21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमेरिका व सऊदी अरब में है झारखंड के चतरा की लौंगलता की डिमांड, आजादी से पहले की इस दुकान में ऐसे बनती है ये मिठाई

चतरा (दीनबंधु) : झारखंड के चतरा जिले की लौंगलता (laungalata) काफी प्रसिद्ध मिठाई (sweets) है.यही कारण है कि दूर-दूर से लोग यहां इसके लिए आते हैं. इसके स्वाद (taste) का जादू ही है कि इसकी मांग विदेशों (foreign countries) (अमेरिका व सऊदी अरब ) में भी है. केशरी चौक पर स्थित बंगाली मिष्ठान भंडार में यह मिठाई बनती है. ये दुकान आजादी से पहले की है. सुबह से ही लौंगलता के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है.

चतरा (दीनबंधु) : झारखंड के चतरा जिले की लौंगलता (laungalata) काफी प्रसिद्ध मिठाई (sweets) है.यही कारण है कि दूर-दूर से लोग यहां इसके लिए आते हैं. इसके स्वाद (taste) का जादू ही है कि इसकी मांग विदेशों (foreign countries) (अमेरिका व सऊदी अरब ) में भी है. केशरी चौक पर स्थित बंगाली मिष्ठान भंडार में यह मिठाई बनती है. ये दुकान आजादी से पहले की है. सुबह से ही लौंगलता के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है.

चतरा जिले में मिठाई की यह दुकान आजादी के पूर्व से संचालित है. वर्ष 1905 से चल रहा है. इसकी शुरूआत भुवनमोहन नंदी ने की थी. इसके बाद उनके दो पुत्र बितन नंदी व रामविलास नंदी के द्वारा संचालित किया गया. लौंगलता की बिक्री 340 रूपये प्रति किलो की जाती है. समय के साथ अन्य दुकानों में भी लौंगलता की बिक्री की गयी, लेकिन दुकान नहीं चल सकी.

Also Read: Corona Vaccine : रांची समेत झारखंड के इन पांच जिलों में होगी कोरोना वैक्सीन की रिहर्सल क्या है खासियत

लौंगलता मिठाई शुद्ध घी व खोवा से बनायी जाती है. हर रोज 50 किलो मिठाई की बिक्री होती है. लौंगलता के अलावा जलेबी, कालाकंद एवं सेव का लड्डू प्रसिद्ध है. हर रोज सुबह जलेबी लेने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. सभी मिठाई घी में ही बनती है.

Undefined
अमेरिका व सऊदी अरब में है झारखंड के चतरा की लौंगलता की डिमांड, आजादी से पहले की इस दुकान में ऐसे बनती है ये मिठाई 2
विदेशों में हैं इसकी मांग

लौंगलता की मांग विदेशों में है. अमेरिका व सउदी अरब में इसकी मांग है. वहां रह रहे लोग अपने रिश्तेदारों से लौंगलता मिठाई को मंगाते हैं. इसके साथ ही अपने घर लौटने पर उस दुकान में पहुंचकर लौंगलता का लुत्फ उठाते हैं. विदेशों के अलावा झारखंड के सभी जिलो में भी इसकी मांग है.

Also Read: PM Modi In Jharkhand LIVE : पीएम नरेंद्र मोदी का नये साल पर झारखंड को तोहफा, लाइट हाउस की रखी आधारशिला क्या कहते हैं लोग

सिमरिया के प्रेम राणा ने बताया कि 20 किमी दूरी तय कर लौंगलता खाने यहां आये हैं. यहां की लौंगलता बहुत अच्छी रहती है. अपने बच्चों के लिए भी लौंगलता खरीदकर ले जा रहे हैं. ऊंटा चौर गांव के मोहन प्रसाद गुप्ता ने बताया कि लौंगलता का गजब स्वाद है. हर दो दिन के बाद चाव के साथ लौंगलता खाने आते हैं. शहर के मो. आरिफ ने कहा कि प्रतिदिन शाम में होटल में आकर लौंगलता खाते हैं. स्वाद में जादू है. इसलिए कहीं भी रहते हैं तो शाम को आकर लौंगलता जरूर खाते हैं.

Also Read: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के खरसावां में शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आदिवासी बच्चों की शिक्षा को लेकर कर दी बड़ी घोषणा क्या कहते हैं संचालक

होटल के संचालक शंकर चौधरी ने कहा कि आजादी के पूर्व से चल रही इस दुकान पर लोगों को विश्वास है. सभी मिठाई शुद्ध घी में बनायी जाती है. हर रोज लौंगलता बनती है. सुबह से ही लौंगलता खाने वालों की भीड़ लगी रहती है. अपने बलबूते होटल का संचालन कर रहे हैं. किसी के सहयोग की आवश्यकता नहीं है.

Also Read: प्रधानमंत्री ने रांची के लाइट हाउस प्रोजेक्ट का किया ऑनलाइन शिलान्यास, सीएम हेमंत सोरेन ने शहरी गरीबों-मजदूरों को सस्ते आवास के लिए किया ये आग्रह

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें