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Unlock 2: बंगाल में शादी और श्राद्ध कर्म में अब 50 लोग हो सकेंगे शामिल, CM ममता ने की घोषणा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में अब शादी और श्राद्ध कर्म में अब 50 लोग शामिल हो पायेंगे. पहले 25 लोगों के शामिल होने की मंजूरी थी. ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि हम सुबह साढ़े 5 से साढ़े 8 बजे तक मॉर्निंग वॉक की अनुमति भी दे रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टैंसिंग का पालन होना चाहिए. देशभर में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक अनलॉक-2 के तहत कई छूट दिये गये हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में अब शादी और श्राद्ध कर्म में अब 50 लोग शामिल हो पायेंगे. पहले 25 लोगों के शामिल होने की मंजूरी थी. ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि हम सुबह साढ़े 5 से साढ़े 8 बजे तक मॉर्निंग वॉक की अनुमति भी दे रहे हैं, लेकिन सोशल डिस्टैंसिंग का पालन होना चाहिए. देशभर में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक अनलॉक-2 के तहत कई छूट दिये गये हैं.

पश्चिम बंगाल ने पिछले दिनों ही राज्य में 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी थी. हालांकि इसमें छूट के दायरे को बढ़ाने की बात भी कही गयी थी. ममता ने मेट्रो सेवाओं को फिर से बहाल करने के संकेत भी दिये थे. ममता ने कहा था कि अधिकारियों से बात हो रही है. कुछ सावधानियों के साथ मेट्रो सेवाओं को बहाल किया जा सकता है.

पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 624 पॉजिटिव केस सामने आये थे. इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 17,907 हो गयी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक इस अवधि में 14 और लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है जिन्हें मिलाकर अब तक राज्य में कुल 653 लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं.

बुलेटिन के अनुसार सोमवार को जिन 14 लोगों की मौत हुई उनमें से 13 अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त थे. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि रविवार से अब तक राज्य में 526 लोगों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गयी है. बुलेटिन के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 5,535 मरीज उपचाराधीन हैं.

पश्चिम बंगाल में स्कूल पाठ्यक्रम में कोरोना वायरस पर पाठ होगा शामिल

पश्चिम बंगाल का शिक्षा विभाग कोविड-19 के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने के प्रयास के तहत 2021 से स्कूल पाठ्यक्रम में घातक वायरस पर एक पाठ शामिल करने पर विचार कर रहा है. पाठ्यक्रम समिति के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने हाल ही में कोरोना वायरस की प्रकृति और प्रकोप को रोकने के उपाय के बारे में सूचना के प्रचार-प्रसार का मुद्दा उठाया था.

पाठ्यक्रम समिति के प्रमुख अवीक मजूमदार ने बताया, ‘हम सदस्यों और विशेषज्ञों के बीच इस विषय पर चर्चा का आयोजन कर रहे हैं.’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छोटी से लेकर बड़ी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कोरोना वायरस पर पाठ शामिल करने पर विचार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रकोप के मद्देनजर छोटी कक्षाओं के लिए संक्रमण को रोकने में साफ-सफाई के बुनियादी तरीकों और सुरक्षा उपायों को सीखना तथा बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए संक्रामक रोग के प्रकार और उसके म्यूटेंट्स को जानना जरूरी है. मजूमदार ने कहा, ‘पाठ की सटीक समाग्री पर फैसला लेने से पहले शिक्षकों एवं शिक्षाविदों के अलावा हमारे लिए चिकित्सकों, विषाणु वैज्ञानिकों, महामारी विदों के विचार जानना भी जरूरी है.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

Prabhat Khabar Digital Desk
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