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सिलीगुड़ी के आयुर्वेदिक डॉक्टर का दावा, जड़ी-बूटी से कोरोना महामारी का इलाज संभव

आज पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है. चीन के वुहान शहर से शुरू हुई यह बीमारी का प्रकोप दुनिया के कई देशों में फैल चुका है. भारत में भी यह तेजी से पांव पसार रहा है. हालांकि अभी तक इस महामारी का कोई सटीक इलाज या वैक्सीन तैयार नहीं हो सका है. यही कारण है कि अब तक कोरोना संक्रमित हजारों मरीज मौत के मुंह में समा चुके हैं. कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने पिछले 24 मार्च की रात से ही पूरे देश में लॉकडाउन का निर्देश जारी कर दिया था. इसी बीच सिलीगुड़ी के देवीडांगा निवासी डॉ उदय ब्राह्मिन ने दावा किया है कि तीन दिन में वे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को पूरी तरह ठीक कर सकते हैं.

सिलीगुड़ी : आज पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है. चीन के वुहान शहर से शुरू हुई यह बीमारी का प्रकोप दुनिया के कई देशों में फैल चुका है. भारत में भी यह तेजी से पांव पसार रहा है. हालांकि अभी तक इस महामारी का कोई सटीक इलाज या वैक्सीन तैयार नहीं हो सका है. यही कारण है कि अब तक कोरोना संक्रमित हजारों मरीज मौत के मुंह में समा चुके हैं. कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने पिछले 24 मार्च की रात से ही पूरे देश में लॉकडाउन का निर्देश जारी कर दिया था. इसी बीच सिलीगुड़ी के देवीडांगा निवासी डॉ उदय ब्राह्मिन ने दावा किया है कि तीन दिन में वे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को पूरी तरह ठीक कर सकते हैं.

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आयुर्वेदिक में कानपुर से बीएएमएस की डिग्री प्राप्त डॉ उदय ब्राह्मिन का कहना है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी से तैयार औषधि कोरोना रोगी को खिलाने के बाद चौबीस घंटे में असर दिखना शुरू होगा. उन्होंने कहा कि एक बार की खुराक से मरीज तीन दिन में ठीक हो सकता है. हालांकि उन्होंने अब तक किसी भी कोरोना पॉजीटिव मरीज पर इसका परीक्षण नहीं किया है.

डॉ उदय ब्राह्मिन का कहना है कि सरकार अपनी लैबोरेटरी में इस आयुर्वेदिक औषधि की जांच करें तथा उसके बाद कोरोना पीड़ित मरीज को सेवन करायी जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज के लिए तेरह प्रकार का आयुर्वेदिक मिश्रण कर तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक इसकी सही जांच सरकार नहीं करती है, तब तक इस आयुर्वेदिक औषधि को वे किसी मरीज को नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही आयुर्वेदिक दवा को कोरोना रोगियों को दिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार इस दवा के ऊपर जल्द से जल्द संज्ञान ले, ताकि कोरोना से मरने वालों को संख्या में कमी आये. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस आयुर्वेदिक औषधि बनाने की विधि को भारत सरकार को मुफ्त में देना चाहते हैं.

गौरतलब है कि डॉ ब्राह्मिन दार्जिलिंग पहाड़ में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को उगाते हैं. यह कार्य उनके पूर्वज भी करते थे. आज भी वे जड़ी-बूटी से इलाज के परंपरागत पेशे को सफलतापूर्वक वे आगे बढ़ा रहे हैं. अपने निवास स्थान में जड़ी-बूटी से औषधि तैयार करते हैं. डॉ ब्राह्मिन लगभग 20 वर्षों से लगातार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से विभिन्न जटिल बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. उनका कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा से वे लाखों लोगों का इलाज कर चुके हैं.

डिसन अस्पताल के खिलाफ जिला प्रशासन ने माटीगाड़ा थाने में दर्ज कराया मामला

कोविड-19 अस्पताल के लिए राज्य सरकार से असहयोग करने के आरोप में दार्जिलिंग जिला प्रशासन ने कावाखाली स्थित डिसन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ माटीगाड़ा थाने में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया है. डिसन अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के तैर पर सरकार को सौंपने को लेकर डीएम व सीएमओएच ने कई बार अस्पताल प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास किया था. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया. ये भी आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के भड़काने पर रविवार रात को कावाखाली इलाके के 200 लोगों ने अस्पताल के गेट के बाहर कोविड-19 अस्पताल बनाने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था.

कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है. राज्य सचिवालय नवान्न ने प्राइवेट नर्सिंग होम से सहयोग की अपील की थी है. हालात को देखते हुए सरकार जिलास्तरीय निजी नार्सिंग होम को कोविड-19 अस्पताल में बदलने का प्रस्ताव दे चुकी है. हालांकि कई नर्सिंग होम सरकार का सहयोग कर रहे हैं. लेकिन सूची में डिसन अस्पताल का नाम रहने के बाद प्रबंधन असहयोग कर रहा है.

डिसन प्रबंधन पर आरोप है कि स्थानीय लोगों को भड़काकर रविवार रात को अस्पताल के बाहर 200 लोगों की भीड़ इकट्ठा करायी गयी थी. अस्पताल प्रबंधन के भड़कावे में आकर लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन कर कोविड-19 अस्पताल बनाने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. इस घटना के बाद रविवार रात को माटीगाड़ा थाना पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ.

बाद में जिला प्रशासन द्वारा शिकायत करने के बाद माटीगाड़ा पुलिस ने डिसन प्रबंधन के दो सदस्य अनुपम दे तथा विजन तालुकदार को आईपीसी 188 आर/डब्लू 51बी/35 ऑफ नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट आर/डब्लू सेक्शन 09 ऑफ वेस्ट बंगाल एमपीओ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. दूसरी ओर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए अस्पताल के सामने 200 लोगों की भीड़ इकट्ठा करने तथा कोविड-19 अस्पताल का विरोध जताने के आरोप में माटीगाड़ा थाने में आईपीसी 143/188 आर/डब्लू 51 बी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट एंड आर/डब्लू सेक्शन 09 ऑफ वेस्ट बंगाल एमपीओ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कावाखाली इलाके से अश्विनी सरकार व दीनबंधु अधिकारी को भी गिरफ्तार किया.

इन चारों को सोमवार सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया. जहां सभी की जमानत याचिका खारिज कर न्यायिक हिरासत में पीछे भेज दिया गया. इसके अलावा इस मामले में पुलिस अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है.

इस मामले को लेकर दार्जिलिंग के सीएमओएच डॉ प्रलय आचार्य ने कहा कि डिसन अस्पताल के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उधर, सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी जोन-2 (वेस्ट) डॉ कुंवर भूषण सिंह ने बताया कि माटीगाड़ा थाना में रविवार को डिसन अस्पताल के खिलाफ दार्जिलिंग जिला प्रशासन की ओर से एक मामला दर्ज हुआ है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने डिसन अस्पताल प्रबंधन के दो सदस्य अनुपम दे तथा विजन तालुकदार को गिरफ्तार किया गया है. जबकि डिसन अस्पताल के निदेशक डॉ जेपी शर्मा से फोन पर इस मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की.

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