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West Bengal: मालदा के स्कूल में पिस्तौल व पेट्रोल बम लेकर घुसा व्यक्ति, विद्यार्थियों को बनाया बंधक

ओल्ड मालदा के मुचिया अंचल चंद्र मोहन हाइस्कूल की घटना. आरोपी ने कहा- बेटा और पत्नी एक साल से लापता हैं, उनका पता लगाने के लिए प्रशासन पर दबाव डालने के मकसद से ऐसा कदम उठाया. सीएम ने पुलिस के काम की प्रशंसा की

जिले के ओल्ड मालदा इलाके के मुचिया अंचल चंद्र मोहन हाइस्कूल (उच्च माध्यमिक) की एक कक्षा में बुधवार को एक हथियारबंद व्यक्ति घुस गया, लेकिन पुलिस ने उसे काबू करने के बाद गिरफ्तार कर लिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकट को टालने के लिए पुलिस की प्रशंसा की. घटना के समय वह कोलकाता में एक प्रशासनिक बैठक कर रही थीं. पुलिस ने यदि समय पर कार्रवाई नहीं की होती तो यह अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में अक्सर होने वाली गोलीबारी की घटना जैसी हो सकती थी.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुचिया अंचल चंद्रमोहन हाइस्कूल के छात्रों के बीच उस वक्त दहशत फैल गयी, जब एक अज्ञात व्यक्ति पिस्तौल के साथ कक्षा में घुस गया और चिल्लाने लगा. उस समय कक्षा में लड़कियों समेत करीब 35 से 40 बच्चे मौजूद थे.पुलिस ने कहा : वह शख्स स्कूल में घुसने में कामयाब रहा और उस कमरे में जा पहुंचा जहां आठवीं कक्षा के विद्यार्थी बैठे थे. वह पिस्तौल लेकर छात्रों पर चिल्ला रहा था और कथित तौर पर उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा था. उसके पास कथित तौर पर दो पेट्रोल बम भी थे.

कक्षा की शिक्षिका प्रतिभा महंत ने कहा कि बच्चों के अभिभावक की तरह दिखने वाले व्यक्ति ने उनकी कक्षा में प्रवेश किया और पिस्तौल लहराते हुए उन्हें एक कोने में बैठने के लिए कहा. महंत ने कहा कि व्यक्ति ने विद्यार्थियों को चुपचाप बैठने को कहा. प्रतिभा महंत के मुताबिक इसके बाद हथियारबंद व्यक्ति विद्यार्थियों को जान से मारने की धमकी देने लगा और उसने शिकायत की कि प्रशासन उसकी लापता पत्नी और बच्चे को ढंूढ़ने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं कर रहा है. हथियारबंद व्यक्ति ने दावा किया कि उसका बच्चा मुचिया अंचल चंद्र मोहन हाइस्कूल (उच्च माध्यमिक) का ही छात्र है.

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महंत ने संवाददाताओं से कहा

जब हथियारबंद व्यक्ति चिल्ला रहा था, तो मैं किसी तरह वहां से भागने में सफल रही और अन्य शिक्षकों को सचेत कर दिया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति ने कहा कि अगर कोई उसे गोली मारेगा तो वह गोली चला देगा. उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान राजू वल्लभ नाम के व्यक्ति के रूप में की गयी है. पुलिसकर्मियों और कुछ लोगों ने तुरंत उस व्यक्ति पर काबू पा लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के कब्जे से एक पिस्तौल तथा तरल पदार्थ युक्त दो बोतलें और एक चाकू जब्त किया गया.

पुलिस के मुताबिक चश्मा पहने आरोपी ने दावा किया कि उसने वारदात को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि उसका बेटा और पत्नी एक साल से लापता हैं और इस घटना के जरिये वह प्रशासन पर दबाव बनाना चाहता था. हथियारबंद व्यक्ति ने कागज के एक टुकड़े को लहराते हुए शिकायत की कि राज्य सचिवालय सहित विभिन्न अधिकारियों ने पत्नी और बच्चे के लापता होने की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया था. हालांकि, लगभग 40 वर्षीय आरोपी के पड़ोसियों ने बताया कि वह अपनी पत्नी से अलग रहता है और उसका बेटा भी उसकी पत्नी के साथ रहता है. हादसे के बाद परेशान अभिभावक स्कूल पहुंचे हालांकि, घटना के बाद कक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. स्कूल में करीब एक हजार बच्चे पढ़ते हैं.

मालदा के पुलिस अधीक्षक प्रदीप यादव ने संवाददाताओं से कहा

स्थिति अब नियंत्रण में आ गयी है. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि वह व्यक्ति स्कूल में क्यों और कैसे घुसा और कक्षा में घुसने में कैसे कामयाब रहा. उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना को गंभीर करार दिया है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मालदा के स्कूल में बंदूक लहराना केवल पागलपन नहीं हो सकता. मुख्यमंत्री ने इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि योजना सामूहिक तौर पर बच्चों को बंधक बनाने की थी. उन्होंने कहा कि वे बच्चों को बंधक बनाने के लिए बंदूक लेकर स्कूल में घुसे लेकिन पुलिस, शिक्षकों और पत्रकारों ने बड़ी सूझबूझ दिखायी है.

बड़ी चतुराई से साजिश को विफल किया गया. बुधवार को मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन कर पुलिस, पत्रकारों और स्कूल के शिक्षकों की तारीफ की. हालांकि, साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वह बंदूकधारी बिना परिचय पत्र के स्कूल परिसर में कैसे घुस गया? मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरी घटना की विस्तार से जानकारी मांगी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. लेकिन साथ ही मुख्यमंत्री ने और सावधानी बरतने की सलाह दी, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. वह स्कूल कमेटी को कहेंगी कि स्कूल में दो गेटकीपर की व्यवस्था की जाये. जरूरत पड़ने पर वे पुलिस की मदद भी ले सकते हैं.

बिना पहचान पत्र के विद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाये. हालांकि, गांव के लोग सरल हैं और हो सकता है कि उन्होंने यह सोचकर उन्हें प्रवेश करने दिया हो कि वे अभिभावक थे. लेकिन यह युग साइबर क्राइम का युग है. इसलिए सतर्क रहें. भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इस घटना को लेकर राज्य पुलिस की आलोचना की और टाले गये बंधक संकट की तुलना अमेरिका में गोलीबारी की घटनाओं से की. समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘ यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है. यूरोप और अमेरिका में इस तरह की घटनाएं काफी आम हैं. हमने यहां ऐसी घटनाएं कभी नहीं देखीं.’

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