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Vastu Tips: वास्तु दोषों से मुक्ति, घर की नकारात्मक ऊर्जा कैसे दूर करें?

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र, प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे रहने और काम करने के स्थानों में ऊर्जा के संतुलन पर केंद्रित है. इसका मौलिक सिद्धांत घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव एनर्जी) को बढ़ाना और नकारात्मक ऊर्जा (नेगेटिव एनर्जी) को नष्ट करना है.

Vastu Tips: क्या आपको अपने घर में अक्सर एक अजीब सी बेचैनी या नकारात्मकता महसूस होती है? कई बार बिना किसी स्पष्ट कारण के भी घर का माहौल भारी और अशांत लगने लगता है। यह सिर्फ एक एहसास नहीं, बल्कि वास्तु दोषों के कारण होने वाली नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है, जो आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य, धन और रिश्तों पर सीधा असर डालती है। मौजूदा समय में, जब हर कोई अपने आस-पास सकारात्मकता चाहता है, तो यह समझना बेहद जरूरी हो गया है कि घर की इस अदृश्य नकारात्मक शक्ति को कैसे पहचाना जाए और वास्तु के सही उपायों से इसे हमेशा के लिए कैसे दूर किया जाए, ताकि आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा: एक परिचय

वास्तु शास्त्र, प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे रहने और काम करने के स्थानों में ऊर्जा के संतुलन पर केंद्रित है. इसका मौलिक सिद्धांत घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव एनर्जी) को बढ़ाना और नकारात्मक ऊर्जा (नेगेटिव एनर्जी) को नष्ट करना है. यदि घर में या उसके आस-पास कोई ऐसी संरचना, पेड़-पौधे या वस्तु है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, तो इसे वास्तु शास्त्र के अनुसार गंभीर वास्तु दोष माना जाता है. वास्तु दोष से घर में असंतुलन पैदा होता है, जिससे तनाव, अशांति, पारिवारिक कलह और धन संबंधी समस्याएं जैसी कई दिक्कतें आती हैं. यदि आपके घर या कार्यस्थल में ऊर्जा का असंतुलन होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य, धन, संबंध और मानसिक तनाव जैसी विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकता है.

नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण और प्रभाव

घर में नकारात्मक ऊर्जा के कई संकेत हो सकते हैं, जिनका पता लगाकर आप समय रहते समाधान कर सकते हैं. यदि आपको लगता है कि आपका घर नकारात्मक ऊर्जा से भर गया है, तो जीवन में कई बाधाएं आ सकती हैं.

  • इलेक्ट्रॉनिक सामान का बार-बार खराब होना: यदि घर में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे फ्रिज, मोटर आदि बार-बार खराब होते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है.
  • वित्तीय समस्याएं और रुकावटें: कड़ी मेहनत के बाद भी आर्थिक तंगी या काम में लगातार रुकावटें आना नकारात्मक ऊर्जा का परिणाम हो सकता है.
  • पारिवारिक विवाद और मानसिक अशांति: घर में बेवजह लड़ाई-झगड़े, रिश्तों में दूरियां और मानसिक तनाव का बढ़ना वास्तु दोष के मुख्य लक्षणों में से एक है. मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे अनिद्रा और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: नींद न आना, माइग्रेन और अन्य अनियमित स्वास्थ्य समस्याएं वास्तु दोष के कारण हो सकती हैं.
  • घर में उदासी या भयावहता महसूस होना: रात को सोते हुए चौंकना, भयावह सपने आना, या घर में किसी साये की मौजूदगी का एहसास होना भी नकारात्मक ऊर्जा का संकेत है.
  • तुलसी जैसे पौधों का सूखना: यदि घर में लगा तुलसी का पौधा बार-बार सूख जाता है, तो यह भी नकारात्मक ऊर्जा का एक लक्षण हो सकता है.

वास्तु दोष के मुख्य कारण

वास्तु दोष के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें भवन निर्माण में वास्तु नियमों की अनदेखी प्रमुख है.

  • गलत दिशा में निर्माण: रसोई, शौचालय, बेडरूम, या पूजा स्थान का गलत दिशा में होना वास्तु दोष का मुख्य कारण है. उदाहरण के लिए, यदि रसोई घर उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में हो, तो यह अग्नि और जल तत्व में टकराव पैदा करता है, जिससे तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
  • मुख्य द्वार की गलत दिशा: मुख्य द्वार यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो, तो यह समस्याओं को बढ़ा सकता है और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
  • प्राकृतिक रोशनी और हवा की कमी: घर में प्राकृतिक रोशनी, हवा और ऊर्जा का सही प्रवाह न होना भी वास्तु दोष का कारण बनता है.
  • अव्यवस्थित और टूटी-फूटी चीजें: घर में बेकार और टूटी हुई चीजों का होना, जैसे टूटी हुई घड़ियां, फर्नीचर या बर्तन, नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं.
  • कबाड़ और भारी सामान: ईशान कोण में कबाड़ या भारी सामान रखना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में अशांति पैदा करता है.
  • गंदगी: रसोई और मंदिर में गंदगी रहना भी वास्तु दोष का कारण बनता है.

