22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Kartik Purnima 2021 : वैष्णव, शैव भक्तों के साथ ही सिख धर्म में क्यों है कार्तिक पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व ?

Kartik Purnima 2021 : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं. इस साल कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 को है. बता दें कि कार्तिक महीने की पूर्णिमा को ही त्रिपुरी पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना गया है.

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती हैं. लेकिन जिस वर्ष अधिकमास या मलमास आता है उस साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हो जाती है. शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का अत्यधिक महत्व बताया गया है. इस दिन स्नान के समय ”गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु।।’ श्लोक बोलना चाहिए. आगे पढ़ें कार्ति पूर्णिमा से जुड़ें फैक्ट्स…

: पुराणों में कार्तिक के दिन को स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. इस खास दिन का महत्व सिर्फ वैष्णव भक्तों के लिए ही नहीं शैव और सिख धर्म के लिए भी अत्यधिक है.

: इस दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था. इसलिए इस दिन का महव विष्णु के भक्तों के लिए अत्यधिक है. भगवान विष्णु ने यह अवतार वेदों की रक्षा, प्रलय के अंत तक सप्तऋषियों, अनाजों एवं राजा सत्यव्रत की रक्षा के लिए लिया था.

: शिव भक्तों के लिए यह दिन इसलिए खास है क्यों मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर पर विजय पाई थी.

: त्रिपुरासुर पर जीत के बाद शिव को त्रिपुरारी के रूप में पूजा जाने लगा. इस जीत से देवगण बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने शिव जी को त्रिपुरारी नाम दिया जो शिव के अनेक नामों में से एक है. इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं.

: सिख धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाते हैं. क्योंकि इसी दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था.

: इस दिन सिख सम्प्रदाय के अनुयायी सुबह स्नान कर गुरुद्वारों में जाकर गुरुवाणी सुनते हैं और नानक जी के बताए रास्ते पर चलने का प्रण करते हैं. इस दिन को गुरु पर्व भी कहा जाता है.

: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. यह उत्सव दीपावली के दिन जैसा ही संध्याकाल में दीप जला कर मनाया जाता है.

: कार्तिक पूर्णिमा का दिन कई वजहों से बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस दिन गंगा-स्नान, दीप दान, अन्य दानों के लिए जाना जाता है.

: कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्षीरसागर दान का अनंत महत्व है, क्षीरसागर का दान 24 अंगुल के बर्तन में दूध भरकर उसमें स्वर्ण या रजत की मछली छोड़कर किए जाने की परंपरा है.

Also Read: Dev Deepawali 2021: देव दिवाली की तिथि, समय, महत्व और इससे जुड़ी खास बातें यहां पढ़ें…

: इस दिन चंद्रोदय के समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का पूजन करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कृतिका में शिवशंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान बना रहता है.

: मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से गंगा मईया प्रसन्न होती हैं. इस दिन तीर्थ स्नान की प्रथा है. गंडक, कुरुक्षेत्र, अयोध्या, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, काशी में भी स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel