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डिवाइस खो जाए तो भी डेटा रहेगा सुरक्षित, समझें Cloud Storage का पूरा कॉन्सेप्ट

What is Cloud Storage: हम हर दिन न जाने अपने स्मार्टफोन में कितने सारे फोटो-वीडियो से लेकर बड़ी-बड़ी फाइल्स और डॉक्यूमेंट्स शेयर या डाउनलोड करते हैं. ऐसे में इन सबको फोन में स्टोर करने के लिए फोन का स्टोरेज काम आता है. लेकिन क्या हो जब फोन का स्टोरेज ही भर जाए. ऐसे में आज के समय में इस प्रॉबलम का भी सॉल्यूशन टेक कंपनियों ने निकाल दिया है. Google से लेकर कई बड़ी-बड़ी कंपनियां यूजर्स को क्लाउड स्टोरेज की सुविधा दे रही है. आइए जानते हैं क्या है ये और इसका इस्तेमाल कितना सेफ है.

What is Cloud Storage: स्मार्टफोन में प्रोसेसर, बैटरी और कैमरे के अलावा एक और चीज ऐसी है जिसके बिना हमारा काम नहीं चलेगा. वो चीज है स्टोरेज. स्मार्टफोन में स्टोरेज का अहम रोल है. क्योंकि, जिस तरह से बेहतरीन क्वालिटी में फोटो क्लिक करने के लिए कैमरा होता है, वैसे ही उस फोटो को फोन में संभालने के लिए स्टोरेज काम आता है. ऐसे में अगर फोन का स्टोरेज कम हो तो फिर फोटो सिर्फ डाउनलोड करने में ही नहीं बल्कि क्लिक करने में भी परेशानी आने लगती है. इसलिए फोन में ज्यादा स्टोरेज होना जरूरी है. हालांकि, कभी-कभी फोन में दिया गया स्टोरेज भी जवाब दे देता है. जिससे हर समय फोन में इतने सारे डेटा को रखना मुश्किल हो जाता है.

ऐसे में इतने सारे डेटा को संभाल कर रखने के लिए अब क्लाउड स्टोरेज (Cloud Storage) आ गया है. क्लाउड स्टोरेज सर्विस यूजर के डेटा को संभाल कर रखती है. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठता होगा की आखिर ये क्या है? साथ ही क्या इसमें हमारा डेटा सुरक्षित रह सकता है? अगर आपके भी मन में यही सवाल है, तो फिर इस खबर को पूरा जरूर पढ़िएगा. क्योंकि, आज हम आपको बताएंगे आखिर क्लाउड स्टोरेज क्या होता है और क्या ये हमारे डेटा को सुरक्षित रखता है.

Cloud Storage क्या होता है? | What is Cloud Storage

अक्सर हमारे फोन या लैपटॉप में स्टोरेज फुल हो जाने के कारण हम उनका डेटा किसी हार्ड ड्राइव या किसी और डिवाइस में ट्रांसफर कर देते हैं. जिससे आप जब चाहे उस डेटा का इस्तेमाल कर सकें और आपका डेटा सुरक्षित भी रहे. बस यही काम क्लाउड स्टोरेज आपके लिए करता है. हार्ड ड्राइव की जगह यह यह सर्वर पर आपके डेटा को स्टोर करता है. साथ ही आप जब चाहे तब इंटरनेट कनेक्शन के जरिए अपने डेटा तक पहुंच सकते हैं. इससे न तो आपको अलग-अलग डिवाइस की जरूरत पड़ती है और न ही किसी हार्ड ड्राइव की.

क्लाउड स्टोरेज (Cloud Storage) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आप अपने डेटा (फोटो, वीडियो, फाइलें, डॉक्यूमेंट्स) को अपने कंप्यूटर या मोबाइल की जगह इंटरनेट के जरिए किसी सुरक्षित डाटा सेंटर में स्टोर कर सकते हैं. जिसका रख-रखाव थर्ड पार्टी प्रोवाइडर करती है. ये थर्ड पार्टी अपने सर्वर पर आपके डेटा को स्टोर करने, मैनेज करने और उन्हें सेफ रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं. साथ ही ये सुनिश्चित करते हैं की उनके सर्वर पर मौजूद डेटा तक यूजर्स सार्वजनिक या निजी इंटरनेट कनेक्शन के जरिए पहुंच सकें.

Cloud Storage कैसे काम करता है? | How does Cloud Storage work

क्लाउड स्टोरेज Google Drive, iCloud, OneDrive, Dropbox, Amazon S3, Mega आदि प्रोवाइड करते हैं. ऐसे में आप जब भी कोई फाइल क्लाउड पर सेव करते हैं, तो वह सीधे इंटरनेट के जरिए उस कंपनी के सर्वर पर जाकर सेव हो जाती है. चलिए स्टेप-बाय-स्टेप से जानते हैं कि ये कैसे काम करती है.

  • जब आप Google Drive, iCloud, OneDrive या Dropbox जैसे किसी क्लाउड ऐप में फाइल अपलोड करते हैं, तो वह फाइल पहले इंटरनेट के जरिए उस कंपनी के डेटा सेंटर तक भेजी जाती है.
  • आपके फाइल को भेजने से पहले क्लाउड सिस्टम (Cloud System) उसे एन्क्रिप्ट (Encrypt) कर देता है. यानी कि सिस्टम डेटा को एक ऐसे कोड में बदल देता है, जिससे उसे कोई भी हैक न कर सके.
  • इसके बाद आपकी फाइल एक या एक से ज्यादा सर्वर (Storage Servers) में सेव की जाती है, ताकि अगर एक सर्वर फेल हो जाए तो भी यूजर का डेटा सुरक्षित रहे.
  • वहीं, जब भी आप लॉगिन करके अपनी फाइल खोलते हैं तो क्लाउड सर्वर उस फाइल को इंटरनेट के जरिए आपके डिवाइस तक भेज देता है. साथ ही जब आप फाइल डाउनलोड करते हैं तो वह डिक्रिप्ट (Decrypt) होकर अपने असली फॉर्मेट में आ जाता है.

