि गांवों को शहरों से जोड़ा जाए. गरीब, दलित, आदिवासी ही तो गांव में रहते हैं. उनको शहरों से जोड़ने की सोच कभी कांग्रेस की रही ही नहीं. कांग्रेस के लिए गरीब, दलित, पिछड़ा, आदिवासी सिर्फ एक वोट है. वोट बैंक है. बीजेपी ने कभी उनको वोट बैंक के रूप में नहीं देखा. यही वजह है कि गांवों को शहरों से जोड़ने की पहल बीजेपी की सरकार ने की. जनजातीय समुदाय के महापुरुषों को बीजेपी ने महत्व दिया. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस का दर्जा अगर किसी ने दिया, तो वो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. बीजेपी के शासन में पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गांव पहुंचीं, तो वो थीं द्रौपदी मुर्मू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिरसा मुंडा के गांव जा रहे हैं. इससे जनजातीय समुदाय खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. आजादी के बाद के देश के हालातों पर उन्होंने और क्या-क्या कहा, आप भी इस वीडियो में देखें.