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धनबाद में इको फ्रेंडली जूट ज्वेलरी बेच आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं, बंगाल में भी है डिमांड

भारत भक्ति स्वयं सहायता समूह द्वारा जूट से कई उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं. जूट से लेटेस्ट फैशनेबल ज्वेलरी भी तैयार की जा रही है. यह ज्वेलरी छात्राओं के साथ ही दुल्हन व महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. जूट से बनी ज्वेलरी धनबाद के साथ बंगाल में भी डिमांड में है.

धनबाद, सत्या राज : यह बात हम सभी जानते हैं कि संतुलित पर्यावरण हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए कितना आवश्यक है. लेकिन, आज हम अपने आस पास इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में ऐसे तत्वों का इस्तेमाल करते हैं जो पर्यावरण प्रदूषण के कारक हैं. इसी के प्रति जागरूक करने के लिए सिल्वर स्वयं सहायता समूह व भारत भक्ति स्वयं सहायता समूह द्वारा जूट से कई उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं.

जूट के फैशनेबल बैग, लिफाफा, डॉल, मूर्ति, चप्पल, फाइल के साथ स्टोरेज बैग बनाये जा रहे हैं. इसे काफी सराहा जा रहा है और डिमांड में भी है. जूट से लेटेस्ट फैशनेबल ज्वेलरी भी तैयार की जा रही है. यह ज्वेलरी छात्राओं के साथ ही दुल्हन व महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. इसकी कीमत भी आम लोगों के अनुकूल है. सिल्वर स्वयं सहायता समूह की सचिव प्रीति सुमन बताती हैं कि समूह से 20 सदस्य जुड़ी हैं. 10 से 20 रुपये मार्जिन पर ज्वेलरी व जूट के अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है.

नावाडीह में है वर्कशॉप

प्रीति बताती हैं कि नावाडीह में उनलोगों का वर्कशॉप है. जूट की ज्वेलरी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. बैग की भी डिमांड है. 10 रुपये प्रति बैग की मार्जिन होती है. समूह की सदस्य सुबह 10 से संध्या पांच बजे तक वर्कशॉप में मॉल तैयार करती है. जूट का कपड़ा, हैंडल, चेन लॉक, जिपर, डिजानयर कपड़े आदि कच्चा माल ऑनलाइन मंगाते हैं.

ऑनलाइन उपलब्ध है ज्वेलरी

जूट से बनी ज्वेलरी धनबाद के साथ बंगाल में भी डिमांड में है. भारत भक्ति समूह की अध्यक्ष छाया कुमारी बताती हैं कि जूट की ज्वेलरी की डिमांड सबसे ज्यादा बंगाल में है. जूट की इयर रिंग की कीमत 50 रुपये, नेकलेस 120 से 150 रुपये में पूरा सेट, बैंगल 80 रुपया है. ये देखने में सुंदर लगने के साथ ही इको फ्रेंडली भी हैं. इसे जूट से इसे तैयार किया जाता है. इस पर हर्बल रंग चढ़ाये जाते हैं. हर तरह के डिजायन पर ज्वेलरी तैयार की जा रही है.

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पर्यावरण फ्रेंडली होते हैं जूट

प्रीति सुमन ने बताया कि पॉलिथीन का विरोध जरूरी था. ऐसे में विकल्प की जरूरत थी, जो हमारे लिए सहजता से उपलब्ध हो. हमने जूट के उत्पाद पर फोकस किया. जूट के कपड़े की खासियत यह है कि अगर कहीं से फट जाये या सिलाई उधड़ जाये तो फिर से रिपेयर किया जा सकता है, रद्दी हो जाने पर मिट्टी में आसानी से मिल जाती है. जूट से बने उत्पाद देखने में आकर्षक लगते हैं. जूट के बैग आकर्षक होने के साथ ही पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं.

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Prabhat Khabar News Desk
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