Cloud Storage के फायदे | Benefits of Cloud Storage

  • कहीं से भी एक्सेस: आप इंटरनेट की मदद से अपने फाइल, फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट को कभी भी कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस अपना अकाउंट लॉगिन करना होगा.
  • स्मार्टफोन में बचेगा स्पेस: क्लाउड स्टोरेज पर डेटा अपलोड करने से आपके स्मार्टफोन या लैपटॉप में स्टोरेज कभी फुल नहीं होगा. जिससे आपको बार-बार किसी भी डॉक्यूमेंट या फोटो डाउनलोड करने के लिए स्टोरेज खाली नहीं करना पड़ेगा. साथ ही स्टोरेज खाली रहने से फोन का परफॉर्मेंस भी अच्छा रहेगा.
  • ऑटोमैटिक बैकअप और सिंक: क्लाउड स्टोरेज फाइलों का अपने आप बैकअप लेता रहता है. एक डिवाइस से फाइल अपडेट करने पर वह अपने आप सभी डिवाइसेस पर सिंक हो जाती है.
  • डेटा शेयर करना आसान: आप को जो फाइल किसी को शेयर करना है, तो उसका लिंक बना कर आप आसानी से शेयर कर सकते हैं. बड़ी फाइलों को ईमेल अटैचमेंट से भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
  • डेटा सुरक्षित और संरक्षित: फाइलें एन्क्रिप्शन (File Encryption) टेक्निक से आपका डेटा सेफ रहेगा. कई क्लाउड कंपनियां यूजर्स के डेटा को एक साथ कई सर्वरों में बैकअप करके रखती हैं, जिससे डेटा खोने का खतरा बहुत कम हो जाता है.
  • स्केलेबल और किफायती: कई कंपनियां अपने यूजर्स को कुछ स्पेस फ्री में देती है. साथ ही बड़े स्टोरेज स्पेस के लिए यूजर को पैसे देने पड़ते हैं. ऐसे में यूजर अपनी जरूरत के अनुसार स्टोरेज खरीद सकते हैं.

Cloud Storage में डेटा कितना सुरक्षित? | How safe is data in cloud storage?

क्लाउड स्टोरेज कंपनियां यूजर्स के डेटा की सेफ्टी के लिए कई लेवल पर सिक्योरिटी सिस्टम लगाती हैं. जैसे की:

  • डेटा एन्क्रिप्शन (Data Encryption): यूजर द्वारा क्लाउड पर डेटा अपलोड करते ही कंपनियां उस फाइल को एन्क्रिप्ट कर देती है. जिसके बाद यूजर को जब भी वह फाइल चाहिए होगी वह सही पासवर्ड या एन्क्रिप्शन की (Key) से ही डेटा ओपन कर सकता है.
  • मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: क्लाउड स्टोरेज कंपनियां यूजर के डेटा को सेफ रखने के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करती है. यानी की यूजर से अकाउंट एक्सेस करने के लिए सिर्फ पासवर्ड नहीं बल्कि OTP, ईमेल या मोबाइल वेरिफिकेशन भी मांगा जाता है. जिससे हैकिंग का खतरा कम हो जाता है.
  • एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम: बड़ी-बड़ी क्लाउड कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि (suspicious activity) होने पर तुरंत अलर्ट कर देती है. इसके अलावा 24×7 डेटा सेंटर में सिक्योरिटी मॉनिटरिंग की जाती है.

Cloud Storage का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं?

आपके स्मार्टफोन में स्टोरेज की दिक्कत है तो फिर आप क्लाउड स्टोरेज में अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं. आपके डेटा को सुरक्षित और हमेशा एक्सेसिबल रखने के लिए क्लाउड स्टोरेज एक बेहतरीन ऑप्शन है. लेकिन सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए कोई भी टेक्नोलॉजी 100% गारंटी नहीं देती. हालांकि, अगर आप सही तरीके से सुरक्षा उपायों का पालन करते हैं और विश्वसनीय क्लाउड प्लेटफॉर्म चुनते हैं, तो क्लाउड स्टोरेज में डेटा रखना काफी सुरक्षित और सुविधाजनक है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • हमेशा स्ट्रॉग और यूनिक पासवर्ड का ही इस्तेमाल करें.
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication) को हमेशा ऑन रखें.
  • पब्लिक वाई-फाई (Public Wi-Fi) पर सेंसिटिव डेटा (Sensitive Data) अपलोड करने से बचें.
  • केवल भरोसेमंद और प्रतिष्ठित क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर का ही इस्तेमाल करें.

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Shivani Shah
Shivani Shah
डिजिटल पत्रकारिता में 3 सालों का अनुभव है. प्रभात खबर में जूनियर टेक कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं. टेक्नोलॉजी कैटेगरी में ये स्मार्टफोन से लेकर टेक-टिप्स, गैजेट्स, एआई, सॉफ्टवेयर और डिजिटल ट्रेंड्स पर रिसर्च-बेस्ड, इन-डेप्थ और यूजर-फोकस्ड कंटेंट लिखती हैं. इसके अलावा ये ऑटोमोबाइल से जुड़ी खबरें भी लिखती हैं.

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