Sagardighi By-Election 2023: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की सागरदिघी विधानसभा सीट के लिए सोमवार को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस-वाम गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है.
50 फीसदी से अधिक मत मिले थे टीएमसी उम्मीदवार को
टीएमसी वर्ष 2011 से इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है. टीएमसी ने वर्ष 2021 में लगभग 50 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. उसने कुल मतों का 50 प्रतिशत से अधिक हासिल किया था, जबकि भाजपा और कांग्रेस-वाम गठबंधन ने क्रमश: 24 और 19 प्रतिशत मत हासिल किये थे.
टीएमसी ने देबाशीष बनर्जी को, भाजपा ने दिलीप साहा को उतारा
टीएमसी ने स्थानीय नेता देबाशीष बनर्जी को मैदान में उतारा है. भाजपा के उम्मीदवार दिलीप साहा हैं, जबकि वाम समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिस्वास भी चुनाव मैदान में हैं. यह निर्वाचन क्षेत्र अपने बीड़ी उद्योग के लिए जाना जाता है. यहां प्रवासी श्रमिकों की भी अच्छी खासी संख्या है.
60 प्रतिशत से अधिक आबादी अल्पसंख्यकों की
इस सीट पर 60 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक आबादी, लगभग 18.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 6.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की आबादी है. इस सीट पर लगभग 2.3 लाख मतदाता हैं. पिछले साल दिसंबर में टीएमसी विधायक एवं राज्य के मंत्री सुब्रत साहा के निधन के कारण सागरदिघी विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है.
इन लोगों ने किया था सागरदिघी में प्रचार
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य शीर्ष नेताओं तथा मंत्रियों ने उपचुनाव में प्रचार किया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने चुनाव प्रचार किया था.
शुभेंदु अधिकारी ने कहा- रिकॉर्ड अंतर से जीतेगी भाजपा
शुभेंदु अधिकारी ने कहा था, ‘यदि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं, तो भाजपा रिकॉर्ड अंतर से सीट जीतेगी. सागरदिघी विधानसभा सीट का उपचुनाव भविष्य में टीएमसी के पतन का कारण बनेगा.’ कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने भी उम्मीद जतायी कि उनकी पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज करेगी.
सुरक्षा में 30 कंपनियां तैनात
उन्होंने कहा, ‘अल्पसंख्यकों ने यह महसूस किया है कि टीएमसी और भाजपा एक ही सिक्के के दोन पहलू हैं. छात्र नेता अनीश खान की मौत और भ्रष्टाचार के मामलों का इस उपचुनाव पर असर पड़ेगा.’ निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में केंद्रीय बलों की 30 कंपनियों को तैनात किया है.