वास्तु दोष दूर करने के उपाय

बिना तोड़फोड़ के भी वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है.

  • साफ-सफाई और व्यवस्था: घर को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखें. घर के कोनों में जमी धूल और गंदगी को साफ करें, क्योंकि यह मानसिक बोझ और नकारात्मकता को जन्म देती है.
  • प्रकाश और हवा: घर में पर्याप्त रोशनी और ताजी हवा आने दें. सुबह के समय खिड़कियां खोलकर धूप और ताजी हवा को आने देना चाहिए. यदि किसी जगह पर्याप्त प्राकृतिक धूप नहीं है, तो वहां पर्याप्त आर्टिफिशियल लाइट लगाएं.
  • सही दिशा में चीजें रखना:
    • घर में लगा शीशा प्रवेश द्वार के सामने या बेड के सामने नहीं होना चाहिए.
    • फर्नीचर को वृत्त या अष्टकोण के आकार में बनवाएं.
    • घर के उत्तर-पूर्व कोने में एक्वेरियम रखना शुभ होता है.
    • पिरामिड यंत्र को घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर रखें, यह नकारात्मक ऊर्जा को मोड़ सकता है.
    • दक्षिण-पूर्व दिशा में सिंदूरी रंग के गणेशजी की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है.
    • मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल की रैक या वाहन न रखें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को नकारात्मक बना सकता है.
  • नमक का उपयोग: घर के कोनों में चार कटोरियों में नमक भरकर रखने से नकारात्मक ऊर्जा अवशोषित होती है. बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए कांच के कटोरे में समुद्री नमक भरकर रखें.
  • हवन और पूजन: साल में कम से कम दो-तीन बार नवग्रह पूजन और हवन करवाएं, इससे वास्तु दोष दूर होता है.
  • पौधे लगाना: कुछ पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और नकारात्मकता को दूर करते हैं.
    • तुलसी: यह घर के वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखती है.
    • मनी प्लांट: इसे सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है, यह घर के वित्त को नुकसान पहुंचाने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है.
    • पीस लिली: यह घरों में सद्भाव और शांति स्थापित करती है, साथ ही हवा को साफ करती है.
    • एलोवेरा: इसमें नकारात्मक ऊर्जाओं के खिलाफ सुरक्षात्मक गुण होते हैं.
    • स्नेक प्लांट: यह हवा को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है. इसे घर की दक्षिण दिशा में रखना अच्छा माना जाता है.
    • बैम्बू (बांस): यह लचीलेपन और ताकत का प्रतीक है, घर में सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करता है.
    • चमेली: इसकी खुशबू मूड को अच्छा कर सकती है और किसी भी कठोर भावनाओं को दूर कर सकती है.
  • रंगों का चुनाव: रंगों का हमारे मूड और कल्याण पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
    • मुख्य द्वार: मुख्य द्वार के पास की दीवारों का रंग गहरा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह सकारात्मकता को सोख लेता है.
    • बेडरूम: नीले, हरे और गुलाबी रंग के हल्के शेड्स सुखदायक होते हैं और शांति को बढ़ावा देते हैं. पीला रंग भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
    • लिविंग रूम: नीला रंग शांति से जुड़ा है और सकारात्मक वाइब्स लाता है.
    • पूर्व दिशा: सफेद रंग स्पष्टता और खुलेपन की भावना पैदा कर सकता है.
    • दक्षिण-पश्चिम दिशा: पीच और हल्का भूरा रंग गर्मी, आराम और दृढ़ता की भावना पैदा करते हैं.
    • दक्षिण-पूर्व दिशा: सिल्वर और हल्का ग्रे रंग सुंदरता और रचनात्मकता को प्रेरित करते हैं.
  • अन्य उपाय:
    • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.
    • घर में युद्ध, अकेलापन और गरीबी दिखाने वाली तस्वीरें न लगाएं, बल्कि प्रकृति से जुड़ी सकारात्मक तस्वीरें लगाएं.
    • टूटे हुए बर्तन या लंबे समय से इस्तेमाल न की गई चीजों को फेंक दें.
    • सुबह के वक्त घर में धार्मिक संगीत या मंत्र बजाएं.
    • कपूर या चंदन जैसी सुगंधित चीजों का इस्तेमाल करें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को साफ करती हैं.
    • घर के कोने में चार कटोरियों में नमक भरकर रखें.
    • धातु के पिरामिड, फेंगशुई यंत्र और पौधों का उपयोग करें.
Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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