पश्चिम बंगाल में राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में ईडी की गिरफ्त में आए वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Forest Minister Jyotipriya Mallik) ने बीजेपी पर फिर से फंसाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, वह पार्टी के साथ हैं. ‘बालू’ के नाम से मशहूर पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय ने यह भी दावा किया कि ममता बनर्जी और पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी जानते थे कि वह ‘निर्दोष’ हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह ज्योतिप्रिय को मेडिकल जांच के लिए ईडी कार्यालय सीजीओ कॉम्प्लेक्स से कमांड अस्पताल ले जाया गया. इस दाैरान उन्होंने कहा कि, मैं साजिश का शिकार हूं. बीजेपी ने मुझे फंसाया है.
ज्योतिप्रिय मल्लिक ने यह भी दावा किया कि उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. ज्योतिप्रिय ने दावा किया कि भाजपा और राज्य के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें फंसाया है. गिरफ्तारी के एक सप्ताह बाद भी बालू ने उस आरोप को बरकरार रखा है. बारासात के तृणमूल सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने गुरुवार को पार्टी से ज्योतिप्रिया की ‘दूरी’ बरकरार रखी और कहा, “व्यक्तिगत रूप से ज्योतिप्रिय मल्लिक ने जो किया है, उसके कारण पार्टी की छवि क्यों खराब होनी चाहिए ?” इसी माहौल में ज्योतिप्रिय ने संदेश दिया कि जैसे पार्टी उनके साथ है, वैसे ही वह भी पार्टी के साथ हैं. ज्योतिप्रिय ने इस पक्ष में होने का संदेश देने के लिए ममता और अभिषेक का नाम भी जोड़ा. गौरतलब है कि बालू एक समय उत्तर 24 परगना के तृणमूल अध्यक्ष थे, जहां से काकोली सांसद हैं.
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फिलहाल मंत्री ज्योतिप्रिय का इलाज कमांड हॉस्पिटल में ही होगा
राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ईडी हिरासत में हैं. बैंकशाल कोर्ट ने मंत्री के इलाज की जिम्मेदारी कमांड हॉस्पिटल को सौंपी है. हालांकि, कमांड हॉस्पिटल यह दायित्व नहीं लेना चाहता है. यही वजह है कि कमांड हॉस्पिटल की ओर से इस मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. हाईकोर्ट की पूजा वेकेशन सिंगल बेंच के न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद ने मामले को अगली बेंच में स्थानांतरित कर दिया. इस मामले की सुनवाई आठ नवंबर को होने की संभावना है. इस दिन अदालत द्वारा दिये गये निर्देशानुसार, ईडी की हिरासत में रहने के दौरान मंत्री मल्लिक को जरूरत पड़ने पर कमांड हॉस्पिटल में चिकित्सीय जांच के लिए लाया जा सकेगा. जरूरत पड़ी, तो उन्हें भर्ती भी कराया जा सकेगा. हालांकि, न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा कि बाद के चरण में मल्लिक के इलाज की जिम्मेदारी से राहत की मांग करने वाली कमांड हॉस्पिटल की याचिका पर अगली सुनवाई के दौरान ही विचार किया जा सकता है.
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