सिलीगुड़ी: कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (केएलओ) की उत्तर बंगाल में सक्रियता से पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. खुफिया खबर है कि उत्तर बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान केएलओ आतंक फैलाने की फिराक में है. केएलओ का साथ कई उग्रवादी संगठन भी दे रहे हैं, जिससे केएलओ अपने आप को और भी मजबूत समझ रहा है.
केएलओ का साथ देनेवाले उग्रवादी संगठनों में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), माओवादी नेपाल , नेशनल रिबोल्यूशनरी फ्रंट (एनआरएफ), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन आइएम इसाक मुइवा) के साथ ही इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आइएसआइ) शामिल हैं. इन संगठनों के साथ मिल कर केएलओ और भी मजबूत हो गया है. केएलओ के निशाने पर नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के अलावा उत्तर बंगाल के कई कारखाने व सरकारी प्रतिष्ठान हैं.
केएलओ की सक्रियता को लेकर रेल के एडीजी मृत्युंजय सिंह ने उत्तर बंगाल में कुछ दिनों पहले प्रशासनिक बैठक की थी, जिसमें उत्तर बंगाल की सुरक्षा व्यवस्था पर विचार विमर्श किया गया था. पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा चुनाव है. ऐसी खबर है कि नेपाल में केएलओ का शिविर चल रहा है, जिसमें केएलओ के नये उग्रवादी प्रशिक्षण ले रहे हैं. केएलओ की सक्रियता दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, मालदा, दाजिर्लिंग, कोकराझार, बोगाईगांव, धुबड़ी व गोलपाड़ा में है. केएलओ 28 दिसंबर 1995 में मुख्य रूप से 60 सदस्यों के साथ उभर कर सामने आया. अभी 400 से अधिक इसके सदस्य हो गये हैं.
केएलओ की सक्रियता व लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर उत्तर बंगाल के आइजी जावेद शमीम ने कहा है कि केएलओ से हर तरह से निबटने के लिए पुलिस तैयार है. उन्होंने कहा कि जहां से भी केएलओ की सक्रितया की खबर आ रही है, वहां पुलिस छापेमारी कर केएलओ उग्रवादियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि जलपाईगुड़ी बम कांड के बाद से बहुत से केएलओ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. श्री शमीम ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में बिना किसी भय के मतदाता अपने मताधिकर का प्रयोग करें. किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटेगी. चुनाव के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम रहेंगे. अद्धसैनिक बलों की तैनाती होगी. उन्होंने कहा है कि चुनाव के दौरान केएलओ द्वारा आतंक फैलाने जैसी कोई खबर नहीं मिली है.