Chief Minister Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य कर विभाग में अब तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि फील्ड में वही अधिकारी तैनात होंगे जिनकी छवि साफ-सुथरी हो और जो राजस्व लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों. मुख्यमंत्री ने रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व स्थिति की समीक्षा की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से संवाद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि धनतेरस और दीपावली के अवसर पर अनावश्यक छापेमारी या जांच से बचा जाए ताकि व्यापारिक माहौल में विश्वास बना रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी और उद्यमी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, उनके उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए.
बरेली, सहारनपुर और मेरठ का प्रदर्शन बेहतर
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सितंबर माह तक राज्य कर विभाग को ₹55,000 करोड़ की प्राप्ति हुई है, जिसमें ₹40,000 करोड़ जीएसटी और ₹15,000 करोड़ वैट/नॉन-जीएसटी से प्राप्त हुए हैं. बरेली (64.2%), सहारनपुर (63.7%) और मेरठ (63.0%) जैसे जोनों का प्रदर्शन संतोषजनक पाया गया, जबकि कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही. मुख्यमंत्री ने बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन की सराहना करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है. वहीं, कमजोर प्रदर्शन करने वाले जोनों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए.
फर्जी आईटीसी और बोगस फर्मों पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री को बताया गया कि अब तक ₹873.48 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावे पकड़े गए हैं. विभाग ने ऐसी 104 फर्मों की पहचान की है, जिन पर कठोर कार्रवाई जारी है. योगी ने कहा कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता, ईमानदारी और उत्तरदायित्व सर्वोपरि हैं. जहां कमी हो, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं.
राजस्व वृद्धि, आर्थिक प्रगति का आधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि ही राज्य की आर्थिक प्रगति की नींव है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लें और बाजार में जाकर स्वयं मार्केट मैपिंग करें, व्यापारियों से संवाद बढ़ाएं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत मिली और राजस्व में वृद्धि भी हुई, जो पारदर्शी कर प्रणाली की सफलता को दर्शाता है.मुख्यमंत्री ने कहा, “करदाताओं की सुविधा और विश्वास अर्जन ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है. हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि कर संग्रह का प्रत्येक रुपया प्रदेश के विकास में योगदान दे.” उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी पंजीकरण बढ़ाने और समय से रिटर्न दाखिल कराने पर विशेष ध्यान दिया जाए.
विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के लक्ष्य की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कर विभाग की भूमिका विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पारदर्शिता, जवाबदेही और करदाता जनसहजता पर समान रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए.

